18 मैचों का इंतजार खत्म, एशेज में इंग्लैंड की बड़ी वापसी
इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर लगभग 15 साल और लगातार 18 टेस्ट मैचों के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए प्रतिष्ठित बॉक्सिंग डे टेस्ट में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से हराकर एशेज सीरीज में बड़ी उपलब्धि हासिल की। इस जीत के साथ इंग्लैंड न सिर्फ एक और क्लीन स्वीप से बच गया, बल्कि सीरीज में आत्मविश्वास के साथ मजबूती से खड़ा हो गया।
मुश्किल पिच पर 175 रन का लक्ष्य किया हासिल
एमसीजी की चुनौतीपूर्ण पिच पर ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के सामने 175 रन का लक्ष्य रखा था। चौथी पारी में यह लक्ष्य आसान नहीं माना जा रहा था, लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने आक्रामक और सकारात्मक सोच के साथ रन चेज को अंजाम तक पहुंचाया। यह टेस्ट इतिहास का एक दुर्लभ मुकाबला रहा, जिसमें दोनों टीमों के बल्लेबाजों को पिच पर संघर्ष करना पड़ा।
बॉक्सिंग डे टेस्ट में ऐतिहासिक संयोग
यह टेस्ट इतिहास में केवल पांचवां मौका रहा, जब किसी सीरीज में दो-दो दिन में समाप्त होने वाले एक से अधिक टेस्ट मैच खेले गए। ऑस्ट्रेलिया में इससे पहले सिर्फ दो बार ऐसा हुआ था। दो दिनों में रिकॉर्ड 1.86 लाख से अधिक दर्शकों की मौजूदगी के बावजूद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को इस टेस्ट से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन इंग्लैंड के लिए यह जीत खेल और मनोबल दोनों लिहाज से बेहद अहम रही।
जैकब बेथेल की अहम पारी
इंग्लैंड की जीत में जैकब बेथेल की भूमिका खास रही। इस टेस्ट के लिए टीम में लौटे बेथेल ने 40 रन की बेहद उपयोगी पारी खेली और दबाव के बीच टीम को संभाला। उनके आउट होने के बाद इंग्लैंड को कुछ समय के लिए घबराहट का सामना करना पड़ा। जो रूट एलबीडब्ल्यू आउट हुए और कप्तान बेन स्टोक्स मिशेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए, लेकिन अंत में चार लेग बाई के जरिए इंग्लैंड ने जीत हासिल कर ली।
1932 के बाद अनोखा टेस्ट
यह ऑस्ट्रेलिया में 1932 के बाद पहला टेस्ट मैच रहा, जिसमें दोनों टीमों की ओर से कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक नहीं लगा सका। यह तथ्य इस बात को दर्शाता है कि मैच में गेंदबाजों का दबदबा कितना ज्यादा रहा और बल्लेबाजों के लिए रन बनाना कितना कठिन था।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी रही कमजोर
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी महज 132 रन पर सिमट गई। इंग्लैंड के लिए कप्तान बेन स्टोक्स और ब्राइडन कार्स ने मिलकर सात विकेट झटके, जबकि जोश टंग ने दो अहम सफलताएं हासिल कीं। गस एटकिंसन के हैमस्ट्रिंग चोट के कारण मैदान छोड़ने के बावजूद इंग्लैंड के गेंदबाजों ने शानदार अनुशासन और आक्रामकता के साथ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी को दबाव में रखा।
तेज शुरुआत से इंग्लैंड ने बनाया दबाव
175 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की शुरुआत बेहद आक्रामक रही। जैक क्रॉली और बेन डकेट ने सिर्फ सात ओवर में 51 रन जोड़कर मैच का रुख इंग्लैंड की ओर मोड़ दिया। डकेट ने मिशेल स्टार्क की पहली ही गेंद पर बाउंड्री जड़ी, जबकि क्रॉली ने माइकल नेसर के ओवर में बड़ा शॉट खेलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबाव बना दिया।
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज नहीं कर सके वापसी
हालांकि बेन डकेट के आउट होने और कुछ विकेट गिरने के बाद मुकाबला थोड़ी देर के लिए रोमांचक हो गया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पास बचाव के लिए पर्याप्त रन नहीं थे। दूसरी पारी में मार्नस लाबुशेन, ट्रैविस हेड और उस्मान ख्वाजा जैसे अनुभवी बल्लेबाज भी बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे, जिससे टीम मैच में पिछड़ गई।
ऐतिहासिक जीत से इंग्लैंड का आत्मविश्वास बढ़ा
अंततः इंग्लैंड ने लक्ष्य हासिल कर मेलबर्न टेस्ट चार विकेट से अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ इंग्लैंड ने न केवल ऑस्ट्रेलिया में लंबे समय से चला आ रहा जीत का सूखा खत्म किया, बल्कि एशेज सीरीज में भी खुद को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। यह जीत इंग्लिश क्रिकेट के लिए यादगार पलों में शामिल हो गई है।
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