आखिरी दिन बिना भोजन अवकाश सदन चला, बजट से लेकर वन कटाई, बेदखली, निकायों में प्रतिनियुक्ति और विकास कार्यों पर तीखी बहस

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का समापन शुक्रवार को हुआ। अंतिम दिवस सदन ने 13,476 करोड़ रुपए के द्वितीय अनुपूरक बजट को मंजूरी दी। यह पूरा दिन राजनीतिक टकराव, आदिवासियों के विस्थापन के मुद्दे, वन कटाई, निकायों में प्रतिनियुक्त अधिकारियों की मनमानी और विकास योजनाओं पर तीखी बहस से भरा रहा। सदन बिना भोजन अवकाश के लगातार चलता रहा और कई बार माहौल गर्माने के बीच विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए बहिर्गमन भी किया।

अनुपूरक बजट: आवास, उपार्जन, भावांतर और लाड़ली बहना योजनाओं पर बड़ा प्रावधान

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि:

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 4,000 करोड़ रुपये का प्रावधान

उपार्जन और भावांतर भुगतान

लाड़ली बहना योजना

पूंजीगत व्यय में वृद्धि

उन्होंने कहा कि सरकार राजस्व व्यय के लिए कर्जा नहीं ले रही, बल्कि पूंजीगत मदों पर निवेश किया जा रहा है। उन्होंने जोर दिया कि कर्ज और ब्याज दोनों का भुगतान समय पर किया जा रहा है।

आदिवासी विस्थापन मुद्दे पर हंगामा, विपक्ष का बहिर्गमन

सत्र का सबसे विवादित विषय रहा सिंगरौली में अवैध वन कटाई और आदिवासियों के कथित जबरन बेदखल का मामला।

कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया और जयवर्धन सिंह ने इस मुद्दे को सदन में उठाया। मंत्री के उत्तर से असंतुष्ट होकर विपक्ष भड़क गया।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच तीखी बहस

कांग्रेस सदस्यों का हंगामा बढ़ता गया

आखिरकार नारेबाजी करते हुए विपक्ष सदन से बाहर चला गया

जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि:

“तीन कोल खदान अदाणी समूह को सौंप दी गई हैं”

वन अधिनियम का पालन नहीं हो रहा

लगातार पेड़ काटे जा रहे और आदिवासी उजड़ रहे

इस पर मंत्री दिलीप अहिरवार ने जवाब दिया कि:

सभी कार्य केंद्र की अनुमति से हुए

486 करोड़ रुपये हर साल सरकार को मिलेंगे

“हम पेड़ भी लगा रहे हैं और विकास भी कर रहे हैं”

जब जयवर्धन सिंह ने कहा कि मंत्री “वन विभाग के हैं, कोयला मंत्रालय के नहीं”, तब अहिरवार ने कटाक्ष भरे जवाब में कहा—
“धन्यवाद, आपने तो बता ही दिया कि मैं किस विभाग का मंत्री हूं। जहां कोयला है, वहीं जंगल है और यह सब मेरे ही विभाग में आता है।”

उदय नगर को नगर परिषद बनाने का मुद्दा

भाजपा विधायक मुरली भंवरा ने प्रश्नकाल में उदय नगर को नगर परिषद बनाने की मांग रखी।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा:

नगर परिषद बनाने के लिए 20,000 मतदाता चाहिए

उदय नगर में केवल 3,000 मतदाता हैं

पूरा क्षेत्र आदिवासी है और शहरी जनसंख्या 10% से भी कम

“फिर भी विकास के लिए जो उचित होगा, सरकार करेगी”

ऑडिटोरियम के स्थान पर गीता भवन का निर्देशन

कांग्रेस विधायक सोहन वाल्मीकि ने चांदमता में ऑडिटोरियम निर्माण और मोक्षधाम सौंदर्यीकरण पर सवाल पूछा।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा:

ऑडिटोरियम की जगह गीता भवन बनाने के निर्देश दिए हैं

ऑडिटोरियम का रखरखाव भारी खर्चीला

गीता भवन कम खर्च वाला और उपयोगी

विधायक ने आग्रह किया कि “जो भी बने, वह जनता की सुविधा के लिए बनाया जाए।”
मंत्री ने मोक्षधाम सौंदर्यीकरण के लिए राशि स्वीकृत करने का आश्वासन दिया।

निकायों में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति पर आपत्ति

भाजपा विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने आरोप लगाया कि:

अन्य विभागों के अधिकारी नगर निकायों में प्रतिनियुक्त होकर मनमानी कर रहे

“क्या ये संस्थाएं चारागाह बन गई हैं?”

मंत्री विजयवर्गीय ने स्वीकार किया कि राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभावों के कारण ऐसा होता है और कहा—
“ऐसे अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।”

अन्य मुद्दे:

विधायक भगवानदास सबनानी ने आरजीपीवी में वित्तीय अनियमितताओं की ओर मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया, जिस पर बताया गया कि जांच पृथक एजेंसी से कराई जा रही है।

रतलाम के निजी स्कूल में छात्र की आत्महत्या का मुद्दा उठा। मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा—

दोषी प्राचार्य पर एफआईआर

निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए कलेक्टर अध्यक्षता में समिति सक्रिय है

शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन राजनीतिक हलचल, आरोप-प्रत्यारोप और लगातार चलती कार्यवाही के बीच विधानसभा ने बजट और कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी प्रक्रियाएँ पूरी कर सत्र विराम घोषित किया।

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