रूस–यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने पेश की 28 सूत्रीय योजना, कई विवादित प्रावधान शामिल
वॉशिंगटन। रूस–यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक 28 सूत्रीय शांति प्रस्ताव पेश किया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण और विवादित बिंदु यह है कि यूक्रेन को अपनी 20 प्रतिशत भूमि रूस को सौंपनी होगी। ट्रंप ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने की अंतिम तारीख 27 नवंबर तय की है।
शांति योजना के अनुसार यूक्रेन की क्षेत्रीय सीमाओं, सेना की संरचना और सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए जाएंगे। इसके बदले युद्ध समाप्त करने और पुनर्निर्माण कार्यों को गति देने के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों की साझेदारी बढ़ेगी।
योजना का प्रमुख आधार: भूमि सौंपना और सैन्य प्रतिबंध
ट्रंप द्वारा पेश की गई प्रस्तावित योजना में स्पष्ट कहा गया है कि रूस को यूक्रेन की 20% भूमि दी जाएगी। यह योजना वर्तमान विवादित क्षेत्रों और युद्ध के मोर्चों को स्थायी रूप से रूस के अधिकार क्षेत्र में मानने जैसी स्थिति पैदा कर सकती है।
इसके साथ ही यूक्रेन की सेना पर भी महत्वपूर्ण प्रतिबंध लगाए गए हैं:
यूक्रेन की सैन्य क्षमता को 6 लाख सैनिकों तक सीमित करना
यूक्रेन को नाटो में प्रवेश नहीं दिया जाएगा
भविष्य में किसी अन्य देश के साथ युद्ध या हमला होने पर यह शांति समझौता स्वतः निरस्त माना जाएगा
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में ये शर्तें अत्यंत कठोर मानी जा रही हैं और यूक्रेन की संप्रभुता पर सीधा प्रभाव डालती हैं।
रूस को वैश्विक मंच पर लौटाने का रास्ता
इस प्रस्ताव के तहत अमेरिका रूस पर प्रतिबंधों में भी ढील देने को तैयार है। योजना में शामिल है:
रूस को दोबारा जी-8 समूह से जोड़ना
रूस को वैश्विक वित्तीय प्रणाली में पुनः शामिल करना
अमेरिका द्वारा रूस की 100 अरब डॉलर की संपत्ति मुक्त करना
यह राशि यूक्रेन के पुनर्निर्माण में खर्च की जाएगी और इसका नेतृत्व अमेरिका करेगा। इस प्रक्रिया से मिलने वाले लाभ का 50 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका को मिलेगा। यूरोपीय संघ भी अतिरिक्त 100 अरब डॉलर की राशि इस योजना में लगाएगा।
यूक्रेन में जल्द चुनाव कराने का प्रस्ताव
ट्रंप की योजना में यह भी प्रावधान है कि यूक्रेन में आने वाले 100 दिनों के भीतर चुनाव कराए जाएं। इस राजनीतिक पुनर्गठन का उद्देश्य यूक्रेन में स्थिरता लाना और युद्ध के बाद की नई व्यवस्था को वैधता प्रदान करना है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठे सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना भले ही युद्ध समाप्त करने की दिशा में एक कदम है, लेकिन इसकी कीमत यूक्रेन की संप्रभुता और रणनीतिक स्वतंत्रता पर भारी पड़ेगी।
नाटो में प्रवेश रोकने की शर्त
सेना का आकार घटाने का दबाव
भूमि का एक बड़ा हिस्सा छोड़ने की मजबूरी
ये पहलू यूक्रेन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हैं और इसी कारण यह प्रस्ताव विवाद का केंद्र बन गया है।
विश्लेषकों का यह भी कहना है कि यह योजना अमेरिका के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो सकती है क्योंकि पुनर्निर्माण परियोजनाओं का नियंत्रण और लाभ दोनों अमेरिका को मिलेंगे। वहीं रूस की वैश्विक मंच पर वापसी भी इस योजना का महत्वपूर्ण परिणाम होगी।
पिछले तीन वर्षों में रूस–यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा बाजार और सुरक्षा संतुलन को गहराई से प्रभावित किया है। ऐसे में ट्रंप का यह प्रस्ताव भू-राजनीति की दिशा बदलने वाली संभावित पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया पर दुनिया की नजरें टिकी हैं।
✨ स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!
अल्मोड़ा में जंगल से मिली 161 जिलेटिन छड़ें, पुलिस सतर्क
गुजरात में बोले अमित शाह: तमिलनाडु और बंगाल में भी भाजपा–एनडीए की सरकार बनने का दावा
मेक्सिको की फातिमा बॉश बनीं ब्रह्मांड सुंदरी 2025
स्मृति मंधाना की शादी की रस्में शुरू, 23 नवंबर को संगीतकार पलाश मुच्छल संग लेंगी सात फेरे
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/media_files/2025/11/22/ukraine-russia-war-2025-11-22-14-47-09.webp)