सर्दियों में भाप लेने के फायदे और सही तरीका

सर्दियों के मौसम में ठंडी हवा के कारण नाक, गला और श्वास नलियाँ जल्दी प्रभावित हो जाती हैं। भाप लेने से गर्म वाष्प सीधी श्वास मार्ग तक पहुँचती है, जिससे जमाव कम होता है और साँस लेना आसान हो जाता है। यह तरीका शरीर को अंदर से गर्म करता है और कई सर्दी से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाता है।

नाक बंद और जमाव में आराम

भाप लेने से नाक और आसपास के हिस्सों में जमा हुआ कफ़ नरम होकर बाहर निकलने लगता है। इससे नाक बंद होने की समस्या कम होती है और सिर का भारीपन भी घटता है। यह प्राकृतिक तरीका है जो बिना किसी दवा के जल्दी राहत देता है।

गले की खराश और खाँसी में लाभ

ठंडी हवा के कारण गले की नलियाँ सूख जाती हैं और दर्द होने लगता है। भाप की गर्माहट गले की सूजन कम करती है, खराश घटाती है और खाँसी को शांत करती है। यह अंदर जमी ठंडक को दूर कर गले को आराम पहुँचाती है।

त्वचा को निखार और चमक मिलती है

सर्दियों में त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। भाप लेने से चेहरे के रोमछिद्र खुल जाते हैं और गंदगी आसानी से साफ हो जाती है। इससे त्वचा ताज़गी, नमी और प्राकृतिक चमक प्राप्त करती है। यह तरीका सर्दियों में घरेलू देखभाल का सरल उपाय है।

सही तरीका: कितनी देर और कैसे लें भाप?

भाप लेने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करें। सिर पर हल्का कपड़ा ढकें ताकि भाप बाहर न निकले। धीरे-धीरे गहरी साँस लें और आँखें बंद रखें। एक बार में लगभग पाँच से सात मिनट की भाप पर्याप्त होती है। बहुत गरम भाप लेने से त्वचा या आँखों को नुकसान हो सकता है, इसलिए तापमान का संतुलन ज़रूरी है।

कब सावधानी बरतनी चाहिए?

भाप लेते समय बहुत अधिक झुकना या बहुत गर्म वाष्प लेना हानिकारक हो सकता है। छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर श्वास समस्याओं वाले लोगों को भाप लेने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। संतुलन और सावधानी से भाप लेना ही सबसे सुरक्षित तरीका है।