गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का लोकार्पण, रोड शो और जनसभा में विकास का उत्सव

गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दो दिवसीय दौरे के तहत असम पहुंचकर राज्य को कई बड़ी सौगातें दीं। लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने उनका आत्मीय स्वागत किया। इस दौरे का सबसे प्रमुख आकर्षण लगभग 80 फीट ऊंची असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बरदलै की भव्य प्रतिमा का उद्घाटन रहा, जिसे प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को समर्पित करते हुए महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद गुवाहाटी स्थित गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए अत्याधुनिक टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया। बरझार में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि असम अब केवल पूर्वोत्तर का राज्य नहीं, बल्कि देश के विकास का प्रवेश द्वार बन चुका है। उन्होंने राज्य में हो रहे कार्यों को “विकास का उत्सव” करार देते हुए जनता से मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाकर इस उत्सव में सहभागी बनने का आह्वान किया, जिससे सभा स्थल पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला।

प्रधानमंत्री ने हवाई अड्डे से बशिष्ठ स्थित भाजपा कार्यालय तक रोड शो में भी हिस्सा लिया। सड़क के दोनों ओर उमड़ी भारी भीड़ ने फूलों और नारों के साथ उनका स्वागत किया। पूरे मार्ग में उत्साह और विश्वास का माहौल दिखाई दिया, जिसने यह संदेश दिया कि असम और पूर्वोत्तर में विकास को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं।

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार कांग्रेस की दशकों पुरानी गलतियों को एक-एक कर सुधार रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि लंबे समय तक असम और पूरे नॉर्थ-ईस्ट को विकास से वंचित रखा गया। कांग्रेस की सोच थी कि इस क्षेत्र को आधुनिक एयरपोर्ट, रेलवे और हाईवे जैसी सुविधाओं की जरूरत नहीं है, इसी कारण यहां उपेक्षा हुई। उन्होंने कहा कि अब स्थिति बदल चुकी है और असम भारत का ‘ईस्टर्न गेटवे’ बनकर उभर रहा है।

प्रधानमंत्री ने असम से अपने भावनात्मक जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा कि यहां की जनता, विशेष रूप से माताओं और बहनों का स्नेह उन्हें निरंतर प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आज का दिन केवल असम के लिए नहीं, बल्कि पूरे नॉर्थ-ईस्ट के लिए विकास का पर्व है। जैसे ब्रह्मपुत्र की धारा कभी नहीं रुकती, वैसे ही भाजपा की डबल इंजन सरकार में असम में विकास की धारा भी निरंतर बह रही है।

नए टर्मिनल की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक एयरपोर्ट और कनेक्टिविटी किसी भी राज्य के लिए नए अवसरों के द्वार खोलते हैं। यह टर्मिनल ‘विकास और विरासत’ के मंत्र का जीवंत उदाहरण है, जिसमें असम की प्रकृति, संस्कृति और हरियाली को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, ताकि यात्रियों को शांति और सुविधा का अनुभव हो।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वोत्तर को रणनीतिक प्राथमिकता दी है। आज असम भारत को आसियान देशों से जोड़ने वाले सेतु की भूमिका निभा रहा है। इससे व्यापार, निवेश और रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं और आने वाले समय में यह भूमिका और मजबूत होगी।

उन्होंने असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में राज्य की पहचान और भारत की एकता की रक्षा की। उनकी यह विशाल प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। प्रधानमंत्री ने असम में भारतीय न्याय संहिता लागू करने और पारदर्शिता बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि अब बिना खर्ची-पर्ची के सरकारी नौकरी संभव हो रही है, जो सुशासन का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर में हिंसा और उग्रवाद पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पहले जिन क्षेत्रों में अशांति थी, वहां आज 4जी और 5जी कनेक्टिविटी पहुंच रही है। जो जिले कभी हिंसाग्रस्त माने जाते थे, वे अब आकांक्षी जिलों के रूप में आगे बढ़ रहे हैं और भविष्य में औद्योगिक केंद्र बन सकते हैं।

बांस से जुड़े पुराने कानून का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले बांस को पेड़ मानकर प्रतिबंध लगाए गए थे, जबकि उनकी सरकार ने इसे घास की श्रेणी में रखकर कानून बदला, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा मिला। घुसपैठ के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अवैध घुसपैठ रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है और इस दिशा में किसी भी तरह की राजनीति देशहित के खिलाफ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में असम और पूरा नॉर्थ-ईस्ट अहम भूमिका निभाएगा और आज का यह दिन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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