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April 18, 2025 3:18 PM

प्रदेश की 50 नदियों को सहेजने का जल गंगा संवर्धन अभियान आज से शुरू

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव उज्जैन से करेंगे शुभारंभ, 30 जून तक चलेगा महाअभियान

भोपाल। मध्यप्रदेश में जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, राज्य सरकार आज से ‘जल गंगा संवर्धन महाअभियान’ की शुरुआत कर रही है। यह अभियान गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर प्रारंभ किया जा रहा है और 30 जून तक चलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस प्रदेशव्यापी अभियान का शुभारंभ बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित क्षिप्रा तट से करेंगे। जल देवता वरुण की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक के साथ इस महाअभियान की विधिवत शुरुआत होगी।

90 दिनों तक चलेगा जल संरक्षण का महायज्ञ

इस महाअभियान के तहत प्रदेश की 50 नदियों और अन्य जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया जाएगा। ग्रीष्म ऋतु के दौरान जल संरक्षण की महती आवश्यकता को देखते हुए यह अभियान 90 दिनों तक चलेगा। इस अवधि में मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रत्येक दिन किसी न किसी जल संरचना का लोकार्पण करेंगे। इसके तहत वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन और जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि जन-जन की भागीदारी से ही यह संभव हो सकता है। उन्होंने जनता से अपील की कि जल गंगा संवर्धन अभियान को एक जन-आंदोलन का रूप दें, ताकि जल की बूंद-बूंद को बचाकर प्रदेश के जल संकट को दूर किया जा सके।

प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने की पहल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल संरक्षण के लिए शुरू किए गए अभियानों से प्रेरणा लेते हुए, मध्यप्रदेश सरकार भी ‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ की अवधारणा पर काम कर रही है। इस महाअभियान का उद्देश्य जल संरक्षण की दिशा में सामूहिक प्रयासों को तेज करना है, जिससे प्रदेश में भू-जल स्तर को पुनः संतुलित किया जा सके।

जन सहभागिता से जल संरक्षण का प्रयास

‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ की थीम जन सहभागिता से जल स्रोतों का संवर्धन एवं संरक्षण रखी गई है। अभियान के दौरान विभिन्न गतिविधियों को संचालित किया जाएगा, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित कार्य होंगे—

पौध-रोपण और जल स्रोतों का पुनर्जीवन
ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम
स्कूलों में बच्चों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना
तालाबों और नदियों के किनारे छोटे बांधों का निर्माण
नदियों की जलधाराओं के आसपास फलदार पौधों का रोपण
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्याऊ की व्यवस्था

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि जल संरक्षण की योजनाओं को प्राथमिकता दें और अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ें।

90 दिनों में होंगे ये बड़े कार्य

🔹 तालाबों का निर्माण और जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार
🔹 50 हजार नए खेत-तालाब बनाए जाएंगे
🔹 प्रदेश की 90 लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण
🔹 नदियों में जलीय जीवों को पुनर्स्थापित किया जाएगा
🔹 50 से अधिक नदियों के वाटरशेड क्षेत्र में जल संरक्षण कार्य
🔹 ग्राम पंचायतों में पानी चौपालों का आयोजन
🔹 40 हजार किलोमीटर लंबी नहर प्रणाली की सफाई
🔹 सदानीरा फिल्म समारोह, जल सम्मेलन और चित्र प्रदर्शनी का आयोजन

सभी विभाग मिलकर करेंगे काम

इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, पर्यावरण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, उद्यानिकी एवं कृषि सहित 12 अन्य विभागों को शामिल किया गया है।

अभियान के दौरान नदियों की जलधाराओं को जीवित रखने के लिए गेबियन संरचना, ट्रेंच, चेकडैम, और तालाब निर्माण पर विशेष जोर दिया जाएगा। वहीं, नर्मदा परिक्रमा पथ का चिह्नांकन कर जल संरक्षण और पौध-रोपण की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

जलदूत तैयार किए जाएंगे

अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेशभर से 1 लाख जलदूत तैयार किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय नागरिकों को जल संरचनाओं के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी, जिससे दीर्घकालिक जल संरक्षण संभव हो सके।

शहरों में जल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा

🔸 सीवेज का गंदा पानी जल स्रोतों में न जाए, इसके लिए सोक पिट निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा।
🔸 बांध और नहरों को अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा।
🔸 नहरी जल संरक्षण और रिसाव रोकने के लिए पिचिंग और बैराज मरम्मत का कार्य होगा।
🔸 शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर जल पुनर्चक्रण की व्यवस्था लागू की जाएगी।

जल संरक्षण के लिए सरकार संकल्पित

मध्यप्रदेश सरकार ने जल संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इसे प्रदेश की जल सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर बताया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल ही जीवन है और इस अभियान से प्रदेश को जल की प्रचुर उपलब्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

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