अहिल्या घाट पर भक्ति संगीत, लाइट एंड साउंड शो और लोक-सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से नर्मदा तट होगा रोशन
मध्य प्रदेश के खरगोन जिले का ऐतिहासिक नगर महेश्वर इस सप्ताहांत सांस्कृतिक रंगों से सराबोर होने जा रहा है। मां नर्मदा के तट पर स्थित देवी अहिल्या घाट (किला) पर आज शनिवार शाम 7 बजे से तीन दिवसीय निमाड़ उत्सव 2025 का भव्य आगाज होगा।
मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, संस्कृति परिषद भोपाल द्वारा आयोजित यह उत्सव निमाड़ की परंपराओं, कला, संगीत, नृत्य और लोकसाहित्य को एक साथ लाने वाली अनूठी सांस्कृतिक श्रृंखला है।
उत्सव के शुभारंभ के लिए नई दिल्ली से आए प्रसिद्ध गायक लखवीरसिंह लक्खा और उनके साथियों द्वारा मनमोहक भक्ति संगीत प्रस्तुत किया जाएगा। इसी दौरान अहिल्या घाट पर अत्याधुनिक तकनीक से तैयार लाइट एंड साउंड शो का लोकार्पण किया जाएगा, जो महेश्वर के इतिहास, संस्कृति और नर्मदा तट की धरोहर को जीवंत करेगा।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और कार्यक्रम समन्वयक आकाश सिंह ने बताया कि इस बार उत्सव को अधिक आकर्षक और विविधतापूर्ण बनाने के लिए कई कला विधाओं को मंच पर स्थान दिया गया है।
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दूसरे दिन निमाड़ की लोक-संस्कृति और विविध प्रदेशों की प्रस्तुतियाँ
23 नवम्बर को उत्सव में लोक-सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की झड़ी लगेगी।
दर्शकों को होंगे ये खास कार्यक्रम
बाड़मेर के भुट्टे खाँ एवं साथियों द्वारा मांगणियार गायन
पुरी के चन्द्रमणि प्रधान और समूह द्वारा पारंपरिक गोटीपुआ नृत्य
बड़ौदा के विजयभाई राठवा और साथियों द्वारा राठ नृत्य
इसी दिन निमाड़ की मिट्टी से जुड़े कवियों का शानदार काव्य-पाठ भी होगा। अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे—
मोहन परमार (खरगोन), दिलीप काले (महेश्वर), राम शर्मा परिंदा (मनावर), जितेंद्र यादव (कसरावद), धनसिंह सेन (जलकोटा) और बिहारी पाटीदार गांववाला (करोंदिया)।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता पद्मश्री जगदीश जोशीला करेंगे।
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अंतिम दिन शास्त्रीय नृत्य और राष्ट्रीय कवि सम्मेलन
24 नवम्बर को उत्सव शास्त्रीय और लोकनृत्यों से महेश्वर की रात को और भी रंगीन बना देगा।
खरगोन की गौरी देशमुख एवं समूह द्वारा कथक नृत्य
खण्डवा की अनुजा जोशी एवं समूह द्वारा गणगौर नृत्य
खण्डवा के रामदास साकल्ले एवं समूह द्वारा काठी नृत्य
इसी दिन आयोजित होने वाला राष्ट्रीय कवि सम्मेलन उत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगा। इसमें सुदीप भोला, डॉ. शंभूसिंह मनहर, भुवन मोहिनी, नरेंद्र श्रीवास्तव ‘अटल’ और राम भदावर ‘ओज’ अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम के सूत्रधार होंगे बुद्धिप्रकाश दाधीच।
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खेल और प्रतियोगिताओं से भी सजेगा उत्सव
निमाड़ उत्सव केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सीमित नहीं है—प्रतिदिन कई आयोजन भी किए जाएंगे:
पहले दिन महेश्वर उत्कृष्ट विद्यालय से अहिल्या घाट तक रैली
कबड्डी प्रतियोगिता, उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में
अहिल्या घाट पर नौका सज्जा प्रतियोगिता
23 नवम्बर: उत्कृष्ट विद्यालय में कुश्ती प्रतियोगिता, किले में मेहंदी प्रतियोगिता
24 नवम्बर: देवी अहिल्या किला परिसर में रंगोली प्रतियोगिता
निमाड़ उत्सव सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक प्रस्तुति दोनों का संगम है। नर्मदा तट पर तीन दिनों तक कला, संगीत, खेल और लोकजीवन का अद्भुत संगम महेश्वर को नई पहचान देने वाला है।
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