सोशल मीडिया पोस्ट से मचा सियासी हलचल
भोपाल: 27 दिसंबर (हि.स.) मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर ऐसा कदम उठाया, जिसने राजनीति के गलियारों में नई बहस छेड़ दी है। भारतीय जनता पार्टी के मुखर आलोचक रहे दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए भाजपा के संगठनात्मक ढांचे की खुलकर सराहना की है। यह पोस्ट सामने आते ही तेजी से वायरल हो गई और इसे लेकर पक्ष-विपक्ष दोनों ओर चर्चाएं शुरू हो गईं।
पुरानी तस्वीर और दिलचस्प कैप्शन
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक श्वेत-श्याम तस्वीर साझा की, जिसमें युवा नरेन्द्र मोदी भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पास जमीन पर बैठे नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर गुजरात में आयोजित किसी पुराने कार्यक्रम की बताई जा रही है। इस तस्वीर के साथ दिग्विजय सिंह ने लिखा कि भाजपा का कार्यकर्ता नीचे बैठकर मुख्यमंत्री बना और फिर प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचा। उन्होंने इसे संघ और भाजपा की ‘संगठन शक्ति’ का उदाहरण बताया और अंत में “जय सिया राम” भी लिखा।
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भाजपा की संगठनात्मक ताकत पर जोर
इस पोस्ट के जरिए दिग्विजय सिंह ने यह संदेश देने की कोशिश की कि किसी भी राजनीतिक दल की असली ताकत उसका मजबूत संगठन होता है। उन्होंने यह रेखांकित किया कि जमीनी स्तर पर काम करने वाला कार्यकर्ता यदि संगठन में निरंतर सक्रिय रहे, तो वह शीर्ष संवैधानिक पदों तक भी पहुंच सकता है। दिग्विजय सिंह के अनुसार, यह तस्वीर भाजपा के भीतर कार्यकर्ताओं के विकास और अवसरों की पूरी कहानी बयां करती है।
आरएसएस और भाजपा पर पहले रहे हैं मुखर आलोचक
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के आलोचक रहे हैं। उनके कई पुराने बयान संघ के खिलाफ तीखे माने जाते रहे हैं। ऐसे में संगठन की तारीफ करना राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान वैचारिक समर्थन नहीं, बल्कि संगठनात्मक ढांचे की मजबूती को स्वीकार करने का संकेत है।
राहुल गांधी के लिए भी माना जा रहा है संदेश
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी तेज है कि दिग्विजय सिंह ने इस पोस्ट के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी, को संगठन की अहमियत का संदेश देने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के भीतर संगठन को मजबूत करने की जरूरत की ओर इशारा करते हुए उन्होंने यह उदाहरण सामने रखा है, हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर किसी का नाम लेकर टिप्पणी नहीं की।
मीडिया से बातचीत में दी सफाई
पोस्ट वायरल होने के बाद मीडिया से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने साफ किया कि उन्होंने संगठन की तारीफ की है, न कि विचारधारा की। उन्होंने कहा कि वे आज भी आरएसएस, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी नीतियों के विरोधी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो बातें उन्हें पार्टी के भीतर रखनी थीं, वे कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में पहले ही कह चुके हैं।
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर कहा, "मैं RSS की विचारधारा का विरोधी हूं। ये संविधान और देश के कानूनों को नहीं मानते हैं। यह एक अपंजीकृत संस्था है। मैं उनकी संगठन क्षमता का प्रशंसक हूं क्योंकि एक संस्था जो कि पंजीकृत भी नहीं, वह देश में इतनी शक्तिशाली… pic.twitter.com/E6ordJIc3D
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 27, 2025
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और बढ़ती चर्चा
दिग्विजय सिंह का यह ट्वीट भाजपा और कांग्रेस दोनों खेमों में चर्चा का विषय बना हुआ है। भाजपा नेताओं ने इसे संगठन की ताकत की स्वीकारोक्ति बताया, जबकि कांग्रेस समर्थकों में इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुल मिलाकर, यह पोस्ट भारतीय राजनीति में संगठन, कार्यकर्ता और नेतृत्व की भूमिका को लेकर एक नई बहस को जन्म दे रहा है।
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