“RBI ने घटाई ब्याज दर, अर्थव्यवस्था पर दिखेगा बड़ा असर: SBI चेयरमैन”
देश की अर्थव्यवस्था इस समय मजबूत रास्ते पर आगे बढ़ रही है। एसबीआई और इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) के चेयरमैन चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी ने शनिवार को कहा कि आरबीआई की हालिया मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिए गए फैसले देश की अर्थव्यवस्था को लेकर एक साफ और भरोसेमंद संदेश देते हैं। उनका कहना है कि आरबीआई के फैसले दिखाते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है, महंगाई नियंत्रण में है और विकास की रफ्तार अच्छी चल रही है।
उन्होंने बताया कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया है। यह बढ़ोतरी दिखाती है कि आरबीआई को आने वाले समय में भी भारत की अर्थव्यवस्था के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है। शेट्टी के अनुसार, ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को अचानक आने वाले झटकों या विदेशों में होने वाले नकारात्मक प्रभावों से बचाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि रेपो रेट में कटौती और आगे भी कटौती की संभावना बनाए रखना, अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और स्थिर बनाता है। जब ब्याज दर कम होती है, तो लोगों को सस्ता कर्ज मिलता है, कंपनियां ज्यादा निवेश करती हैं और बाजार में पैसा घूमता है। इससे रोजगार बढ़ता है, खपत बढ़ती है और विकास तेज होता है। शेट्टी ने कहा कि यह सब मिलकर देश को लंबे समय में तेज विकास के रास्ते पर ले जाता है।
आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.5 प्रतिशत से 5.25 प्रतिशत कर दिया। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। रेपो रेट घटने का मतलब है कि बैंकों को सस्ता कर्ज मिलेगा, और वे लोगों को भी कम ब्याज पर लोन देंगे। इससे होम लोन, बिजनेस लोन और कार लोन सब सस्ते हो जाते हैं।
शेट्टी ने बताया कि आरबीआई का यह फैसला निवेश और क्रेडिट को बढ़ावा देता है। साथ ही, लिक्विडिटी-मैनेजमेंट के कदम मनी मार्केट की ब्याज दरों को स्थिर रखने में मदद करेंगे, जिससे बैंकों और उद्योगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि टारगेटेड लिक्विडिटी उपाय, कीमतों को स्थिर रखते हुए आर्थिक गतिविधि को मजबूत बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी हैं।
एसबीआई रिसर्च की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत ने 7.8 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज की, जबकि दूसरी तिमाही में यह 8.2 प्रतिशत पहुंच गई। ये आंकड़े दिखाते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत बाकी दो तिमाहियों में भी 7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करेगा। इसी आधार पर एसबीआई रिसर्च ने पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.6 प्रतिशत लगाया है।
कुल मिलाकर, आरबीआई और एसबीआई दोनों का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती, महंगाई का नियंत्रण और तेज़ी से होती जीडीपी वृद्धि से भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत होती जा रही है। आने वाले समय में निवेश, रोजगार और खपत में तेजी देखने को मिल सकती है, जिससे आम लोगों को भी फायदा पहुंचेगा।
भारत ने तीसरे वनडे में साउथ अफ्रीका को 9 विकेट से रौंदकर सीरीज अपने नाम की
मध्यप्रदेश के राजभवन का नाम बदला: अब ‘लोक भवन’ कहलाएगा राज्यपाल निवास
इंडिगो संकट: फ्लाइट्स कैंसिल, भारी देरी और यात्रियों की परेशानी बढ़ी
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/media_files/2025/12/07/sbi-2025-12-07-13-08-02.webp)