बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए बनेगा ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी

नई दिल्ली। देश के सभी बंदरगाहों और जहाजों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए सरकार ने नया संगठन बनाने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को एक बैठक की, जिसमें इस बारे में विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बंदरगाहों की सुरक्षा के उपायों को चरणबद्ध तरीके से और जोखिम के अनुसार लागू किया जाए। इसका मतलब यह है कि सबसे संवेदनशील और जरूरी जगहों की सुरक्षा पहले मजबूत होगी। साथ ही व्यापार, भूगोल और अन्य महत्वपूर्ण बातें भी ध्यान में रखी जाएंगी। इस बैठक में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री भी शामिल हुए।

Press Release: Press Information Bureau

बैठक में निर्णय हुआ कि ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी (बीओपएस) को नव-प्रवर्तित मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 2025 की धारा 13 के तहत वैधानिक निकाय के रूप में बनाया जाएगा। यह ब्यूरो पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत काम करेगा। इसका काम बंदरगाहों और जहाजों की सुरक्षा से जुड़े नियम बनाना और उनका पालन सुनिश्चित करना होगा। इस ब्यूरो का ढांचा ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी की तरह होगा।

ब्यूरो का नेतृत्व एक महानिदेशक करेंगे। यह महानिदेशक पे लेवल-15 के आईपीएस अधिकारी होंगे। शुरूआती एक साल तक महानिदेशक शिपिंग (DG Shipping) ही बीओपएस का काम संभालेंगे।

बैठक में यह भी बताया गया कि नया ब्यूरो बंदरगाहों की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी का समय पर विश्लेषण करेगा, उसे इकट्ठा करेगा और संबंधित अधिकारियों के साथ साझा करेगा। इसमें साइबर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। बंदरगाहों की आईटी प्रणाली को डिजिटल खतरे से बचाने के लिए अलग से एक विभाग बनाया जाएगा।

सरकार ने बंदरगाह सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) को मान्यता प्राप्त सुरक्षा संगठन बनाया है। इसका काम बंदरगाहों की सुरक्षा की जांच करना, सुरक्षा योजनाएं तैयार करना और निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षित करना होगा। अब निजी सुरक्षा एजेंसियों को भी लाइसेंस लेना होगा। इसका मतलब है कि केवल प्रमाणित एजेंसियां ही बंदरगाहों पर सुरक्षा का काम कर सकती हैं।

बैठक में यह भी बताया गया कि समुद्री सुरक्षा से मिले अनुभवों और सबक को नागरिक उड्डयन सुरक्षा में भी लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि हवाई अड्डों और विमान सुरक्षा में भी सुधार होगा।

 इस नए ब्यूरो के बनने से देश के बंदरगाह और जहाज अधिक सुरक्षित होंगे। सरकार का लक्ष्य है कि हर बंदरगाह पर सुरक्षा मजबूत और व्यवस्थित हो, और डिजिटल खतरों से भी बचाव किया जा सके। यह कदम न सिर्फ व्यापार और यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि भारत के समुद्री और हवाई सुरक्षा ढांचे को और मजबूत बनाने में भी मदद करेगा।

इस नए ब्यूरो के बनने से बंदरगाहों पर काम करने वाले लोग, व्यापारी और यात्रियों को ज्यादा सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। साथ ही डिजिटल और साइबर सुरक्षा की तैयारी भी बेहतर होगी। सीआईएसएफ और निजी एजेंसियों के प्रशिक्षण से सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। यह पूरी योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी ताकि किसी तरह की चूक न हो।

अमित शाह ने कहा कि यह संगठन देश के बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। अब हर बंदरगाह पर सुरक्षा की निगरानी, नियम और तकनीक को सटीक तरीके से लागू किया जाएगा। इससे बंदरगाहों और जहाजों की सुरक्षा बेहतर होगी और देश की आर्थिक और सुरक्षा से जुड़े हितों की रक्षा भी होगी।

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