पीयूष गोयल और सऊदी निवेश मंत्री की मुलाकात, भारत-सऊदी आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत बनाने पर चर्चा
नई दिल्ली, 12 नवंबर। भारत और सऊदी अरब के बीच आर्थिक, व्यापारिक और निवेश संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से बुधवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह से नई दिल्ली में मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग के नए आयामों पर विस्तृत चर्चा हुई और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के ठोस उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।
पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा कि भारत और सऊदी अरब की साझेदारी आपसी विश्वास, साझा समृद्धि और दीर्घकालिक सहयोग पर आधारित है। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, अवसंरचना, पेट्रोकेमिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति बनी है।
गोयल ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के संबंध केवल व्यापार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह “रणनीतिक साझेदारी” बन चुकी है जो दोनों देशों की आर्थिक प्रगति को नई दिशा दे रही है। उन्होंने सऊदी मंत्री और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि यह संवाद भारत की ‘विजन 2047’ और सऊदी अरब की ‘विजन 2030’ के बीच सहयोग का एक नया पुल साबित होगा।
सऊदी निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह ने भी भारत की आर्थिक प्रगति और नीतिगत सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि सऊदी अरब भारत के साथ व्यापारिक और निवेशिक संबंधों को और मजबूत बनाना चाहता है। उन्होंने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम और डिजिटल विकास की गति को “विश्व के लिए प्रेरणादायक” बताया।
भारत-सऊदी संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम
इस मुलाकात से पहले 9 नवंबर को रियाद में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक सहयोग को लेकर एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। भारत की ओर से केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, और सऊदी अरब की ओर से संस्कृति मंत्री प्रिंस बदर बिन अब्दुल्ला बिन फरहान अल सऊद ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता कला, संगीत, विरासत, साहित्य, फिल्म और संग्रहालय जैसे क्षेत्रों में सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देगा। इसके माध्यम से दोनों देश न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी एक-दूसरे के और करीब आएंगे।
भारत-सऊदी व्यापारिक रिश्ते: लगातार बढ़ता सहयोग
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 41.88 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है। इसमें रसायन, पेट्रोकेमिकल्स, ऊर्जा और खनिज तेल का सबसे बड़ा योगदान रहा है। अकेले रासायनिक और पेट्रोकेमिकल उत्पादों का व्यापार लगभग 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत और सऊदी अरब के बीच ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, अवसंरचना निवेश और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में साझेदारी आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी। साथ ही सऊदी अरब का “पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF)” भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल सेक्टर में बड़े निवेश की संभावनाओं की तलाश कर रहा है।
‘विजन 2030’ और ‘विजन 2047’ के बीच सहयोग का नया युग
भारत का “अमृत काल” और सऊदी अरब का “विजन 2030” दोनों देशों को विकास के नए रास्ते पर ले जा रहे हैं। इन पहलों के तहत दोनों देशों का लक्ष्य आर्थिक विविधीकरण, डिजिटल प्रगति, नवाचार और रोजगार सृजन है।
दोनों नेताओं की बैठक को इस दिशा में एक रणनीतिक और दीर्घकालिक साझेदारी के रूप में देखा जा रहा है, जो मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के बीच आर्थिक पुल का कार्य करेगी।
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