शनिवार को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आगामी बजट का प्रस्तुतीकरण किया। इससे पहले, वे राष्ट्रपति भवन गईं, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पारंपरिक भारतीय शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति मुर्मू ने वित्त मंत्री सीतारमण को दही और चीनी खिलाकर उनके अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की, जो भारतीय संस्कृति में विशेष रूप से शुभ माना जाता है। यह सांकेतिक कदम वित्त मंत्री के लिए एक शुभ शुरुआत का प्रतीक था, क्योंकि वे देश के आर्थिक भविष्य के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली थीं।
बजट पेश करते समय सपा प्रमुख ने कुम्भ मेला अव्यवस्थाओं पर उठाए सवाल
निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट भाषण शुरू करते हुए, देश के विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों की प्रगति और बजट के लक्ष्यों को साझा किया। बजट भाषण का समय 1 घंटा 17 मिनट का था, जिसमें उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से बताया।
हालांकि, जैसे ही वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरुआत की, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कुम्भ मेला में हुई अव्यवस्थाओं को लेकर विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया और इसे बजट से जोड़ते हुए इसका समाधान पेश करने की मांग की। अखिलेश यादव के हंगामे को देखकर, स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें रोकने की कोशिश की। हालांकि, इसके बावजूद, सपा सांसदों समेत विपक्ष के कई सदस्य संसद से बाहर निकल गए और वॉकआउट कर दिया, जिससे सदन की कार्यवाही में कुछ समय के लिए व्यवधान आ गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बजट भाषण में पानी पीने की आदत
निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के दौरान, एक दिलचस्प घटना यह देखने को मिली कि उन्होंने भाषण के दौरान कई बार पानी पिया। जैसे ही बजट भाषण शुरू हुआ, 11:01 बजे, उन्होंने सबसे पहले पानी पिया। फिर 11:24 बजे, 11:27 बजे, 11:44 बजे, 11:56 बजे, और 12:16 बजे भी पानी लिया। यह वित्त मंत्री की भाषण के दौरान अपनी सेहत का ध्यान रखने का तरीका था, क्योंकि यह एक लंबा और महत्वपूर्ण भाषण था। यह दर्शाता है कि उन्होंने पूरी तरह से तैयार होकर भाषण दिया, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बच सकें और उनके शब्द स्पष्ट और सटीक रहें।
इस प्रकार, यह दिन भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के संदर्भ में अहम था, जिसमें एक ओर बजट पेश किया गया, तो दूसरी ओर राजनीतिक विवाद भी सामने आए।