ईडी की बड़ी कार्रवाई, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे पर सख्त कानूनी कदम

नई दिल्ली, 13 नवंबर। छत्तीसगढ़ (chhatisgarh )के चर्चित शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर दी है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत की गई इस कार्रवाई ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।

ईडी के अनुसार, यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले से जुड़े अवैध धन के उपयोग और जमा करने के चलते की गई है।

कुर्क की गई संपत्तियों का विस्तृत विवरण

जांच एजेंसी के अनुसार, कुर्क की गई संपत्तियों में दो प्रकार की संपत्तियाँ शामिल हैं—अचल तथा चल संपत्तियाँ।

अचल संपत्तियाँ:
ईडी ने बताया कि कुल 59.96 करोड़ रुपये मूल्य की 364 आवासीय भूखंडों और कृषि भूमि को अचल संपत्ति के रूप में अटैच किया गया है। ये भूमि विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई हैं, और एजेंसी के अनुसार, इन्हें कथित अवैध आय से खरीदा गया था।

चल संपत्तियाँ:
इसके अलावा 1.24 करोड़ रुपये मूल्य की चल संपत्तियाँ—जिनमें बैंक बैलेंस तथा सावधि जमा शामिल हैं—को भी कुर्क किया गया है।

जांच एजेंसी ने कहा कि ये संपत्तियाँ कथित अपराध से जुड़ी आय (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) का हिस्सा हैं, जो शराब घोटाले में अवैध रूप से अर्जित की गई थीं।

2500 करोड़ रुपये की अपराध आय का आरोप, जांच में बड़े खुलासे की संभावना

ईडी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले के दौरान लगभग 2500 करोड़ रुपये की अपराध आय अवैध रूप से कमाई गई थी, जिसे विभिन्न बेनामी खातों, कंपनियों और जमीन खरीद के माध्यम से निवेश किया गया।

एजेंसी का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और जांच के आगे बढ़ने पर कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं। अब तक की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि आरोपितों ने कथित तौर पर अवैध तरीकों से अर्जित धन को छिपाने और निवेश करने के लिए कई स्तरों का नेटवर्क बनाया था।

राजनीतिक हलचल तेज, दोनों पक्ष आमने–सामने

ईडी की इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में भारी हलचल मच गई है।
विपक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई “सच्चाई सामने लाने की दिशा में बड़ा कदम” है, जबकि सत्ता पक्ष इसे “राजनीतिक बदले की भावना” से की गई कार्रवाई बता रहा है।

इस कार्रवाई ने राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर राज्य में तीखी बहस होने की संभावना है।

ईडी की आगे की रणनीति: और संपत्तियाँ, पूछताछ और गिरफ्तारी की संभावनाएँ

एजेंसी का कहना है कि जांच अभी जारी है और यह सिर्फ पहली बड़ी कार्रवाई है। आगे:

और संपत्तियों की कुर्की,

संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ,

तथा संभावित गिरफ्तारियों की कार्रवाई
भी हो सकती है।

ईडी शराब ठेके, लाइसेंस, सप्लाई चैन और प्रशासनिक तंत्र से जुड़े सभी वित्तीय रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजैक्शन और भूमि खरीद की जांच कर रही है।

घोटाले की जड़ें: कैसे हुआ करोड़ों रुपये का अवैध लाभ?

ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाले ( liquor scam) में शराब की बिक्री, परिवहन, स्टॉक और लाइसेंस आवंटन से जुड़े अवैध लाभ लिए गए।
इसमें कथित रूप से:

अवैध कमीशन,

फर्जी बिल,

काल्पनिक परिवहन,

कंपनियों के नाम पर काल्पनिक खर्च,

तथा नकद लेन-देन
जैसे तरीके अपनाए गए।

इन तरीकों से बड़े पैमाने पर अवैध आय उत्पन्न की गई, जिसे बाद में अचल संपत्तियों और अन्य निवेश के माध्यम से छिपाया गया।

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