सेबी, सरकारी प्रतिभूति और संविदा कानूनों को मिलाकर नया कोड, निवेशक सुरक्षा और बाजार पारदर्शिता पर जोर

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक, 2025 पेश किया। यह विधेयक देश के प्रतिभूति बाजार से जुड़े कानूनों को अधिक मजबूत, सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। विधेयक का उद्देश्य न केवल मौजूदा कानूनी ढांचे में आवश्यक संशोधन करना है, बल्कि प्रतिभूति बाजार से जुड़े सभी प्रावधानों को एक एकीकृत और आधुनिक कानूनी संरचना के तहत लाना भी है, ताकि बदलते समय और बाजार की जरूरतों के अनुरूप नियमन किया जा सके।

तीन पुराने कानूनों को समाप्त कर एकीकृत ढांचे का प्रस्ताव
लोकसभा में पेश प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक, 2025 के तहत तीन मौजूदा कानूनों को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया है। इनमें सेबी अधिनियम, 1992, सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 1996 और प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 शामिल हैं। सरकार का मानना है कि अलग-अलग कानूनों के कारण नियमन में जटिलता और अस्पष्टता बनी हुई थी। नया कोड इन सभी कानूनों को समाहित करते हुए भारत के प्रतिभूति बाजारों के लिए एक एकीकृत कानूनी ढांचा प्रदान करेगा, जिससे नियमों की व्याख्या और क्रियान्वयन अधिक सरल और स्पष्ट हो सकेगा।

निवेशक सुरक्षा और बाजार दक्षता पर विशेष फोकस
विधेयक के अनुसार प्रस्तावित प्रतिभूति बाजार संहिता का मुख्य उद्देश्य नियामक ढांचे को मजबूत करना और निवेशकों की सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाना है। सरकार का कहना है कि यह कोड पूंजी बाजार में पारदर्शिता बढ़ाने, अनियमितताओं पर नियंत्रण लगाने और निवेशकों का भरोसा मजबूत करने में सहायक होगा। इसके साथ ही, बाजार में व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल बनाकर कारोबार की दक्षता और आसानी को भी बढ़ाया जाएगा, जिससे घरेलू और विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिल सके।

प्रिंसिपल-बेस्ड कानूनी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर
प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक, 2025 में प्रिंसिपल-बेस्ड कानूनी तरीके को अपनाने की बात कही गई है। इसका अर्थ है कि कानून अत्यधिक तकनीकी और जटिल नियमों के बजाय व्यापक सिद्धांतों पर आधारित होगा, ताकि बदलती परिस्थितियों के अनुसार उनका लचीला ढंग से उपयोग किया जा सके। इस दृष्टिकोण से नियामक स्पष्टता बढ़ेगी और बाजार सहभागियों के लिए नियमों का पालन करना आसान होगा।

सेबी की शक्तियों और गवर्नेंस फ्रेमवर्क को मिलेगा बल
विधेयक में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, जिसे प्रस्तावित कोड में “बोर्ड” कहा गया है, की शक्तियों और गवर्नेंस फ्रेमवर्क को और मजबूत करने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सेबी को नियमन, निगरानी और प्रवर्तन से जुड़े मामलों में अधिक स्पष्ट अधिकार दिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे बाजार में अनुशासन स्थापित करने और नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।

कानूनी भाषा को सरल बनाने का प्रयास
प्रतिभूति बाजार संहिता विधेयक, 2025 में कानून की भाषा को सरल और सुगम बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। गैर-जरूरी अवधारणाओं को हटाकर और प्रावधानों को स्पष्ट रूप में प्रस्तुत कर नियामक अस्पष्टता को कम करने का प्रयास किया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि निवेशक, बाजार प्रतिभागी और नियामक सभी कानून को आसानी से समझ सकें और उसका प्रभावी पालन कर सकें।

भारतीय पूंजी बाजार के भविष्य की दिशा तय करने वाला विधेयक
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विधेयक भारतीय पूंजी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। एकीकृत कानूनी ढांचे के माध्यम से बाजार में भरोसा बढ़ेगा, नियमन अधिक प्रभावी होगा और भारत को वैश्विक निवेश के लिए और आकर्षक बनाया जा सकेगा। अब इस विधेयक पर संसद में विस्तृत चर्चा के बाद इसके भविष्य की दिशा तय होगी।

स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!

मनरेगा को लेकर संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन: काम के अधिकार पर हमला बताकर सरकार पर आरोप

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम सुतार का निधन: भारतीय मूर्तिकला के युग का अंत

प्रधानमंत्री मोदी ने संस्कृत सुभाषित के माध्यम से आत्मिक बल और सद्गुणों का दिया संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति का बड़ा ऐलान: ताइवान को 10 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार बेचेंगे, क्रिसमस से पहले सैनिकों को मिलेगा बोनस