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April 17, 2025 12:06 AM

मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता की आशंका, 210 गिरफ्तारगृह मंत्रालय को दी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट, बीएसएफ और केंद्रीय बलों की बढ़ी तैनाती

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में भड़की हिंसा के मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। गृह मंत्रालय को सौंपी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में इस हिंसा में बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, नया वक्फ कानून लागू होने के विरोध में हुई इस हिंसा को सीमावर्ती क्षेत्रों में बैठे कुछ बाहरी तत्वों ने जानबूझकर भड़काया और हिंसक रूप दिया।

हिंसा मुख्य रूप से जंगीपुर, धुलियान, सुती और शमशेरगंज जैसे संवेदनशील इलाकों में फैली थी, जहां स्थिति अब धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। राज्य और केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इन क्षेत्रों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, राज्य सशस्त्र पुलिस और आरएएफ की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात कर दिया है।

बीएसएफ अधिकारियों का दौरा, शांति बहाली की कवायद तेज़

बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी रवि गांधी ने सोमवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था बनाए रखने की रणनीति पर चर्चा की। अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहकर लगातार सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं।

हिंसा के सिलसिले में अब तक 210 गिरफ्तारियां

राज्य सरकार ने हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक 210 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से कुछ पर विदेशी नागरिक होने का संदेह भी जताया गया है। इन लोगों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है, ताकि इनकी नागरिकता और संभावित नेटवर्क का खुलासा हो सके।

जिला प्रशासन ने शुरू की मुआवजे की प्रक्रिया

हिंसा में कई लोगों की संपत्ति और दुकानों को नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन द्वारा अब ऐसे पीड़ितों की पहचान की जा रही है और मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित परिवारों को प्राथमिक राहत भी पहुंचाई गई है।

सांसद ने की शांति की अपील

तृणमूल कांग्रेस के सांसद खलीलुर रहमान ने हिंसा प्रभावित जंगीपुर इलाके का दौरा किया और लोगों से अफवाहों से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह सतर्क है और पीड़ितों की हरसंभव मदद की जा रही है।

बांग्लादेशी घुसपैठियों पर नजर, खुफिया एजेंसियां सक्रिय

जांच एजेंसियों का ध्यान अब सीमा पार से आए संभावित घुसपैठियों और उनके स्थानीय संपर्कों पर केंद्रित है। गृह मंत्रालय ने खुफिया एजेंसियों से रिपोर्ट तलब की है और उनसे कहा है कि वे सोशल मीडिया और सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय कट्टरपंथी संगठनों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें।



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