राजस्थान हनुमानगढ़ एथेनॉल फैक्ट्री विवाद 

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी इलाके में एथेनॉल फैक्ट्री बनने को लेकर पिछले कई महीनों से किसानों और प्रशासन के बीच बड़ा विवाद चल रहा है। यह फैक्ट्री राठीखेड़ा गांव में बन रही है और सरकार कहती है कि यह एशिया की सबसे बड़ी एथेनॉल फैक्ट्री होगी, जिस पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। पर किसान इसे लेकर बहुत नाराज़ हैं।

किसानों का कहना है कि फैक्ट्री शुरू हो गई तो यहां का भूजल खत्म होगा, प्रदूषण बढ़ेगा, और खेती पर बुरा असर पड़ेगा। इलाके में पहले से पानी की कमी है, इसलिए किसान डर रहे हैं कि एथेनॉल प्लांट यहां की जमीन और पर्यावरण को खराब कर देगा।

एथेनॉल फैक्ट्री बनाम किसान, टिब्बी का राठीखेड़ा गांव छावनी में तब्दील!  जानें क्या है विवाद? - Rajasthan News

विरोध कैसे शुरू हुआ?

किसानों का शांतिपूर्ण विरोध लगभग 10 महीनों से चल रहा था। सितंबर 2024 से किसान लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। जुलाई 2025 में जब कंपनी ने बाउंड्री वॉल बनानी शुरू की, तब विरोध और तेज हुआ। फिर 19 नवंबर को पुलिस सुरक्षा में काम दुबारा शुरू हुआ, जिससे किसानों में और गुस्सा आ गया।

10 दिसंबर 2025 को स्थिति अचानक बेकाबू हो गई। सुबह महापंचायत हुई, लेकिन शाम तक माहौल बदल गया और भीड़ ट्रैक्टरों पर बैठकर फैक्ट्री पर पहुंच गई। वहां दीवारें तोड़ी गईं, अंदर जाकर वाहनों में आग लगा दी गई। करीब 14 से ज्यादा गाड़ियां और JCB जला दी गईं।

पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। दोनों तरफ से पथराव भी हुआ।

इस घटना में 70 से ज्यादा लोग घायल हुए, जिनमें कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया भी शामिल थे। कई किसानों को अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस ने 40 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया और 107 लोगों पर मुकदमे दर्ज किए।

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इंटरनेट बंद- बाजार बंद

घटना के बाद जिला प्रशासन ने पूरा माहौल नियंत्रण में रखने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं, बाजार और स्कूल-कॉलेज बंद किए, और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। गांवों में पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है। जिला कलेक्टर, SP, IG, कमिश्नर सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। गुरुद्वारा सिंह सभा में लगातार बैठकों के जरिए शांति की कोशिश की जा रही है।

प्रशासन क्या कह रहा है ?

हनुमानगढ़ कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव के अनुसार फैक्ट्री को 2022 में MOU के तहत मंजूरी दी गई थी। 2023 में जमीन की रजिस्ट्री और इंडस्ट्रियल कन्वर्जन पूरा हुआ। सभी विभागों से अनुमति मिल चुकी है।

प्रशासन का यह भी कहना है कि 10 दिसंबर की सुबह SDM ने किसानों को आश्वासन दिया था कि काम रोक दिया जाएगा, लेकिन इसके बाद भीड़ उग्र हो गई।

किसान क्यों डर रहे हैं ?

1. फैक्ट्री बहुत ज्यादा भूजल खपत करेगी

2. प्रदूषण और धुआं बढ़ेगा

3. उपजाऊ भूमि खराब होगी

4. खेती, चराई और स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा

5. पानी की कमी वाला इलाका और कमजोर हो जाएगा

राजनीति गरमाई

हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री पर बवाल, क्यों भड़का इतना बड़ा संघर्ष ? समझें  पूरा मामला

– RLP सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री में बीजेपी नेताओं की साझेदारी है और यह प्रोजेक्ट पानी और मिट्टी को खत्म कर देगा।
– कांग्रेस नेताओं ने कहा कि प्रशासन ने मामले को गलत तरह से संभाला।
– दूसरी तरफ सरकार कह रही है कि विरोध "बाहरी तत्वों" और "कांग्रेस नेताओं की साजिश" है।

कंपनी का पक्ष अब तक सामने नहीं

फैक्ट्री बनाने वाली कंपनी ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड (चंडीगढ़) के निदेशक अभी तक कोई बयान नहीं दे रहे। यह फैक्ट्री 45 एकड़ में बन रही है और 40 मेगावाट क्षमता का अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट है।

वार्ता जारी

Hanumangarh Farmers Protest: राजस्थान में इथेनॉल फैक्ट्री को लेकर बवाल,  हिंसा, आगजनी और तनाव के बीच इंटरनेट बंद - hanumangarh tibbi ethanol factory  violence protest -

गुरुद्वारा सिंह सभा में किसानों और प्रशासन के बीच लगातार बात चल रही है। किसान कहते हैं
“जब तक कलेक्टर और SP नहीं हटेंगे, हम बात नहीं करेंगे।”
स्थिति फिलहाल तनावपूर्ण मगर शांत है।

एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल कार्यक्रम क्या है ?

भारत 2003 से पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने का काम कर रहा है, ताकि पेट्रोल पर निर्भरता कम हो और प्रदूषण घटे।
 E10 = 10% एथेनॉल + 90% पेट्रोल (देशभर में चल रहा)
 E20 = 20% एथेनॉल + 80% पेट्रोल (2025 तक देशभर में लागू)

सरकार का दावा है कि एथेनॉल बढ़ने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।

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