डीज़ल टैंकर से भीषण टक्कर के बाद बस में आग, हैदराबाद सहित कई परिवारों में मातम का माहौल

रियाद/नई दिल्ली, 17 नवंबर। धार्मिक आस्था और पवित्र उमराह यात्रा के उद्देश्य से सऊदी अरब पहुंचे भारतीय तीर्थयात्रियों की यात्रा एक भयावह त्रासदी में बदल गई। मक्का से मदीना जा रही बस भारतीय समयानुसार रविवार देर रात लगभग डेढ़ बजे एक डीज़ल टैंकर से इतनी जोरदार तरीके से टकरा गई कि पल भर में वाहन आग की लपटों में घिर गया। इस भीषण दुर्घटना में कम से कम 42 भारतीय तीर्थयात्रियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है, जबकि मृतकों की अंतिम संख्या और पहचान की प्रक्रिया पूरी होने का अभी इंतजार है। बताया जा रहा है कि मृतकों में महिलाएं, छोटे बच्चे और बुजुर्ग बड़ी संख्या में शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि आग की तीव्रता और बस के पूरी तरह जलकर राख हो जाने के कारण शवों की पहचान कर पाना बेहद कठिन है।

दुर्घटना मदीना से लगभग 160 किलोमीटर दूर मुहरास-मुफरीहाट क्षेत्र के पास हुई। सऊदी अरब के नागरिक सुरक्षा दल और पुलिस को जब सूचना दी गई, तब तक आग ने पूरी बस को घेर लिया था। राहत दल ने आपातकालीन सहायता प्रयासों के दौरान एक व्यक्ति को जीवित बाहर निकाला, लेकिन वह गंभीर रूप से झुलस गया है और अत्यंत नाजुक स्थिति में उपचार प्राप्त कर रहा है। यह हादसा रात के समय हुआ, जब बस में बैठे अधिकतर यात्री नींद में थे, जिसके कारण किसी को बचने का अवसर तक नहीं मिला। वाहन के कांच और दरवाजे आग और धातु के पिघलने के कारण बंद हो गए, जिससे भीतर फंसे यात्रियों की जान बचाना लगभग असंभव हो गया।

दुर्घटना के बाद आशंका व्यक्त की गई कि इस बस में सवार अधिकांश तीर्थयात्री भारत के हैदराबाद क्षेत्र के निवासी थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लगभग 54 लोग 9 नवंबर को हैदराबाद से उमराह यात्रा पर सऊदी पहुंचे थे। वे लगभग दो सप्ताह के धार्मिक कार्यक्रमों के बाद 23 नवंबर को वापस भारत लौटने वाले थे। इनमें से कुछ लोग अलग वाहन से यात्रा कर रहे थे, जबकि कुछ लोग मक्का में ही रुके हुए थे। दुर्घटना के समय बस में कुल 46 लोग सवार बताए गए, जिनमें से अत्यधिक संख्या में लोगों की ज़िंदगी लपटों के कारण खत्म हो गई।

सूत्रों के अनुसार मृतकों में लगभग 18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे होने की आशंका जताई गई है। इस घटना की खबर सामने आते ही भारत में हैदराबाद शहर सहित तेलंगाना राज्य के अनेक परिवारों में हाहाकार मच गया। रिश्तेदार लगातार यात्रा संचालकों और सरकारी अधिकारियों से संपर्क करने में लगे हुए हैं, ताकि वे अपने परिजनों की स्थितियों के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकें। हालांकि, आगजनी की भयावहता को देखते हुए यह प्रक्रिया लंबी और बेहद कठिन साबित हो सकती है।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि यह घटना न केवल तेलंगाना के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक गहरी पीड़ा का कारण है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भारत के रियाद स्थित दूतावास के साथ संपर्क बनाए रखकर पीड़ितों और उनके परिजनों को आवश्यक सहयोग प्रदान करें। इसी प्रकार हैदराबाद के सांसद ने भी इस दुखद हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने कई परिवारों की खुशियों और भविष्य को एक ही क्षण में छीन लिया।

सऊदी अरब प्रशासन और भारतीय दूतावास की संयुक्त टीम इस पूरी प्रक्रिया पर तेज़ी से काम कर रही है। प्राथमिकताएं यह हैं कि मृतकों की पहचान पूरी की जाए, लापता लोगों के बारे में स्थिति स्पष्ट की जाए और घायल की चिकित्सा सहायता को सर्वोच्च स्तर पर प्रदान किया जाए। पीड़ितों के पार्थिव अवशेषों को सम्मानपूर्वक भारत भेजने की प्रक्रिया भी तेजी से प्रारंभ की जा सकती है, लेकिन पहचान संबंधी कठिनाइयों से यह प्रक्रिया लंबी और तकनीकी स्तर पर जटिल हो सकती है।

मदीना और मक्का मार्ग पर यह घटना उन अनेक यात्राओं के बीच एक अत्यंत दुखद और चेतावनी देने वाली दुर्घटना है। धार्मिक यात्रा और पवित्र स्थलों की ओर जा रहे यात्रियों के लिए सुरक्षा मानकों और सार्वजनिक वाहन परिचालन की समुचित निगरानी की आवश्यकता को यह घटना और अधिक प्रबल रूप से सामने लाती है। यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि कई मासूम जिंदगियों का वह दर्द है, जिसे समझने के लिए शब्द भी अपर्याप्त प्रतीत होते हैं।

भारतीय दूतावास, तेलंगाना सरकार, उमराह यात्रा से जुड़े संचालक और अंतरराष्ट्रीय सहायता दल इस दुर्घटना से संबंधित सभी पहलुओं पर मिलकर कार्य कर रहे हैं, ताकि किसी भी परिवार को जानकारी या सहायता में कठिनाई न हो। फिलहाल देश और विदेश के लोगों की प्रार्थनाएं इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों के साथ हैं।

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