आज के समय में लोगों की जीवनशैली पूरी तरह बदल चुकी है। काम का दबाव, देर तक जागने की आदत और मोबाइल पर अधिक समय बिताने के कारण भोजन का समय भी धीरे-धीरे आगे खिसक गया है। बहुत से लोग रात में देर से खाना खाते हैं और कुछ ही समय बाद सो जाते हैं। यह आदत देखने में सामान्य लगती है, लेकिन स्वास्थ्य के लिए यह बेहद नुकसानदायक साबित हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि खाने और सोने के बीच कम से कम तीन से चार घंटे का अंतर होना चाहिए। इससे शरीर को भोजन पचाने का पूरा समय मिलता है। जब यह अंतर नहीं रखा जाता, तो पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता और कई तरह की बीमारियों की शुरुआत हो जाती है।
देर रात डिनर करने की आदत क्यों बन जाती है
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सुबह से लेकर देर रात तक व्यस्त रहते हैं। कई बार काम खत्म होते-होते रात हो जाती है और उसी समय भोजन किया जाता है। कुछ लोग दिन में ठीक से खाना नहीं खाते और रात में भारी भोजन कर लेते हैं।
इसके अलावा देर रात तक जागना भी इस आदत को बढ़ाता है। जब नींद देर से आती है, तो भूख महसूस होती है और लोग खाना खा लेते हैं। धीरे-धीरे यह आदत बन जाती है, जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है।
देर रात डिनर करने से होने वाले 13 स्वास्थ्य जोखिम
देर रात भोजन करने से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। इनमें से कुछ समस्याएं तुरंत दिखाई देती हैं, जबकि कुछ धीरे-धीरे गंभीर रूप ले लेती हैं।
पाचन क्रिया कमजोर होना
पेट में गैस बनना
सीने में जलन
खट्टी डकार की समस्या
वजन तेजी से बढ़ना
नींद का सही न आना
सुबह थकान महसूस होना
मधुमेह का खतरा बढ़ना
हृदय से जुड़ी परेशानी
रक्तचाप का असंतुलन
यकृत पर बुरा असर
मानसिक तनाव बढ़ना
रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना
ये सभी समस्याएं लंबे समय तक बनी रहें, तो जीवन की गुणवत्ता पर बुरा असर डालती हैं।
खाने और सोने के बीच अंतर क्यों जरूरी है
जब हम भोजन करते हैं, तो शरीर का पाचन तंत्र सक्रिय हो जाता है। भोजन को पचाने में शरीर को समय और ऊर्जा दोनों की जरूरत होती है। यदि भोजन करने के तुरंत बाद सो जाया जाए, तो पाचन प्रक्रिया अधूरी रह जाती है।
तीन से चार घंटे का अंतर देने से भोजन पूरी तरह पच जाता है। इससे पेट हल्का रहता है, नींद गहरी आती है और शरीर को आराम मिलता है। यही कारण है कि डॉक्टर खाने और सोने के बीच अंतर रखने की सलाह देते हैं।
देर रात खाने से नींद पर क्या असर पड़ता है
देर रात भारी भोजन करने से नींद बार-बार टूटती है। पेट भरा होने के कारण शरीर आराम की स्थिति में नहीं आ पाता। कई लोगों को करवट बदलते रहना पड़ता है या बेचैनी महसूस होती है।
अच्छी नींद न मिलने से अगला दिन सुस्ती और थकान से भरा रहता है। इसका असर काम, मनोदशा और स्वास्थ्य पर साफ दिखाई देता है।
देर रात खाने की आदत कैसे बदलें
इस आदत को बदलने के लिए धीरे-धीरे प्रयास करना जरूरी है। अचानक बदलाव करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन छोटे कदम बहुत असरदार होते हैं।
रात का भोजन हल्का रखें
भोजन का समय रोज तय करें
देर रात भूख लगे तो हल्का फल लें
सोने से पहले भारी भोजन से बचें
दिन में समय पर खाना खाएं
इन आदतों को अपनाने से शरीर कुछ ही दिनों में फर्क महसूस करने लगता है।
मौसम के अनुसार भोजन का महत्व
ठंड के मौसम में लोग देर रात गरम और भारी भोजन अधिक करते हैं। इससे शरीर में आलस बढ़ता है और वजन तेजी से बढ़ सकता है। गर्म मौसम में देर रात खाने से बेचैनी, पसीना और नींद की समस्या बढ़ जाती है।
हर मौसम में समय पर और हल्का भोजन करना स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
डॉक्टर क्या सलाह देते हैं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सूर्य ढलने के कुछ समय बाद भोजन कर लेना चाहिए। देर रात भोजन करना शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया के खिलाफ जाता है। सही समय पर भोजन करने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है और शरीर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है।
निष्कर्ष
देर रात डिनर करना आज आम आदत बन चुकी है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। खाने और सोने के बीच सही अंतर, हल्का भोजन और संतुलित दिनचर्या अपनाकर इन जोखिमों से बचा जा सकता है। अगर समय रहते इस आदत को सुधारा जाए, तो शरीर खुद को अधिक स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है।
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