महाकाल लोक के बाद लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में आस्था का अभूतपूर्व प्रवाह देखने को मिल रहा है। वर्ष 2025 में अब तक 11 माह 15 दिनों के भीतर करीब 5.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए हैं। देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में भक्त उज्जैन पहुंच रहे हैं। महाकाल लोक के निर्माण के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिससे उज्जैन धार्मिक पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर और अधिक सशक्त रूप में उभरा है।
13 करोड़ रुपये मूल्य के सोना-चांदी के आभूषण अर्पित
श्रद्धालुओं की आस्था केवल दर्शन तक सीमित नहीं रही, बल्कि दान और भेंट के रूप में भी इसका व्यापक स्वरूप देखने को मिला है। इस वर्ष भक्तों ने भगवान महाकाल को लगभग 13 करोड़ रुपये मूल्य के सोना-चांदी के आभूषण अर्पित किए हैं। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार, भक्तों द्वारा 1483.621 ग्राम सोना और 592.366 किलोग्राम चांदी के आभूषण भेंट किए गए हैं। इनमें सोने की अनुमानित कीमत करीब एक करोड़ 82 लाख रुपये और चांदी की कीमत लगभग 11 करोड़ 85 लाख रुपये आंकी गई है।
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दान पेटी और शीघ्र दर्शन से एक अरब सात करोड़ से अधिक की आय
मंदिर समिति को इस अवधि में दान पेटी और शीघ्र दर्शन व्यवस्था से भी रिकॉर्ड आय प्राप्त हुई है। मंदिर के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि एक जनवरी से 15 दिसंबर तक श्रद्धालुओं ने नकद दान के रूप में 43 करोड़ 43 लाख रुपये भेंट किए हैं। वहीं, शीघ्र दर्शन व्यवस्था से मंदिर समिति को करीब 64 करोड़ 50 लाख रुपये की आय हुई है। इस प्रकार कुल मिलाकर 11 माह 15 दिनों में महाकालेश्वर मंदिर को एक अरब सात करोड़ 93 लाख रुपये से अधिक की आय प्राप्त हुई है, जो अब तक के आंकड़ों में एक बड़ा रिकॉर्ड माना जा रहा है।
पहले 40-50 हजार, अब रोजाना डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु
महाकाल लोक बनने से पहले प्रतिदिन 40 से 50 हजार श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब यह संख्या सामान्य दिनों में बढ़कर करीब 1.20 लाख तक पहुंच गई है। सप्ताहांत और विशेष पर्वों पर डेढ़ से पौने दो लाख श्रद्धालु रोजाना महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन कर रहे हैं। यह वृद्धि न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि उज्जैन की धार्मिक और आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति दे रही है।
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वर्षांत और नए साल को लेकर विशेष व्यवस्था
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया ने बताया कि क्रिसमस से शुरू हुए अवकाश के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में और तेजी आई है। वर्ष के अंतिम दिनों और नए वर्ष के पहले सप्ताह में भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए मंदिर समिति ने 5 जनवरी तक विशेष दर्शन व्यवस्था लागू कर दी है। आम दर्शनार्थियों को मानसरोवर द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है, ताकि भीड़ का सुचारु प्रबंधन किया जा सके और श्रद्धालुओं को सहज दर्शन मिल सके।
अतिरिक्त प्रसाद काउंटर लगाने का निर्णय
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने अतिरिक्त प्रसाद काउंटर लगाने का भी निर्णय लिया है। समिति हर वर्ष की तरह इस बार भी वर्ष के अंतिम दिन और नए वर्ष के पहले दिन मंदिर परिसर में स्थित आठ प्रसाद काउंटरों के अतिरिक्त नए काउंटर लगाएगी। ये काउंटर बड़ा गणेश मंदिर, विक्रमादित्य टीला सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे। मंदिर समिति द्वारा प्रसाद 400 रुपये प्रति किलो की दर से विक्रय किया जाता है, जो 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैक में उपलब्ध रहता है।
आस्था, व्यवस्था और विकास का संगम
महाकालेश्वर मंदिर में लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या यह दर्शाती है कि उज्जैन आज केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सुव्यवस्थित प्रबंधन का संगम बन चुका है। मंदिर समिति द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं और महाकाल लोक परियोजना ने श्रद्धालुओं के अनुभव को और अधिक सहज तथा दिव्य बना दिया है।
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