रानाघाट से विकास का संदेश, राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के जरिए कनेक्टिविटी और अर्थव्यवस्था को नई गति

नदिया (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा राज्य की राजनीति और विकास दोनों दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। रानाघाट पहुंचे प्रधानमंत्री ने करीब 3,200 करोड़ रुपये की दो बड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। यह दौरा ऐसे समय हुआ है, जब एसआईआर यानी सिटिजनशिप इम्प्लीमेंटेशन रूल्स का ड्राफ्ट प्रकाशित होने के बाद राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है। इसे पिछले पांच महीनों में प्रधानमंत्री का पश्चिम बंगाल का तीसरा और एसआईआर ड्राफ्ट के बाद पहला दौरा माना जा रहा है।

एसआईआर के बाद पहला दौरा, राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार प्रधानमंत्री का यह दौरा केवल विकास परियोजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक मायने भी हैं। नदिया और आसपास के इलाकों में मतुआ समुदाय की बड़ी आबादी है, जिनके बीच एसआईआर को लेकर चर्चाएं और आशंकाएं सामने आ रही हैं। माना जा रहा है कि इस जनसभा और दौरे के जरिए प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की मंशा स्पष्ट करने और लोगों की बेचैनी को कम करने की कोशिश की है। साथ ही, यह दौरा आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी की रणनीतिक सक्रियता का संकेत भी देता है।

सोशल मीडिया से पहले ही दिया संदेश

दौरे से एक दिन पहले शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया के माध्यम से पश्चिम बंगाल की राजनीति पर सीधा संदेश दिया था। उन्होंने लिखा था कि पश्चिम बंगाल के लोगों को केंद्र सरकार की कई जन-समर्थक योजनाओं का लाभ मिल रहा है, जबकि दूसरी ओर वे तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से परेशान हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि वह शनिवार को नदिया जिले के रानाघाट में लोगों के बीच समय बिताने को लेकर उत्सुक हैं। इस बयान को रैली से पहले माहौल बनाने के रूप में देखा गया।

राष्ट्रीय राजमार्ग-34 पर बड़ा कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने नदिया जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-34 के 66.7 किलोमीटर लंबे बारजागुली–कृष्णानगर सेक्शन के चार लेन का उद्घाटन किया। यह हिस्सा लंबे समय से यातायात दबाव और जाम की समस्या से जूझ रहा था। इसके साथ ही उत्तर 24 परगना जिले में इसी राष्ट्रीय राजमार्ग के 17.6 किलोमीटर लंबे बारासात–बारजागुली सेक्शन को चार लेन करने का शिलान्यास भी किया गया। इन दोनों परियोजनाओं के पूरा होने से कोलकाता और सिलीगुड़ी के बीच एक मजबूत और तेज संपर्क मार्ग तैयार होगा।

यात्रा समय घटेगा, ईंधन और समय की होगी बचत

इन सड़क परियोजनाओं के शुरू होने से सबसे बड़ा लाभ आम यात्रियों और परिवहन क्षेत्र को मिलने वाला है। अधिकारियों के अनुसार, इन मार्गों के विकसित होने से कोलकाता से उत्तर बंगाल की ओर यात्रा करने में लगभग दो घंटे तक का समय बचेगा। ट्रैफिक का प्रवाह सुचारू रहेगा, जाम की समस्या कम होगी और वाहनों का ईंधन खर्च भी घटेगा। इससे न केवल निजी वाहन चालकों, बल्कि मालवाहक ट्रकों और सार्वजनिक परिवहन को भी बड़ी राहत मिलेगी।

आर्थिक विकास और रोजगार को मिलेगी गति

बेहतर सड़क संपर्क किसी भी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। इन परियोजनाओं से नदिया और उत्तर 24 परगना जिलों में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। माल की आवाजाही आसान होने से व्यापारियों की लागत घटेगी और बाजार तक पहुंच बेहतर होगी। इसके अलावा पर्यटन क्षेत्र को भी इसका लाभ मिलेगा, क्योंकि उत्तर बंगाल और आसपास के पर्यटन स्थलों तक पहुंच और सरल हो जाएगी। सड़क नेटवर्क मजबूत होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

रानाघाट की जनसभा में केंद्र बनाम राज्य का मुद्दा

रानाघाट में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाओं से पश्चिम बंगाल के लोगों को सीधे लाभ मिल रहा है, चाहे वह सड़क, आवास, स्वास्थ्य या सामाजिक कल्याण से जुड़ी योजनाएं हों। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से जनता परेशान है और विकास कार्यों में बाधाएं खड़ी की जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार राज्य के लोगों के हित में विकास योजनाओं को और तेज गति से आगे बढ़ाएगी।

विकास और राजनीति का संगम

प्रधानमंत्री का नदिया दौरा पश्चिम बंगाल में विकास और राजनीति के संगम के रूप में देखा जा रहा है। एक ओर जहां 3,200 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर यह दौरा केंद्र और राज्य की सियासत में भी नई हलचल पैदा करता नजर आ रहा है। आने वाले समय में इन परियोजनाओं का असर केवल सड़क पर दौड़ते वाहनों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक तस्वीर को भी बदलने में अहम भूमिका निभा सकता है।

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