अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का संदेश: कूनो विश्वस्तरीय चीता केंद्र के रूप में स्थापित

भोपाल, 4 दिसंबर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य की समृद्ध वन संपदा में चीता मुकुटमणि और कोहिनूर के समान है। श्योपुर स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के पुनर्स्थापन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई दिशा मिली है। आज अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर तीन चीतों—मादा ‘वीरा’ और उसके दो शावकों—को खुले वन परिसर में छोड़ा गया। इसके साथ ही प्रदेश में चीतों की कुल संख्या बढ़कर 32 हो गई है।

कूनो में तीसरी पीढ़ी के चीते विचरण कर रहे हैं, कई शावक स्वस्थ

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान अब दुनिया भर में चीतों के पुनर्वास का प्रमुख केंद्र बन चुका है। कूनो में हमारी धरती पर जन्मे तीसरी पीढ़ी के चीते अब व्यापक क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मादा चीता ‘मुखी’ ने पाँच शावकों को जन्म दिया है और सभी स्वस्थ हैं। यह सफलता मध्य प्रदेश की वन संपदा और संरक्षण प्रयासों की मजबूत प्रणाली का प्रमाण है।
चीतों की निगरानी के लिए उन्नत रेडियो ट्रेकिंग तकनीक, समर्पित वन अमला और सतत पर्यवेक्षण व्यवस्था लागू की गई है।

kunoo cheeta
kunoo cheeta Photograph: (mpinfo)

श्योपुर से राजस्थान तक फैल रहा चीता क्षेत्र

मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि कूनो के चीते अब श्योपुर से आगे बढ़कर मुरैना और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों तक भी दौड़ लगा रहे हैं। यह संकेत है कि चीतों के लिए कूनो का वातावरण न केवल सुरक्षित है, बल्कि वह उन्हें विस्तृत वन क्षेत्र प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की भूमि पर सभी जीव सुरक्षित होंगे—यह राज्य सरकार की संकल्पबद्ध नीति है।

चीता दिवस पर मुख्यमंत्री ने किया तीन चीतों का पुनर्प्रवेश

चीता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तीन चीतों को बाड़े से खुले जंगल में छोड़ा।
इस दौरान उन्होंने कूनो राष्ट्रीय उद्यान का वर्ष 2026 कैलेंडर और "फील्ड मैनुअल फॉर क्लीनिकल मैनेजमेंट ऑफ फ्री-रेंजिंग चीताज़" का विमोचन किया।
उन्होंने उद्यान परिसर में नव-निर्मित ‘सोवेनियर शॉप’ का उद्घाटन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश ‘‘टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट और चीता स्टेट’’ के रूप में पहचान रखता है। यहां के घने जंगल अनेक दुर्लभ वन्यजीवों का सुरक्षित आश्रय स्थल हैं।

kunoo cheeta
kunoo cheeta

पर्यटन में पाँच गुना वृद्धि: कूनो क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर

मुख्यमंत्री ने बताया कि चीतों के पुनर्स्थापन के बाद श्योपुर और कूनो क्षेत्र में पर्यटन में पाँच गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
इसके साथ ही स्थानीय ग्रामीणों के लिए नई रोजगार संभावनाएँ उभर रही हैं।
विस्थापित परिवारों को पर्यटन आधारित गतिविधियों, गाइड प्रशिक्षण, परिवहन और होम-स्टे सुविधाओं में अवसर मिल रहे हैं।

मनुष्य और चीता: वसुधैव कुटुम्बकम का सुंदर उदाहरण

उन्होंने कहा कि चंबल अंचल का स्वच्छ वातावरण और स्थानीय नागरिकों का वन्यजीवों के प्रति प्रेम चीतों को सुरक्षित जीवन प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा:
“प्रदेशवासियों में प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति स्वाभाविक प्रेम है। मनुष्य और चीता का यह संबंध वसुधैव कुटुम्बकम का सुंदर उदाहरण है।”

उन्होंने चीता परियोजना की सफलता के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के प्रति आभार प्रकट किया।

कूनो में हुआ भव्य आयोजन: मंत्रियों, अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों की उपस्थिति

अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, वन राज्यमंत्री दिलीप सिंह अहिरवार, पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत, सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तुरसनपाल बरिया, उपाध्यक्ष सीताराम आदिवासी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल, चंबल कमिश्नर सुरेश कुमार, कलेक्टर अर्पित वर्मा, शिवपुरी कलेक्टर रविन्द्र चौधरी, वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।

mohan yadav in kunoo
mohan yadav in kunoo Photograph: (mpinfo)

ग्राम अहेरा में मुख्यमंत्री ने ग्रामीण महिला समूहों से संवाद भी किया और उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

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