सुल्तानपुर। कांग्रेस नेता व रायबरेली से सांसद राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि के मामले में गुरुवार को विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। वकीलों की हड़ताल के कारण सुनवाई को स्थगित कर दिया गया और अब अगली सुनवाई की तारीख 3 अप्रैल तय की गई है। इस मामले को लेकर भाजपा नेता विजय मिश्रा ने 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ परिवाद दायर किया था।
क्या है मामला?
कोतवाली देहात क्षेत्र के हनुमानगंज निवासी और भाजपा नेता विजय मिश्रा ने 2018 में राहुल गांधी पर कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि इस बयान से वे आहत हुए हैं और इसी आधार पर उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
पांच साल तक चली कानूनी प्रक्रिया
इस मामले में कानूनी प्रक्रिया पांच साल तक चलती रही, लेकिन राहुल गांधी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसके बाद, दिसंबर 2023 में अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी कर उन्हें पेश होने का निर्देश दिया था। फरवरी 2024 में राहुल गांधी ने अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद उन्हें 25-25 हजार रुपये के दो मुचलकों पर जमानत मिल गई थी।
लगातार टलती रही सुनवाई
इसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। कई बार तारीखें पड़ने के बाद आखिरकार 26 जुलाई 2024 को राहुल गांधी कोर्ट पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश की जा रही है। इसके बाद अदालत ने वादी को साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
इस वर्ष 2 जनवरी को इस मामले में जिरह होनी थी, लेकिन पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद 10 जनवरी और 22 जनवरी की तिथियां तय की गईं, लेकिन अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते सुनवाई नहीं हो पाई। 30 जनवरी को एक और सुनवाई निर्धारित हुई, लेकिन इस बार राहुल गांधी के अधिवक्ता काशी शुक्ला की तबीयत खराब होने के कारण जिरह नहीं हो सकी।
अब 3 अप्रैल को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। लगातार किसी न किसी कारण से टलती आ रही सुनवाई के कारण यह मामला लंबा खिंचता जा रहा है।
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