इंदौर से उज्जैन–ओंकारेश्वर के लिए ‘पीएमश्री’ हेली पर्यटन सेवा शुरू, श्रद्धालुओं को मिली नई सौगात

महाकाल–ओंकारेश्वर के दर्शन अब मिनटों में, प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के नए युग की शुरुआत

मध्य प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नए आयाम देने के उद्देश्य से गुरुवार को एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हुई। इंदौर से उज्जैन और उज्जैन से ओंकारेश्वर तक हवाई मार्ग से तीर्थयात्रा की सुविधा देने वाली ‘पीएमश्री हेली पर्यटन सेवा’ का शुभारंभ भक्तिभाव और सांस्कृतिक उत्साह के वातावरण में हुआ। मुख्यमंत्री मोहन यादव की इस महत्वाकांक्षी पहल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस विज़न को और मज़बूत किया है, जिसमें उन्होंने धार्मिक तथा सांस्कृतिक पर्यटन को देश की आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति का आधार बताया है।

इंदौर के बिचोली मर्दाना स्थित हेलीपैड पर आयोजित समारोह में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विधिवत झंडी दिखाकर यात्रियों के पहले दल को उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए रवाना किया। वातावरण में भजन, मंत्रोच्चार और जयघोष की गूंज ने कार्यक्रम को धार्मिक उत्सव का रूप दे दिया। यात्रियों के चेहरे पर इस नई सेवा को लेकर उत्साह स्पष्ट दिखाई दे रहा था।

मंत्री सिलावट ने अपने संबोधन में कहा कि यह सेवा सिर्फ धार्मिक पर्यटन के लिए ही नहीं, बल्कि प्रदेश की संस्कृति, अर्थव्यवस्था और पर्यटन विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने ऐसी समर्पित धार्मिक हेली सेवा शुरू करके पूरे देश में नई मिसाल पेश की है। ‘‘यह पहल प्रधानमंत्री के सपनों का विस्तार है और प्रदेश के आध्यात्मिक धरोहरों को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगी,’’ सिलावट ने कहा।

कार्यक्रम में अपर कलेक्टर रोशन राय सहित प्रशासन और पर्यटन विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पूरी व्यवस्था को लेकर प्रशासन की तैयारियां इतनी सुदृढ़ थीं कि प्रथम दिन की उड़ानें पूरी तरह सुचारू और सुरक्षित रहीं। यात्री दल में जनप्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों और श्रद्धालुओं का उत्साहपूर्ण सम्मिलन रहा। विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, सुमित मिश्रा और श्रवण चावड़ा जैसे जनप्रतिनिधि भी प्रथम उड़ान के साथ जुड़कर प्रदेश के इस नए पर्यटन अध्याय के साक्षी बने।

नई सेवा से धार्मिक पर्यटन को बड़ा लाभ

इस सेवा के शुरू होने के बाद इंदौर, उज्जैन और ओंकारेश्वर का आध्यात्मिक सर्किट अब बेहद सुगम और तीव्र यात्रा मार्ग के रूप में विकसित हो गया है। महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर जैसे प्रतिष्ठित ज्योतिर्लिंगों के दर्शन अब मिनटों में संभव हो सकेंगे। इंदौर–उज्जैन के बीच की यात्रा मात्र 20 मिनट में और उज्जैन–ओंकारेश्वर की यात्रा 40 मिनट में पूरी होगी। वहीं कई बार समय लेने वाली ओंकारेश्वर–इंदौर वापसी अब सिर्फ 25 मिनट में संभव होगी।

साधु–संतों और धर्माचार्यों ने इस पहल की विशेष सराहना करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों को इससे सुरक्षा, समय की बचत और आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि ‘‘धार्मिक स्थलों के बीच हवाई संपर्क न केवल सुविधाजनक है, बल्कि यह श्रद्धालुओं को एक नया आध्यात्मिक अनुभव भी देगा।’’

पर्यटकों ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह सेवा मध्य प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को नई पहचान दिलाएगी और राज्य को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर और अधिक मजबूती से स्थापित करेगी।

किराया किफायती, एक ही दिन में दो ज्योतिर्लिंगों के दर्शन

आध्यात्मिक सेक्टर के अंतर्गत किराया काफी किफायती रखा गया है।

इंदौर से उज्जैन: 20 मिनट, किराया लगभग 5,000 रुपये

उज्जैन से ओंकारेश्वर: 40 मिनट, किराया 6,500 रुपये

ओंकारेश्वर से इंदौर वापसी: 5,500 रुपये

इन किरायों के चलते श्रद्धालु एक ही दिन में महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर दोनों ज्योतिर्लिंगों के दर्शन आसानी से कर सकेंगे। यह सुविधा उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी, जिनके पास समय सीमित है, या जो बुजुर्ग और दिव्यांग हैं, जिन्हें लंबी यात्रा में कठिनाई होती है।

सेवा की बुकिंग flyola, IRCTC flyola और TransBharat के पोर्टल पर उपलब्ध है, जिससे आम यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग सरल और सुलभ हो गई है।

प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के लिए खुलेंगे नए रास्ते

विशेषज्ञों का मानना है कि इस सेवा के माध्यम से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन का नया अध्याय शुरू हो गया है। उज्जैन–इंदौर और ओंकारेश्वर के बीच तीर्थ–मार्ग पहले से ही लोकप्रिय है, लेकिन अब हेली सेवा ने इसे आधुनिक, सुरक्षित और समय–सक्षम यात्रा विकल्प में बदल दिया है। इससे स्थानीय रोजगार, होटल उद्योग, परिवहन और अन्य आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।

राज्य सरकार का लक्ष्य भविष्य में इस सेवा को और विस्तार देना है, ताकि अमरकंटक, चित्रकूट, बड़वानी और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों को भी इससे जोड़ा जा सके। इससे मध्य प्रदेश देश का सबसे प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बनकर उभर सकता है।

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