100 गांवों को मिलेगा सिंचाई का पानी, उज्जैन को सांस्कृतिक राजधानी बनाने की दिशा में बड़ा कदम
उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को उज्जैन जिले के तराना में 2490 करोड़ रुपये की नर्मदा शिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना का लोकार्पण किया। इस परियोजना के तहत 100 गांवों की 30,218 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिससे किसानों को बड़ा लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर में महंत पद की चादर विधि कार्यक्रम में भाग लिया और महारुद्र यज्ञ में शामिल हुए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने उज्जैन को सांस्कृतिक राजधानी बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई और बताया कि शिप्रा नदी के जल से कुंभ स्नान सुनिश्चित करने के लिए 900 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य जारी है।
कांग्रेस पर तंज – ‘धर्म की बात करने पर भाग जाती है कांग्रेस’
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “जब-जब धर्म की बात आती है, कांग्रेस मैदान छोड़कर भाग जाती है। कांग्रेस के नेता कहते हैं कि कुंभ में स्नान करने से क्या होता है। लेकिन हमारे लिए यह आस्था और संस्कृति का विषय है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम धर्म की बात न करें तो क्या अधर्म की बात करें? हमारी संस्कृति राम और कृष्ण के नाम से जानी जाती है।” मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर उनके नेता दर्शन करने तक नहीं गए।
मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के ‘राम राज्य’ के विचार का जिक्र करते हुए कहा कि “गांधीजी ने अंतिम क्षणों में भी ‘हे राम’ कहा था, लेकिन आज कुछ लोग भगवान राम के अस्तित्व को ही नकारते हैं।”
2490 करोड़ की सिंचाई परियोजना से 100 गांवों को मिलेगा पानी
मुख्यमंत्री ने बताया कि नर्मदा शिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना से उज्जैन और शाजापुर जिले के किसानों को बड़ा फायदा होगा।
परियोजना से लाभान्वित क्षेत्र
- उज्जैन जिले की दो तहसीलें – तराना और घटिया
- 83 गांवों की 27,490 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
- शाजापुर जिले की एक तहसील – शाजापुर
- 17 गांवों की 2,728 हेक्टेयर भूमि को पानी मिलेगा।
- कुल मिलाकर, 100 गांवों की 30,218 हेक्टेयर भूमि सिंचाई के दायरे में आएगी।
परियोजना से पेयजल और औद्योगिक विकास को भी मिलेगा बढ़ावा


परियोजना केवल सिंचाई तक सीमित नहीं है, बल्कि शाजापुर, मक्सी, उज्जैन, नागदा, तराना और घट्टिया जैसे शहरों को पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी भी उपलब्ध कराएगी।
तकनीकी विवरण
- परियोजना के तहत ओंकारेश्वर जलाशय (ग्राम बड़ेल, जिला खंडवा) से 15 घन मीटर प्रति सेकेंड की दर से पानी लिफ्ट किया जाएगा।
- इस पानी को 6 पंपिंग स्टेशनों और 50 पंप मोटरों के माध्यम से 435 मीटर की ऊंचाई तक उठाया जाएगा।
- इसके लिए कुल 89 मेगावाट बिजली की जरूरत होगी।
- कुल 2254 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है जिसमें 3000 एमएम व्यास से 63 एमएम व्यास तक के पाइप शामिल हैं।
- हर 20 हेक्टेयर पर एक OMS (ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस सिस्टम) बॉक्स लगाया गया है। कुल 1539 OMS बॉक्स स्थापित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने संतों की भूमिका की सराहना की
मुख्यमंत्री यादव ने इस अवसर पर संतों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “संतों का रंग भगवा नहीं, बल्कि अग्नि का रंग है। जिस तरह सूर्य जलकर पूरी दुनिया को रोशनी देता है, उसी तरह संत समाज हमें सही मार्ग दिखाता है।”
उन्होंने कहा कि “हमने भागीरथ की कहानी तो सुनी थी, लेकिन आज हमने गंगा को नर्मदा के रूप में हकीकत में आते देखा है।”
राजनीतिक और धार्मिक संतुलन की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री द्वारा इस परियोजना के लोकार्पण को एक बड़े राजनीतिक और धार्मिक कदम के रूप में भी देखा जा रहा है। उज्जैन को सांस्कृतिक राजधानी बनाने की दिशा में सरकार लगातार कदम उठा रही है।