— तीर्थयात्रियों और यात्रियों के लिए सौगात
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज दो महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनसे दक्षिण भारत में तीर्थयात्रियों को और पंजाब-हरियाणा क्षेत्र में यात्रियों को बड़ा लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने तिरुपति-पाकला-काटपाडी रेलवे लाइन के दोहरीकरण और ज़ीरकपुर बाइपास के निर्माण को मंजूरी दी है।
✳️ तिरुपति रेलवे लाइन के दोहरीकरण से तीर्थयात्रियों को सुविधा
तिरुपति, पाकला और काटपाडी (वेल्लोर) को जोड़ने वाली 104 किलोमीटर लंबी सिंगल रेलवे लाइन को अब दोहरी लाइन में बदला जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर कुल 1332 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे न केवल तीर्थयात्रियों, बल्कि स्थानीय यात्रियों, कृषि उत्पादों और उद्योगों को भी सुविधा मिलेगी।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में जानकारी देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में तिरुपति बालाजी मंदिर, श्रीकालहस्ती शिव मंदिर और चंद्रगिरी फोर्ट जैसे विश्वविख्यात धार्मिक स्थल हैं, जहां लाखों श्रद्धालु देशभर से दर्शन के लिए आते हैं। दोहरी लाइन से इन स्थलों तक आवागमन सुगम और तेज़ हो जाएगा।
➤ प्रमुख लाभ:
- भारतीय रेलवे नेटवर्क में 113 किमी की वृद्धि
- चित्तूर, तिरुपति (आंध्र प्रदेश) और वेल्लोर (तमिलनाडु) जिलों को लाभ
- 15 स्टेशन, 17 बड़े पुल, 327 छोटे ब्रिज, 7 फ्लाईओवर, 30 अंडरपास का निर्माण
- 400 गांवों और लगभग 14 लाख लोगों को सीधी कनेक्टिविटी

✳️ ज़ीरकपुर बाइपास: पंजाब और हरियाणा को ट्रैफिक से राहत
कैबिनेट ने पंजाब और हरियाणा में 6 लेन के ज़ीरकपुर बाइपास को भी मंजूरी दी है। यह 19.2 किलोमीटर लंबा बाइपास हाइब्रिड एन्युटी मोड पर बनाया जाएगा, जिस पर कुल 1878.31 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
यह बाइपास एनएच-7 (ज़ीरकपुर-पटियाला) से शुरू होकर एनएच-5 (ज़ीरकपुर-परवाणू) तक जाएगा। इससे दिल्ली, पटियाला और मोहाली एयरोसिटी से आने-जाने वाले यातायात को डायवर्ट किया जा सकेगा, जिससे ज़ीरकपुर, पंचकूला और आसपास के इलाकों की ट्रैफिक समस्या कम होगी। साथ ही, यह हिमाचल प्रदेश को भी बेहतर संपर्क प्रदान करेगा।
इन दोनों परियोजनाओं से दक्षिण भारत में तीर्थयात्रियों को बेहतर रेल सुविधा और उत्तर भारत में यात्रा करने वालों को ट्रैफिक से राहत मिलेगी। केंद्र सरकार का यह कदम देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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