रूसी राष्ट्रपति बोले:भारत स्वतंत्र नीति पर चलता है, दुनिया जान चुकी है अमेरिका का दोहरा रवैया

आजतक को दिए इंटरव्यू में पुतिन का बड़ा बयान

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व क्षमता की खुलकर तारीफ करते हुए कहा कि “भारत सौभाग्यशाली है कि उसके पास मोदी जैसे नेता हैं। वह किसी के दबाव में नहीं आते।” यह टिप्पणी उन्होंने मॉस्को में आजतक को दिए अपने विश्वस्तरीय एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में की।
भारत आने से ठीक पहले दिया गया यह बयान भारत–रूस संबंधों तथा वैश्विक राजनीति पर बड़ा संकेत माना जा रहा है।

पुतिन ने बातचीत में भारत की वैश्विक हैसियत, मॉडर्न जियो–पॉलिटिक्स, अमेरिका की नीतियों, रूस–यूक्रेन युद्ध और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्ट और बेलाग राय रखी।

“भारत महान शक्ति है, उसकी प्रगति कई देशों को असहज करती है”

इंटरव्यू में पुतिन ने भारत को दुनिया की प्रमुख शक्तियों में से एक बताते हुए कहा कि भारत की तीव्र विकास यात्रा कई देशों को चुभ रही है।
उन्होंने कहा कि भारत की विदेशी नीति पूरी तरह स्वतंत्र है और यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका टैरिफ लगाकर भारत पर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, तो पुतिन ने कहा:
“भारत किसी के दबाव में नहीं आता। वह स्वतंत्र नीति पर चलता है और ऐसा लंबे समय से कर रहा है।”

अमेरिका पर तीखा तंज: “हमसे न्यूक्लियर ऊर्जा खरीदते हैं, फिर ज्ञान देते हैं”

अमेरिका के रवैये पर पुतिन ने सीधा तंज कसते हुए कहा कि वाशिंगटन का व्यवहार दोहरा है।
उन्होंने कहा:
“अमेरिका खुद हमसे न्यूक्लियर एनर्जी खरीदता है और फिर दुनिया को ज्ञान देने की कोशिश करता है। भारत को रूस से तेल खरीदने पर दोषी ठहराना उसकी दोहरी नीति को उजागर करता है।”

पुतिन के अनुसार, दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ अब यह समझ चुकी हैं कि अमेरिका किस तरह चुनिंदा मुद्दों पर अपने हित के अनुसार स्वर बदलता है।

“भारत–रूस संबंध इतिहास में अद्वितीय”

इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के संबंधों का इतिहास अद्वितीय है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते न केवल राजनीतिक स्तर पर, बल्कि सांस्कृतिक, भावनात्मक और रणनीतिक स्तर पर भी गहरी जड़ें रखते हैं।

उन्होंने कहा:
“दुनिया तेजी से बदल रही है। इन बदलावों के बीच मेरे और प्रधानमंत्री मोदी के बीच निरंतर संवाद हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत कर रहा है। हमारे बीच सहयोग जितना व्यापक है, उतना ही प्रभावी भी।”

पुतिन ने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने भारत के सामने कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखे हैं और विश्व की बड़ी शक्तियाँ भारत की बढ़ती भूमिका को एक नई दिशा के रूप में देख रही हैं।

“मोदी से मिलने के लिए उत्सुक हूँ, उनसे हमेशा सार्थक बातचीत होती है”

भारत यात्रा को लेकर पुतिन ने कहा कि वे इस मुलाकात को लेकर लंबे समय से उत्सुक थे।
उन्होंने बताया कि भारत के साथ बैठक का निर्णय बहुत पहले ही हो चुका था और दोनों देशों के बीच साझा विषय इतने हैं कि हर वार्ता व्यापक और प्रभावशाली बन जाती है।

उन्होंने कहा:
“मेरी सबसे बड़ी खुशी यह है कि मेरी बात मेरे मित्र पीएम मोदी से होने वाली है। हम कई मुद्दों पर आगे की दिशा तय करेंगे।”

रूस-यूक्रेन युद्ध और ट्रंप की भूमिका पर खुलकर बोले पुतिन

इंटरव्यू में रूस–यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी प्रमुख रहा।
पुतिन से पूछा गया कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप युद्ध समाप्त करने की कोशिशों के दावे कर रहे हैं, इस पर उनकी क्या राय है?

पुतिन ने बताया कि हाल ही में उन्होंने ट्रंप के करीबी व्यक्तियों—जैरेड कुश्नर और स्टीव विटकॉफ—के साथ लंबी बैठक की।
पांच घंटे चली इस बैठक को उन्होंने आवश्यक तो बताया, पर यह भी स्वीकार किया कि इतनी लंबी बातचीत उन्हें थका देने वाली लगी।

उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्य चर्चा ट्रंप के साथ उनकी अलास्का मुलाकात से पहले हुए समझौते से जुड़े बिंदुओं पर हुई।
पुतिन ने कहा:
“ट्रंप को यह समझ है कि युद्ध जल्द से जल्द खत्म होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि उनका उद्देश्य नुकसान को कम से कम करना है। मानवीय कारणों के साथ-साथ राजनीतिक और आर्थिक कारण भी इसके पीछे हैं।”

पुतिन ने यह भी कहा कि अमेरिका किसी न किसी तरह समाधान खोजने की कोशिश में है, और ट्रंप इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं।

“रूस अपनी रक्षा कर रहा है… हमारी जीत का अर्थ अलग है”

यूक्रेन युद्ध में “जीत की परिभाषा” पर पूछे गए सवाल पर पुतिन ने कहा कि रूस विजय की नहीं, बल्कि रक्षा की अवधारणा के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा:
“हम अपनी भूमि, अपने लोगों, अपनी भाषा, अपनी संस्कृति और अपनी धार्मिक विरासत की रक्षा कर रहे हैं। यूक्रेन में रूसी भाषा पर प्रतिबंध लगाए गए, चर्चों में कब्जा किए गए—यह सब चिंताजनक है।”

उन्होंने कहा कि यह संघर्ष केवल सीमाओं का विवाद नहीं, बल्कि “मूल्यों की रक्षा” का संघर्ष बन चुका है।

भारत यात्रा से पहले यह बयान क्यों महत्वपूर्ण?

पुतिन का यह साक्षात्कार ऐसे समय में आया है जब वे भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं।
यह बयान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ती रणनीतिक भूमिका और रूस के साथ उसकी गहरी मित्रता का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।

भारत–रूस संबंधों पर इस तरह की खुली टिप्पणी यह दिखाती है कि रूस भारत को न केवल महत्वपूर्ण साझेदार, बल्कि वैश्विक संतुलन की धुरी के रूप में देखता है।

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