कुछ ही देर में लोकार्पण, जनसभा को करेंगे संबोधित; लखनऊ ऐतिहासिक क्षण का साक्षी

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लखनऊ स्थित बसंत कुंज योजना क्षेत्र में बने राष्ट्र प्रेरणा स्थल पहुंच चुके हैं। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही प्रधानमंत्री ने सबसे पहले भारत माता की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और इसके बाद पूरे परिसर का भ्रमण कर वहां स्थापित विभिन्न दीर्घाओं और प्रतिमाओं का गहन अवलोकन किया। अब से कुछ ही देर में प्रधानमंत्री राष्ट्र प्रेरणा स्थल का औपचारिक लोकार्पण करेंगे और विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।

जनसंघ से भाजपा तक की वैचारिक यात्रा का सजीव दर्शन

राष्ट्र प्रेरणा स्थल में बने भाजपा और जनसंघ के गलियारे का प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से अवलोकन किया। इस गलियारे में भारतीय जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक की पूरी वैचारिक और संगठनात्मक यात्रा को चित्रों, दस्तावेजों और प्रतीक चिह्नों के माध्यम से सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया है। स्वतंत्रता के बाद राष्ट्रवादी राजनीति के विकास, संघर्ष और विस्तार को दर्शाती यह दीर्घा प्रधानमंत्री को काफी देर तक आकर्षित करती रही।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी गैलरी का भ्रमण

प्रधानमंत्री ने इसके बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी गैलरी का भ्रमण किया। इस गैलरी में डॉ. मुखर्जी के जीवन, उनके विचारों, राष्ट्रवादी चिंतन और बलिदान से जुड़े चित्र, दस्तावेज और स्मृति चिह्न संजोए गए हैं। प्रधानमंत्री ने यहां प्रदर्शित सामग्री को ध्यानपूर्वक देखा और अधिकारियों से इसकी जानकारी भी ली।

65 फीट ऊंची प्रतिमाओं का अवलोकन

राष्ट्र प्रेरणा स्थल में स्थापित तीन महान विभूतियों की भव्य कांस्य प्रतिमाएं इस परिसर का मुख्य आकर्षण हैं। प्रधानमंत्री ने यहां अटल बिहारी वाजपेयी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय की 65 फीट ऊंची प्रतिमाओं का अवलोकन किया। इन प्रतिमाओं के माध्यम से राष्ट्रवाद, एकात्म मानवदर्शन और सुशासन की वैचारिक परंपरा को स्थायी स्वरूप दिया गया है।

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65 एकड़ में फैला, 232 करोड़ की लागत से बना प्रेरणा स्थल

राष्ट्र प्रेरणा स्थल लगभग 65 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है और इसके निर्माण पर करीब 232 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण दिसंबर 2022 में शुरू हुआ था, जिसे अब पूरी तरह से तैयार कर राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है। तीनों महापुरुषों की प्रतिमाओं के निर्माण पर लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

देश के प्रसिद्ध मूर्तिकारों की कृति

पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा का निर्माण देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार द्वारा किया गया है, जिन्होंने विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण किया था। वहीं श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाओं का निर्माण मूर्तिकार माटू राम ने किया है। इन प्रतिमाओं में भाव, व्यक्तित्व और विचारों को सशक्त रूप से उकेरा गया है।

म्यूजियम का भी होगा लोकार्पण

प्रधानमंत्री राष्ट्र प्रेरणा स्थल में बने अत्याधुनिक म्यूजियम का भी लोकार्पण करेंगे। इस म्यूजियम में तीनों विभूतियों के जीवन, विचार, संघर्ष और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को तकनीक और दृश्य माध्यमों के जरिए संरक्षित किया गया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनसे प्रेरणा ले सकें।

मुख्यमंत्री योगी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद

इस ऐतिहासिक समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री करीब दो बजे हेलीकॉप्टर से आयोजन स्थल पहुंचे। लोकार्पण को लेकर पूरे लखनऊ शहर को विशेष रूप से सजाया गया है। आयोजन स्थल को भव्य स्वरूप देने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से विशेष फूलों और सजावटी पौधों की व्यवस्था की गई है।

राष्ट्रवादी विचारधारा का स्थायी केंद्र बनेगा स्थल

राष्ट्र प्रेरणा स्थल को केवल एक स्मारक नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी विचारधारा, संगठनात्मक संघर्ष और वैचारिक प्रेरणा के स्थायी केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री के लोकार्पण के साथ ही यह स्थल देशभर के युवाओं, शोधार्थियों और नागरिकों के लिए प्रेरणा का प्रमुख केंद्र बन जाएगा।

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