ओला-उबर : अब महिलाएं चुन सकेंगी फीमेल ड्राइवर, एप में जेंडर चॉइस ऑप्शन
ओला-उबर में महिलाएं चुन सकेंगी फीमेल ड्राइवर:एप में जेंडर चॉइस ऑप्शन जरूरी होगा , टिप का पूरा पैसा ड्राइवर को मिलेगा; नए नियम लागू अब आपको कैब से राइड बुक करने के लिए ओला, उबर और रैपिडो जैसे एप में सेम जेंडर का ड्राइवर चुनने का विकल्प होगा। अपनी ट्रिप पूरी करने के बाद पैसेंजर्स अपने महिला ड्राइवर्स को टिप भी दे सकती है । और वो वॉलेंटियरी टिप पूरी तरह ड्राइवर की होगी ।
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कैब कंपनियों की गाइडलाइन
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 'मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइन्स 2025' में बदलाव किए, कैब एग्रीगेटर्स कंपनियों के लिए नए नियम जारी किए हैं। इसका उद्देश्य पैसेंजर्स की सुरक्षा को बढ़ाना है। मुख्यतौर पर यह महिला पैसेंजर्स के लिए महिला ड्राइवर चुनने की सुविधा होगी।
क्या है ओला उबर के नए नियम?
जेंडर चॉइस: महिला यात्री अब ऐप में 'महिला ड्राइवर' चुनने का विकल्प देख सकेंगी, हालांकि महिला ड्राइवर की संख्या कम होने से इसकी उपलब्धता महिला ड्राइवरों की संख्या पर निर्भर करेगी।
टिपिंग में बदलाव: टिप का पूरा पैसा सीधे ड्राइवर के पास जाएगा, एग्रीगेटर कोई कटौती नहीं कर पाएगा। यह विकल्प यात्रा पूरी होने के बाद ही मिलेगा।
नियमों का पालन: ये बदलाव सड़क परिवहन मंत्रालय के 2025 के नए दिशानिर्देशों के तहत किए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य महिला यात्रियों की सुरक्षा और सशक्तिकरण है।
ड्राइवरों के लिए: महिला ड्राइवर भी अपनी ऐप सेटिंग्स में 'महिला यात्री वरीयता' (Women Rider Preference) का विकल्प चालू कर सकेंगी, जिससे उन्हें सुरक्षित महसूस होगा और वे देर रात भी काम कर सकेंगी।
लागू होने की समय-सीमा: यह सुविधा जल्द ही ऐप पर उपलब्ध होगी और धीरे-धीरे सभी शहरों में लागू की जाएगी, जिससे महिलाओं के लिए कैब बुकिंग अधिक सुरक्षित और आरामदायक बनेगी।
नए नियमों पर एक्सपर्ट्स की क्या राय है
सरकार के फैसले पर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। क्योंकि कैब एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म्स से जुड़े अधिकारी ने बताया, फिलहाल पूरे देश में कुल कैब ड्राइवरों में महिलाओं की हिस्सेदारी 5% से भी कम है। इसलिए जेंडर ड्राइवर चुनने का विकल्प ज्यादा प्रभावी नहीं होगा। इससे ऑन-डिमांड सर्विस की प्रकृति प्रभावित होगी।
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महिला ड्राइवरों की कमी होने के कारण की बुकिंग के समय वेटिंग टाइम ज्यादा लग सकता है, खासकर खासकर लेट नाइट में जब डिमांड ज्यादा होती है और ड्राइवर्स कम उपलब्ध होते हैं। उबर, ओला और रैपिडो ने इस पर कमेंट करने से इनकार कर दिया। सरकार ने टिपिंग के नियमों को भी पारदर्शी बनाया है। अब यात्री अपनी मर्जी से ड्राइवर को टिप दे सकेंगे, लेकिन इसकी कुछ शर्तें होंगी।टिप देने का विकल्प सिर्फ ट्रिप पूरी होने के बाद ही मिलेगा।
कंपनियां टिप के लिए किसी भी तरह के 'मैनिपुलेटिव' या भ्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी, जो कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के विरोध में हो। नई गाइडलाइन्स में डायनामिक प्राइसिंग पर भी लगाम लगाई गई है। कंपनियां बेस फेयर से 50% कम चार्ज कर सकेंगी, लेकिन पीक ऑवर्स में 'सर्ज प्राइसिंग' बेस फेयर के दोगुने से ज्यादा नहीं हो सकती।
यात्रियों से 'डेड माइलेज' नहीं वसूला जा सकेगा। सिर्फ 3 किलोमीटर से कम की दूरी होने पर ही सीमित चार्ज लिया जा सकेगा। नियमों के विरोध पर कंपनियों के लाइसेंस खारिज भी हो सकते हैं। E20 कंप्लाइंट इंजन के साथ ट्रेक्शन कंट्रोल सेफ्टी फीचर।
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