देवास में शराब ठेकेदार की आत्महत्या के बाद आबकारी विभाग में हड़कंप, अधिकारी निलंबित

देवास में शराब ठेकेदार दिनेश मकवाना की आत्महत्या के मामले ने पूरे प्रदेश में हंगामा मचा दिया है। इंदौर के कनाड़िया निवासी और देवास में शराब ठेका चलाने वाले दिनेश मकवाना ने आत्महत्या से पहले कुछ वीडियो बनाए थे, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन्हीं वीडियो में लगाए आरोपों के आधार पर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए देवास की सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को निलंबित कर दिया है।

वीडियो में ठेकेदार दिनेश मकवाना साफ कहता दिख रहा है कि आबकारी विभाग की अफसर मंदाकिनी दीक्षित उससे लगातार पैसे की मांग कर रही थीं। वह वीडियो में कहता है
“मेरे पास 14 करोड़ का काम है। यहां जो एसी मैडम हैं, मंदाकिनी दीक्षित, वो मुझसे पैसे मांग रही हैं। मेरे पास 5 दुकानें हैं। हर दुकान के लिए साढ़े 7 लाख रुपये महीना मांगती हैं। मैं अब तक 20–22 लाख रुपये दे चुका हूं, लेकिन अब बहुत परेशान हो चुका हूं। इसलिए जान दे रहा हूं।”

ठेकेदार ने ऐसे चार वीडियो रिकॉर्ड किए थे। कुछ वीडियो में कथित तौर पर मंदाकिनी दीक्षित और ठेकेदार की मां संतोष मकवाना के बीच पैसों को लेकर बातचीत भी सुनाई देती है। इन वीडियो में पैसे के लेन-देन, सेटलमेंट और महीने की रकम तय करने जैसी बातें सामने आती हैं। वीडियो सामने आने के बाद पूरे मामले में बड़ी राजनीतिक हलचल शुरू हो गई।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए और देवास जिले की प्रभारी सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को निलंबित कर दिया गया। सरकार ने कहा कि मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और अगर दोष साबित होते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मंदाकिनी दीक्षित को हटाकर विभागीय जांच का आदेश जारी किया गया है।

मृतक के परिवार ने भी आरोप लगाए हैं कि दिनेश को विभाग के कुछ अधिकारी परेशान कर रहे थे, जिसके कारण वह मानसिक तनाव में था। परिवार का कहना है कि दिनेश ने कई बार अधिकारियों को पैसे दिए थे, लेकिन फिर भी दबाव बढ़ाया जा रहा था।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने पूरे आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि अगर आरोप सही हैं तो शराब ठेकेदारों पर लगातार दबाव और अवैध वसूली जैसी गतिविधियां विभाग में गहराई तक फैली हुई हैं। वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि जांच के बाद ही असली दोषी सामने आएंगे।

अब सरकार की ओर से कहा गया है कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। सभी वीडियो, कॉल रिकॉर्डिंग और गवाहों के बयान को जांच में शामिल किया जाएगा। पुलिस और आबकारी विभाग मिलकर मामले की पड़ताल कर रहे हैं।

दिनेश मकवाना की मौत के बाद प्रदेश भर में चर्चा का माहौल है। ठेकेदारों के संगठन भी जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर किसी अधिकारी ने अवैध वसूली की है तो उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए।

मामले की अगली अपडेट आने तक मंदाकिनी दीक्षित निलंबन में रहेंगी और जांच जारी रहेगी।

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