500 से अधिक उड़ानें रद्द, लाखों टिकट कैंसिल; मंत्री ने कहा– क्रू रोस्टरिंग और आंतरिक योजना में खामियों से बिगड़ा संचालन

देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो का संचालन संकट सोमवार को भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिल्ली, श्रीनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद और पटना जैसे प्रमुख हवाई अड्डों से अब तक पाँच सौ से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। यात्रियों में भारी अफरा-तफरी का माहौल है और एयरलाइन पर दबाव बढ़ रहा है कि वह जल्द से जल्द हालत सामान्य करे। इसी स्थिति को संभालने के लिए इंडिगो ने एक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप गठित किया है, जो चौबीसों घंटे संचालन पर नज़र रखेगा और राहत कार्यों की निगरानी करेगा।

संचालन बहाली की कोशिशें तेज़

एयरलाइन का कहना है कि उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता सौ प्रतिशत उड़ान क्षमता को फिर से बहाल करना है। इसके साथ ही यात्रियों को समय पर जानकारी देने, रिफंड तुरंत जारी करने और रीशेड्यूलिंग प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि संकट शुरू होने के साथ ही शीर्ष प्रबंधन और निदेशक मंडल नियमित बैठकें कर रहा है। पहली आपात बैठक चार दिसंबर को ही बुलाई गई थी और उसी में संकट प्रबंधन समूह का गठन किया गया।

इंडिगो के अनुसार, संचालन बाधित होने के बाद से हर बीतते दिन स्थिति में सुधार हो रहा है। एयरलाइंस लगातार विभिन्न हवाई अड्डों और विभागों के साथ समन्वय कर उड़ानों को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह लगातार हवाई अड्डा प्राधिकरण, नागर विमानन मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क बनाए हुए है।

मंत्री ने स्पष्ट की बड़ी चूक

इस संकट के बीच राज्यसभा में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने कहा कि इंडिगो की सेवाओं में आया व्यवधान उसके क्रू रोस्टरिंग सिस्टम और आंतरिक योजना में खामियों के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है और सरकार इसे हल्के में नहीं लेगी। जांच जारी है और ऐसा कदम उठाया जाएगा जो भविष्य में किसी और कंपनी के लिए भी सीख बने।

मंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार एयरलाइन से जवाबदेही की अपेक्षा कर रही है और जल्द कड़े कदम भी लिए जा सकते हैं। यात्रियों की असुविधा को देखते हुए मंत्रालय ने एयरलाइन पर रिफंड और बैगेज वापस करने की प्रक्रिया तेज़ करने के निर्देश दिए हैं।

रिफंड प्रक्रिया और बैगेज वापसी

नागर विमानन मंत्रालय के आँकड़े स्थिति की भयावहता को पूरी तरह उजागर करते हैं।
– एक से सात दिसंबर के बीच पाँच लाख छियासी हजार सात सौ पाँच टिकट रद्द हुए, जिन पर पाँच सौ उनहत्तर करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस की गई।
– इक्कीस नवंबर से सात दिसंबर के बीच कुल नौ लाख पचपन हजार पाँच सौ इक्यानवे टिकट रद्द हुए, जिन पर आठ सौ सत्ताईस करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया।
– अब तक यात्रियों के चार हजार पाँच सौ बैग वापस किए जा चुके हैं और अगले छत्तीस घंटों में बचे हुए बैग भी सौंपने का लक्ष्य है।

यात्रियों की शिकायत है कि अचानक उड़ानें रद्द होने से उन्हें ठहरने की व्यवस्था, आगे की यात्रा और काम से जुड़ी योजनाओं में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। कई यात्रियों का कहना है कि उन्हें लगातार एयरलाइन से अपडेट नहीं मिल पा रहे थे, जिससे असमंजस और बढ़ गया।

हवाई अड्डों की सलाह और रेलवे का हस्तक्षेप

दिल्ली हवाई अड्डे ने यात्रियों के लिए विशेष परामर्श जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इंडिगो की उड़ानें अगले कुछ दिनों में देर से चल सकती हैं या रद्द हो सकती हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे हवाई अड्डे जाने से पहले अपनी उड़ान की ताजा स्थिति अवश्य जांच लें।

इस बीच यात्रियों की बढ़ती भीड़ और परेशानी को देखते हुए रेलवे ने भी देश के विभिन्न हिस्सों में विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की है, ताकि फंसे हुए लोग वैकल्पिक रूप से यात्रा कर सकें।

लगातार गिरावट में शेयर

इंडिगो संकट का प्रभाव केवल यात्रियों पर नहीं बल्कि शेयर बाज़ार पर भी पड़ा है। संकट की खबरों के बीच सोमवार को इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के शेयर में बड़ी गिरावट देखी गई। बाजार खुलने के दो घंटे के भीतर ही इसमें सात प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई और यह लगभग चार हजार नौ सौ इकहत्तर रुपये पर आ गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि संकट जल्दी नहीं सुलझा तो इसका सीधा असर कंपनी की वित्तीय स्थिति और बाज़ार में उसकी प्रतिष्ठा पर पड़ सकता है।

10 दिसंबर तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद

इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीटर एल्बर्स ने आश्वासन दिया कि हर बीतते दिन संचालन बेहतर हो रहा है और दस दिसंबर तक स्थिति पूरी तरह सामान्य होने की उम्मीद है। उन्होंने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और कहा कि एयरलाइन की टीम लगातार चौबीसों घंटे काम कर रही है।

हालाँकि यात्रियों और विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक एयरलाइन क्रू प्रबंधन और आंतरिक योजना से जुड़ी मूल समस्याओं को हल नहीं करती, तब तक ऐसे संकट दोबारा भी पैदा हो सकते हैं।

यात्रियों की पीड़ा और भरोसे की चुनौती

इंडिगो लंबे समय से समय पर उड़ानों और उत्कृष्ट सेवा के लिए जानी जाती रही है, लेकिन इस संकट ने उसके भरोसे को बड़ा झटका दिया है। यात्रियों का कहना है कि बड़ी कंपनी होने के बावजूद रियल टाइम सूचना न देना और अचानक उड़ानें रद्द करना बेहद गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार है।

अब देखना यह होगा कि इंडिगो इस संकट से कैसे उबरती है और क्या वह यात्रियों का भरोसा दोबारा हासिल कर पाएगी।


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