उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप, तापमान रिकॉर्ड निचले स्तर पर
नई दिल्ली । देश के कई हिस्सों में शीतलहर का असर लगातार गहराता जा रहा है। उत्तरी हवाओं के तेज बहाव ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और जम्मू–कश्मीर में सर्दी को और तीखा कर दिया है। कहीं न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है, तो कहीं घना कोहरा जनजीवन को ठप कर रहा है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बाद अब एवलांच का खतरा बढ़ गया है, जिसे लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है।
राजस्थान में फतेहपुर सबसे ठंडा, पारा 2.6 डिग्री पर
राजस्थान में मंगलवार को सर्दी ने इस सीजन का सबसे तीखा रूप दिखाया। सीकर जिले का फतेहपुर प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उत्तरी हवाओं के कारण रात के तापमान में तेज गिरावट देखने को मिली। खुले इलाकों में पाला पड़ने जैसी स्थिति बन गई, जिससे आम लोगों के साथ-साथ किसानों की चिंता भी बढ़ गई है।
मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में सीजन का सबसे कम तापमान
मध्य प्रदेश में भी सर्दी ने जोर पकड़ लिया है। हिल स्टेशन पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह इस सीजन में पहली बार है जब पचमढ़ी में पारा इतना नीचे गया है। ठंडी हवाओं के चलते सुबह और रात के समय ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विभाग का कहना है कि नए साल की शुरुआत तक राज्य के कुछ हिस्सों में कड़ाके की सर्दी बनी रह सकती है और सुबह के समय हल्के से घने कोहरे की स्थिति बन सकती है।
उत्तर प्रदेश में घना कोहरा, तीन दिनों में तीन मौतें
उत्तर प्रदेश में सर्दी और कोहरे ने हालात और गंभीर कर दिए हैं। राजधानी लखनऊ, प्रयागराज समेत राज्य के 50 से अधिक जिले घने कोहरे की चपेट में हैं। कई इलाकों में दृश्यता शून्य के करीब पहुंच गई है। गोरखपुर में गुरुवार सुबह से ही बादल और कोहरा छाया रहा, जिससे सड़कों पर कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा है। बीते तीन दिनों में ठंड से तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिससे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गए हैं।
यातायात और जनजीवन प्रभावित
घने कोहरे के कारण सड़क और रेल यातायात पर भी असर पड़ा है। कई जगह वाहनों की रफ्तार थम गई है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और दिहाड़ी मजदूरों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन की ओर से लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और गर्म कपड़ों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है।
जम्मू–कश्मीर में तापमान बढ़ा, लेकिन एवलांच का खतरा
जम्मू–कश्मीर में बीते कुछ दिनों से हो रही लगातार बर्फबारी के बाद बुधवार रात मौसम में थोड़ा बदलाव आया। रातभर बादल छाए रहने से सर्दी की तीव्रता में कुछ कमी दर्ज की गई और कई इलाकों में तापमान शून्य से ऊपर पहुंच गया। हालांकि, तापमान बढ़ने के साथ ही पहाड़ों पर जमी बर्फ के खिसकने का खतरा भी बढ़ गया है।
पांच जिलों में एवलांच की चेतावनी जारी
मौसम विभाग ने जम्मू–कश्मीर के डोडा, गांदरबल, किश्तवाड़, पुंछ और रामबन जिलों में एवलांच की चेतावनी जारी की है। विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में 2800 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन की आशंका है। प्रशासन ने पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
नए साल तक सर्दी का असर रहने के संकेत
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर भारत में शीतलहर का यह दौर अभी कुछ दिन और जारी रह सकता है। मैदानी इलाकों में कोहरा और पहाड़ी क्षेत्रों में एवलांच का खतरा आने वाले दिनों में चुनौती बना रहेगा। ऐसे में प्रशासन और आम लोगों, दोनों के लिए सतर्कता बेहद जरूरी मानी जा रही है।
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