सुल्तान हैथम बिन तारिक ने मस्कट में किया सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत, प्रधानमंत्री ने भारत–ओमान की पीढ़ियों पुरानी मित्रता को किया समर्पित

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (हि.स.)। भारत–ओमान संबंधों के इतिहास में एक अहम और भावनात्मक क्षण तब दर्ज हुआ, जब ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ से सम्मानित किया। यह सम्मान भारत और ओमान के बीच दशकों से चली आ रही मैत्री, विश्वास और रणनीतिक साझेदारी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह सम्मान दोनों देशों की पुरानी दोस्ती और भारत के 140 करोड़ लोगों तथा ओमान की जनता के बीच आत्मीय संबंधों को समर्पित किया।

ऑर्डर ऑफ ओमान: सम्मान का ऐतिहासिक महत्व

‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1970 में ओमान के दिवंगत सुल्तान कबूस बिन सईद ने की थी। यह सम्मान बहुत ही सीमित संख्या में वैश्विक नेताओं को सार्वजनिक जीवन, नेतृत्व क्षमता और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान मिलना इस बात का प्रतीक है कि भारत और ओमान के रिश्ते केवल कूटनीतिक औपचारिकताओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आपसी भरोसे और साझे भविष्य की सोच पर आधारित हैं।

oman highest award to modi
oman highest award to modi Photograph: (x)

भारत–ओमान संबंधों में प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत और ओमान के रिश्तों में बीते एक दशक में उल्लेखनीय मजबूती आई है। ऊर्जा सुरक्षा, समुद्री सहयोग, व्यापार, निवेश, रक्षा, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान–प्रदान जैसे अनेक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग लगातार बढ़ा है। हाल के वर्षों में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता, समुद्री सुरक्षा पर संयुक्त दृष्टिकोण और डिजिटल भुगतान जैसे विषयों पर सहयोग ने इन रिश्तों को नई ऊंचाई दी है। ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ सम्मान को इन्हीं प्रयासों की वैश्विक स्वीकृति के रूप में देखा जा रहा है।

विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस सम्मान को भारत और ओमान के बीच स्थायी और भरोसेमंद मित्रता की पुष्टि बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच पर कहा कि प्रधानमंत्री ने यह सम्मान दोनों देशों की पुरानी दोस्ती को समर्पित किया है और यह भारत के 1.4 अरब लोगों तथा ओमान की जनता के बीच आपसी गर्मजोशी और स्नेह का प्रतीक है। मंत्रालय के अनुसार, यह सम्मान दोनों देशों के रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

मोदी को मिला 29वां विदेशी सर्वोच्च सम्मान

‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिला 29वां विदेशी सर्वोच्च सम्मान है। विशेष बात यह है कि ये सभी अंतरराष्ट्रीय सम्मान उन्हें बीते लगभग दस वर्षों के दौरान मिले हैं, जो भारत की वैश्विक साख और प्रधानमंत्री के नेतृत्व की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता को दर्शाते हैं। वर्ष 2025 में ही प्रधानमंत्री को ओमान के अलावा इथियोपिया, नामीबिया, ब्राजील, घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, साइप्रस, श्रीलंका और मॉरिशस जैसे देशों ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया है।

इसके अलावा 2024 में कुवैत, गुयाना, बारबाडोस, नाइजीरिया और डोमिनिका से, 2023 में ग्रीस, फ्रांस, मिस्र, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी और फिजी से, जबकि इससे पहले अमेरिका, बहरीन, मालदीव, संयुक्त अरब अमीरात, फिलिस्तीन, अफगानिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशों से भी प्रधानमंत्री को सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। यह श्रृंखला भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और कूटनीतिक प्रभाव को रेखांकित करती है।

वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत होती छवि

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी को लगातार मिल रहे अंतरराष्ट्रीय सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं हैं, बल्कि यह भारत की विदेश नीति, संतुलित कूटनीति और विश्व मंच पर भरोसेमंद साझेदार के रूप में उभरती भूमिका का प्रमाण हैं। ‘ऑर्डर ऑफ ओमान’ सम्मान ऐसे समय में मिला है, जब भारत और ओमान अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं, जिससे इसका प्रतीकात्मक महत्व और भी बढ़ जाता है।

रणनीतिक साझेदारी को मिलेगा नया बल

यह सम्मान भारत–ओमान रणनीतिक साझेदारी को आने वाले वर्षों में और मजबूती देने वाला माना जा रहा है। ऊर्जा, व्यापार, समुद्री सुरक्षा, नवाचार और मानव संसाधन विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग को नई गति मिलने की संभावना है। दोनों देशों के नेतृत्व ने पहले ही स्पष्ट किया है कि यह मित्रता भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्थिरता और समृद्धि का आधार बनेगी।

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