यूक्रेन में कैद गुजरात के छात्र ने वीडियो में किया चेतावनी का ऐलान

यूक्रेनी सेना की कैद में गुजरात का छात्र साहिल मोहम्मद हुसैन ने वीडियो संदेश भेजा है। इस वीडियो में उसने भारतीय युवाओं से कभी भी रूसी सेना में शामिल न होने की अपील की है। वीडियो सोमवार को सामने आया।

साहिल ने बताया कि रूस में उसे एक झूठे ड्रग्स केस में फंसाकर ब्लैकमेल किया गया और जबरन रूसी सेना में भर्ती कर युद्ध में भेजा गया। फिलहाल वह यूक्रेन में कहां रखा गया है, इसकी कोई जानकारी नहीं है।

Russia:यूक्रेन की कैद से गुजरात के युवक ने पीएम मोदी से की अपील, कहा- मैं  घर वापस आना चाहता हूं - Gujarat Morbi Student Issue Another Video From  Ukraine Appeal From Youth

यूक्रेनी बलों ने यह वीडियो गुजरात में उसकी मां को भेजा। उन्होंने कहा कि यह वीडियो भारतीयों को रूसी सेना में फंसने से बचाने के लिए भेजा गया है। साहिल की मां ने दिल्ली की अदालत में याचिका दायर की है ताकि बेटे को सुरक्षित घर लाया जा सके। इस मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होगी।

साहिल का बयान

वीडियो में साहिल गहरे हरे रंग की जैकेट पहने दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा:

"मैं 2024 में पढ़ाई के लिए रूस आया था। लेकिन आर्थिक और वीजा संबंधी समस्याओं के कारण मैं कुछ रूसियों के संपर्क में आया, जो बाद में नशीले पदार्थों के धंधे से जुड़े निकले। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया।"

साहिल ने आगे बताया कि रूस में कम से कम 700 लोगों को ड्रग्स के आरोप में जेल में डाला गया, लेकिन जेल प्रशासन ने सिर्फ उसे कहा कि अगर वह रूसी सेना में शामिल होगा, तो ड्रग्स केस वापस ले लिया जाएगा।

 "मैंने उनकी बात मान ली और 15 दिन का प्रशिक्षण लेने के बाद सीधे युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया। मोर्चे पर पहुंचते ही मैंने यूक्रेनी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अब मैं उनके कब्जे में हूं।"

साहिल ने यह भी कहा कि वह खुद को बेहद असहाय महसूस कर रहा है और नहीं जानता आगे क्या होगा। उन्होंने अपने संदेश में भारत आने वाले युवाओं से कहा:

 "सावधान रहें। यहां बहुत से लोग हैं जो आपको झूठे ड्रग्स केस में फंसा सकते हैं।"

भारत सरकार और पीएम से अपील

साहिल ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है कि उसकी सुरक्षित घर वापसी में मदद करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हाल ही में भारत आए थे, सरकार उनसे बात करके मदद करे।

सरकार की ओर से कहा गया कि रूस में मौजूद भारतीय छात्रों को ऐसे ऑफर से दूर रहना चाहिए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 5 दिसंबर को बताया कि भारत उन नागरिकों की रिहाई के लिए कोशिश कर रहा है जो रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हो गए हैं।

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