इंडोनेशिया के सेंट्रल जावा में बड़ा एक्सीडेंट, कई यात्री बस में फंसे
इंडोनेशिया के सेंट्रल जावा प्रांत में सोमवार तड़के एक बहुत बड़ा सड़क हादसा हो गया। यह हादसा सेमारंग शहर में क्राप्याक टोल एग्जिट के पास हुआ। तेज रफ्तार में जा रही एक बस अचानक अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे लगे रोड बैरियर से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि बस पलट गई। इस हादसे में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसा सुबह बहुत जल्दी हुआ, जब ज्यादातर यात्री बस के अंदर सो रहे थे। अचानक झटका लगने से लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, बस की रफ्तार काफी तेज थी। अचानक चालक का नियंत्रण बस से हट गया और बस सीधे बैरियर से जा टकराई। टक्कर के बाद बस सड़क पर पलट गई और कई यात्री उसके अंदर ही फंस गए।
हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। लोगों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस व राहत टीम को सूचना दी गई। सेमारंग सर्च एंड रेस्क्यू ऑफिस की टीम कुछ ही देर में घटनास्थल पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरू किया गया।
रेस्क्यू टीम के प्रमुख बुडियोनो ने बताया कि राहत कार्य बहुत मुश्किल था। बस के शीशे पूरी तरह टूट चुके थे और अंदर जाने का रास्ता बंद हो गया था। कई यात्री बस के अंदर फंसे हुए थे। उन्हें बाहर निकालने के लिए विशेष मशीनों और औजारों का इस्तेमाल करना पड़ा। बस की लोहे की बॉडी मुड़ चुकी थी और हर कदम पर खतरा बना हुआ था।
रेस्क्यू टीम को पलटी हुई बस के अंदर घुसकर बहुत सावधानी से काम करना पड़ा। कांच के टुकड़े और मुड़ी हुई धातु के कारण बचावकर्मियों को भी चोट लगने का खतरा था। कई घंटों की मेहनत के बाद सभी घायलों और मृतकों को बाहर निकाला गया।
समाचार एजेंसी के अनुसार, सभी घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज चल रहा है। मृतकों और घायलों की पहचान की जा रही है। पुलिस और प्रशासन हादसे के कारणों की जांच में जुट गया है।
यह हादसा ऐसे समय हुआ है, जब कुछ दिन पहले इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भी एक दुखद घटना हुई थी। वहां एक घर में आग लगने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। शुरुआती जांच में आग लगने की वजह बिजली का शॉर्ट सर्किट बताई गई थी।
लगातार हो रही इन घटनाओं ने इंडोनेशिया में सड़क सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि तेज रफ्तार वाहनों पर सख्ती की जाए और सुरक्षा नियमों को और मजबूत किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
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