नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार के लिए अपने सभी लोकसभा सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। पार्टी ने अपने सांसदों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें, क्योंकि आज बजट को पारित कराने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस दौरान लोकसभा में गिलोटिन प्रक्रिया लागू की जाएगी, जिसके माध्यम से बजट की बची हुई अनुदान मांगों पर बिना चर्चा के मतदान किया जाएगा।
व्हिप जारी करने की वजह
लोकसभा में बजट पारित कराने की प्रक्रिया को तेज़ी से पूरा करने के लिए भाजपा ने अपने सांसदों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। चूंकि यह बजट सत्र का महत्वपूर्ण चरण है, इसलिए पार्टी चाहती है कि कोई भी सांसद अनुपस्थित न रहे और बजट बिना किसी रुकावट के पारित हो सके।
क्या है गिलोटिन प्रक्रिया?
संसदीय प्रक्रिया में गिलोटिन एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसका उपयोग बजट से जुड़े वित्तीय कार्यों को तेज़ी से पूरा करने के लिए किया जाता है। जब किसी कारणवश अनुदान मांगों पर पर्याप्त चर्चा नहीं हो पाती या सत्र की अवधि कम रह जाती है, तो स्पीकर के विशेषाधिकार के तहत गिलोटिन लागू किया जाता है। इसके तहत सभी लंबित अनुदान मांगों को बिना चर्चा के सीधा मतदान के लिए रखा जाता है, जिससे बजट निर्धारित समय में पारित हो जाता है।
गिलोटिन का उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब:
- बजट सत्र का समय सीमित हो।
- विपक्षी दलों के हंगामे के कारण चर्चा बाधित हो रही हो।
- सरकार को यह सुनिश्चित करना हो कि बजट समय पर पारित हो जाए।
गिलोटिन प्रक्रिया क्यों जरूरी है?
बजट एक महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज होता है, जिसके जरिए सरकार अपने आगामी वित्तीय वर्ष के खर्च और योजनाओं का खाका तैयार करती है। यदि बजट समय पर पारित नहीं होता, तो सरकारी कामकाज प्रभावित हो सकता है। ऐसे में गिलोटिन प्रक्रिया का सहारा लिया जाता है ताकि बिना देरी के वित्तीय फैसले लिए जा सकें और सरकार सुचारू रूप से काम कर सके।
सरकार की रणनीति
सरकार इस प्रक्रिया को तेजी से लागू कर बजट पारित कराने की योजना बना रही है, ताकि विकास योजनाओं और सरकारी कार्यों में कोई रुकावट न आए। चूंकि भाजपा के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है, इसलिए बजट के पारित होने में किसी बड़ी अड़चन की संभावना नहीं है। हालांकि, विपक्ष की रणनीति क्या होगी, यह देखने वाली बात होगी।
भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने का सख्त निर्देश देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह बजट पारित कराने में कोई ढील नहीं देना चाहती। गिलोटिन प्रक्रिया को लागू करने से बजट को तेजी से मंजूरी मिलेगी और सरकार अपने वित्तीय एजेंडे को समय पर पूरा कर सकेगी। अब देखना होगा कि विपक्ष इस पर क्या रुख अपनाता है और क्या कोई नई रणनीति अपनाई जाती है।
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