फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, जोमेटो-दूसरी कंपनियों ने सेल्फ-ऑडिट के बाद CCPA को सौंपी रिपोर्ट, उपभोक्ताओं के लिए ऑनलाइन मार्केट अब होगा अधिक पारदर्शी
नई दिल्ली। देश के डिजिटल बाजार में पारदर्शिता और उपभोक्ता सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में 26 प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म्स से डार्क पैटर्न्स को पूरी तरह हटाने की घोषणा की है। इंटरनल और थर्ड-पार्टी ऑडिट के बाद इन कंपनियों ने सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) को सेल्फ-डिक्लेरेशन लेटर सौंपे हैं, जिनमें उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उनके एप्स और वेबसाइट्स पर अब किसी भी प्रकार के गुमराह करने वाले डिजिटल ट्रिक्स का उपयोग नहीं किया जाएगा।
इन कंपनियों में फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, जोमेटो, स्विगी जैसी दिग्गज कंपनियाँ शामिल हैं, जो ग्रॉसरी, फूड डिलीवरी, फार्मेसी, फैशन और ट्रैवल जैसे बड़े क्षेत्रों में सेवाएँ देती हैं। कंपनियों ने अपने-अपने पोर्टलों पर यह डिक्लेरेशन सार्वजनिक कर दिया है, ताकि उपभोक्ता इसे देख सकें और प्लेटफॉर्म्स की प्रतिबद्धता पर भरोसा कर सकें।
डिजिटल उपभोक्ता सुरक्षा में बड़ा सुधार, केंद्र ने दी दिशा
डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने कंपनियों के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह डिजिटल उपभोक्ता सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। इसके साथ ही यह अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के लिए भी संकेत है कि उपभोक्ता अधिकारों के सम्मान और पारदर्शी संचालन की ओर कदम बढ़ाए जाएँ।
केंद्र ने जून 2025 में ई-कॉमर्स कंपनियों को सलाह जारी की थी कि वे 3 महीनों के भीतर सेल्फ-ऑडिट करें और डार्क पैटर्न्स हटाने की पुष्टि करते हुए डिक्लेरेशन सबमिट करें। इसी प्रक्रिया के बाद ये 26 कंपनियाँ सेल्फ-रेगुलेशन के तहत आगे आई हैं।
क्या होते हैं डार्क पैटर्न्स? कैसे गुमराह करते हैं उपभोक्ताओं को
डार्क पैटर्न्स वे डिजिटल तरीके या ट्रिक्स हैं, जिनका इस्तेमाल प्लेटफॉर्म्स उपभोक्ताओं को धोखे से कोई अतिरिक्त उत्पाद खरीदवाने, अनजाने में सब्सक्रिप्शन एक्टिवेट करवाने या गलत दिशा में निर्णय लेने के लिए करते हैं।
कुछ आम डार्क पैटर्न्स
फॉल्स अर्जेंसी: “अभी खरीदें, वरना खत्म हो जाएगा”, जबकि असल में कोई अर्जेंसी नहीं होती।
बास्केट स्नीकिंग: बिना बताए कार्ट में अतिरिक्त आइटम ऐड कर देना।
सब्सक्रिप्शन ट्रैप: सब्सक्रिप्शन लेने के बाद उसे कैंसिल करना बेहद मुश्किल बना देना।
ड्रिप प्राइसिंग: शुरुआत में कम कीमत दिखाना और बाद में अतिरिक्त शुल्क जोड़ना।
कन्फर्म शेमिंग: उपभोक्ता के निर्णय पर भावनात्मक दबाव डालना, जैसे—“क्या आप इस बेहतरीन ऑफर को खोना चाहते हैं?”
2023 में जारी गाइडलाइंस फॉर प्रिवेंशन एंड रेगुलेशन ऑफ डार्क पैटर्न्स में ऐसे 13 डार्क पैटर्न्स को बैन किया गया है, जिनमें ट्रिक वर्डिंग, इंटरफेस इंटरफियरेंस, फोर्स्ड एक्शन, डिस्गाइज्ड ऐड्स, SAAS बिलिंग और रोग मैलवेयर जैसे पैटर्न शामिल हैं।
उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार की सक्रिय भूमिका
केंद्र सरकार ने उपभोक्ता जागरूकता के लिए सोशल मीडिया कैंपेन, जानकारीपूर्ण वीडियो, और नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) के माध्यम से विशेष कार्यशालाएँ आयोजित कीं ताकि लोग ऑनलाइन खरीदारी के दौरान डार्क पैटर्न्स पहचान सकें और शिकायत दर्ज करा सकें।
CCPA ने स्पष्ट किया कि यह कदम भविष्य में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए मिसाल बनेगा। यदि कोई कंपनी सेल्फ-ऑडिट करने या डेडलाइन का पालन करने में विफल रहती है, तो उसके खिलाफ नियामक कार्रवाई की जा सकती है।
पारदर्शी डिजिटल बाजार की ओर एक महत्वपूर्ण बढ़त
डिजिटल अर्थव्यवस्था के तेजी से विस्तार के दौर में उपभोक्ताओं पर गलत तरीके से प्रभाव डालने वाली रणनीतियों पर रोक लगाना बेहद आवश्यक हो गया था। 26 बड़ी कंपनियों द्वारा डार्क पैटर्न्स हटाने की घोषणा से ऑनलाइन खरीदारी अधिक पारदर्शी और सुरक्षित होगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह कदम उपभोक्ताओं के भरोसे को बढ़ाएगा और डिजिटल मार्केट की विश्वसनीयता को मजबूत करेगा।
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