घरेलू सर्राफा बाजार में ऐतिहासिक उछाल, महंगाई और वैश्विक तनाव का सीधा असर

सोने और चांदी की कीमतों ने 22 दिसंबर को घरेलू बाजार में इतिहास रच दिया। लगातार दूसरे दिन दोनों कीमती धातुएं ऑलटाइम हाई पर पहुंच गईं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक 24 कैरेट सोना 2,313 रुपये की जोरदार छलांग लगाकर 1,36,283 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। एक दिन पहले यानी सोमवार को सोना 1,33,970 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। इस तेजी ने सर्राफा बाजार से लेकर निवेशकों तक सभी को चौंका दिया है।

चांदी ने भी सोने के साथ कदम से कदम मिलाते हुए नया शिखर छू लिया। एक किलो चांदी की कीमत 3,273 रुपये बढ़कर सीधे 2,11,000 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले सोमवार को चांदी 2,07,727 रुपये प्रति किलो पर थी। सिर्फ दस दिनों में चांदी 25,512 रुपये महंगी हो चुकी है। 10 दिसंबर को जहां चांदी 1,85,488 रुपये प्रति किलो बिक रही थी, वहीं अब यह निवेशकों के लिए ‘हॉट मेटल’ बन गई है।

पूरे साल में सोना-चांदी ने निवेशकों को चौंकाया

अगर पूरे साल की तस्वीर देखें तो सोना और चांदी दोनों ने अभूतपूर्व रिटर्न दिया है। साल 2024 के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपये का था, जो अब बढ़कर 1,36,283 रुपये तक पहुंच चुका है। इस तरह सिर्फ एक साल में सोने के दाम 60,121 रुपये बढ़ गए हैं। चांदी की कहानी तो इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपये थी, जो अब 2,11,000 रुपये प्रति किलो के पार निकल चुकी है। यानी एक साल में चांदी 1,24,983 रुपये महंगी हो चुकी है।

सोने में तेजी के पीछे क्या हैं बड़े कारण

सोने की कीमतों में आई इस ऐतिहासिक तेजी के पीछे सबसे बड़ा कारण वैश्विक स्तर पर डॉलर की कमजोरी मानी जा रही है। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के बाद डॉलर कमजोर हुआ है, जिससे सोने को होल्ड करने की लागत कम हो गई। इसका सीधा फायदा यह हुआ कि निवेशकों का रुझान तेजी से सोने की ओर बढ़ा। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया समेत कई इलाकों में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने भी सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर और मजबूत बना दिया। जब भी दुनिया में अनिश्चितता बढ़ती है, निवेशक सबसे पहले सोने का रुख करते हैं। तीसरा बड़ा कारण केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी है। चीन जैसे देश अपने रिजर्व बैंक में लगातार सोना जोड़ रहे हैं। अनुमान है कि सालभर में 900 टन से ज्यादा सोने की खरीद की जा चुकी है, जिसने कीमतों को नई ऊंचाई तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।

चांदी क्यों बन गई निवेशकों की पहली पसंद

चांदी में आई तेज़ी सिर्फ निवेश भावना तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी मजबूत औद्योगिक मांग भी बड़ा कारण है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे क्षेत्रों में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। अब चांदी सिर्फ आभूषणों तक सीमित धातु नहीं रही, बल्कि यह आधुनिक उद्योग का अहम कच्चा माल बन चुकी है। इसके अलावा अमेरिका में संभावित टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर डर का माहौल है। डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी टैरिफ नीतियों की आशंका के चलते अमेरिकी कंपनियां चांदी का भारी स्टॉक जमा कर रही हैं, जिससे वैश्विक सप्लाई पर दबाव बढ़ा है। वहीं दुनिया भर के मैन्युफैक्चरर भी उत्पादन रुकने के डर से पहले ही खरीदारी कर रहे हैं, जिसने चांदी की कीमतों को और ऊपर धकेल दिया है।

आगे और बढ़ सकते हैं दाम, विशेषज्ञों का अनुमान

कमोडिटी बाजार के जानकार मानते हैं कि यह तेजी फिलहाल थमने वाली नहीं है। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक चांदी की मांग में मजबूती बनी हुई है और आने वाले समय में इसमें और उछाल देखने को मिल सकता है। उनका अनुमान है कि अगले एक साल में चांदी 2.50 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। वहीं इस साल के अंत तक भी इसके 2.10 लाख रुपये प्रति किलो के आसपास बने रहने की संभावना है। सोने को लेकर भी यही रुझान है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक हालात ऐसे ही रहे तो अगले साल सोना 1.50 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर सकता है, जबकि साल के अंत तक इसके 1.35 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास टिके रहने की उम्मीद जताई जा रही है।

सोना खरीदते समय सावधानी बेहद जरूरी

कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं, ऐसे में सोना खरीदते वक्त सतर्क रहना और भी जरूरी हो जाता है। निवेशकों और आम खरीदारों को हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड सोना ही खरीदना चाहिए, ताकि शुद्धता को लेकर कोई संदेह न रहे। इसके साथ ही खरीद के दिन सोने का सही वजन और ताज़ा भाव अलग-अलग विश्वसनीय स्रोतों से जांच लेना समझदारी भरा कदम माना जाता है, क्योंकि 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की कीमतों में बड़ा अंतर होता है।

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