कई राज्यों में पारा लुढ़का, घने कोहरे और जहरीली हवा ने बढ़ाई चिंता
जयपुर। उत्तर भारत की सर्द हवाओं ने इस हफ्ते कई राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में शीतलहर लगातार तीखी होती जा रही है। राजस्थान के 17 शहरों में बुधवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया, जिससे सुबह–शाम ठिठुरन और बढ़ गई। इसी तरह मध्य प्रदेश के 8 शहरों में भी पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया। राजधानी भोपाल में लगातार पाँचवें दिन रात का तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से काफी कम है। हरियाणा में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां 7 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा, जिसमें नारनौल 7.7 डिग्री के साथ राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा। दिल्ली में भी न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3.1 डिग्री कम है। मौसम विभाग ने गुरुवार की सुबह हल्का कोहरा छाने का अनुमान जताया है, जिससे दृश्यता प्रभावित हो सकती है।
ठंड के साथ जहरीली हवा की दोहरी मार
दिल्ली और हरियाणा में ठंड के साथ प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है। दोनों राज्यों के 13 शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुँच गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है। हरियाणा के जींद में AQI 418 रहा, जो बुधवार का सबसे खराब स्तर माना गया। दिल्ली के बवाना में AQI 451 और चांदनी चौक में 449 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में हालात इतने खराब रहे कि इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आसपास का इलाका जहरीली धुंध की मोटी चादर में पूरी तरह ढका नजर आया। लुटियन जोन में स्थित इंडिया गेट के आसपास AQI 408 दर्ज किया गया। प्रदूषण का स्तर इतना गंभीर रहा कि इंडिया गेट धुंध में लगभग छिप-सा गया। दिल्ली–एनसीआर के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता लगातार बिगड़ने से स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों तथा सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह–शाम बाहर निकलने में सावधानी बरतने और मास्क पहनने की सलाह दी है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने के बाद तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कई शहरों में अगले कुछ दिनों तक सुबह के समय हल्का से मध्यम कोहरा छाया रह सकता है। दिल्ली–एनसीआर में भी हवा की दिशा में बदलाव के बावजूद प्रदूषण के स्तर में तत्काल सुधार की संभावना कम दिखाई दे रही है। कई शहरों में प्रशासन ने लोगों से बिना आवश्यक कार्य के बाहर न निकलने और हीटर–कंबलों का पर्याप्त उपयोग करने की अपील की है। अस्पतालों में भी सर्दी, खांसी और सांस लेने में दिक्कत वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। उत्तर भारत में बढ़ती ठंड और प्रदूषण की इस दोहरी मार ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है और लोगों को राहत मिलने में अभी समय लग सकता है।
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