डेमो फ्लाइट अचानक फ्री-फॉल में गई, रिकवरी फेल होने से हुआ हादसा
दुबई।
दुबई के अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार को भारतीय वायुसेना का स्वदेशी तेजस फाइटर जेट एक डेमो फ्लाइट के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा भारतीय समयानुसार करीब 3:40 बजे हुआ। विमान जमीन पर गिरते ही उसमें आग लग गई और कुछ ही सेकंड में एयरपोर्ट के ऊपर घना काला धुआं छा गया। दुबई एयर शो के आखिरी दिन हुए इस हादसे में तेजस के पायलट की मौत की पुष्टि भारतीय वायुसेना ने कर दी है। घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
कैसे हुआ हादसा – निगेटिव G-फोर्स से रिकवरी नहीं कर पाया विमान
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, तेजस का पायलट निगेटिव G-फोर्स टर्न से उबर नहीं पाया। इस चाल में विमान अचानक नीचे की ओर गोता लगाता है, जिससे पायलट के शरीर पर गुरुत्वाकर्षण के उलट दिशा में दबाव पड़ता है।
सामान्यत: अनुभवी पायलट इस टर्न से तुरंत रिकवरी कर लेते हैं, लेकिन वीडियो फुटेज दिखाता है कि तेजस विमान सीधे नीचे गिर गया। न तो कोई ग्लाइडिंग दिखाई दी और न ही किसी तरह की रिकवरी—विमान जैसे फ्री-फॉल में चला गया हो।
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विशेषज्ञ मानते हैं कि निगेटिव G-फोर्स के दौरान:
सिर की तरफ खून तेजी से चढ़ जाता है,
पायलट को चक्कर और धुंधलापन महसूस हो सकता है,
और कुछ ही सेकंड में विमान का नियंत्रण खो सकता है।
दुबई एयर शो में हुए इस हादसे में यही स्थिति सामने आने का अंदेशा है।
तेजस की यह दूसरी दुर्घटना
स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस का यह दूसरा बड़ा क्रैश है।
इसके पहले 2024 में राजस्थान के पोखरण में युद्धाभ्यास के दौरान इंजन फेल होने से तेजस दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उस समय पायलट सुरक्षित बाहर निकल आया था, लेकिन दुबई दुर्घटना में यह संभव नहीं हो सका।
एयर शो में अफरा-तफरी, दो घंटे रोकना पड़ा कार्यक्रम
दुबई एयर शो में दुनिया भर की एयरोस्पेस कंपनियों, एयरलाइंस और रक्षा क्षेत्र की दिग्गज संस्थाएँ हिस्सा ले रही थीं। शुक्रवार को एयर शो का आखिरी दिन था और तेजस का 8-मिनट का एरियल डिस्प्ले 2:15 बजे से 2:23 बजे के बीच निर्धारित था।
डेमो उड़ान के दौरान यह हादसा होते ही एयर शो को तुरंत रोक दिया गया। आपातकालीन टीमें कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गईं और आग पर काबू पाया। लगभग दो घंटे बाद कार्यक्रम को फिर से शुरू किया गया। तेजस हादसे के बाद एरियल डिस्प्ले में पहली उड़ान रूस के SU-57 स्क्वाड ने भरी।
तेजस की अहमियत और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन
दुबई एयर शो की शुरुआत 1989 में हुई थी और यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित एयरोस्पेस कार्यक्रमों में गिना जाता है। यह शो हर दो साल में आयोजित किया जाता है। तेजस लगातार तीसरी बार इसमें शामिल हो रहा था। इसके माध्यम से भारत अपनी एरोस्पेस क्षमता और स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन करता है। तेजस की अनुमानित कीमत करीब 600 करोड़ रुपए बताई जाती है।
यूएई के रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि "दुबई एयर शो के फ्लाइंग डिस्प्ले के दौरान भारत का तेजस लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। पायलट की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। आपातकालीन दलों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और स्थिति को नियंत्रित किया।"
यह हादसा न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा जगत के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। तेजस पर कई देशों की नजरें थीं और यह दुर्घटना इसके अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन पर भी प्रभाव डाल सकती है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी एरोबिक डिस्प्ले में जोखिम अधिक होता है और इसकी जांच के बाद ही तकनीकी कारणों का स्पष्ट पता चल सकेगा।
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