मॉस्को: रूस की राजधानी मॉस्को में मंगलवार सुबह एक शक्तिशाली विस्फोट में रूस के परमाणु सेना प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव और उनके सहयोगी की मौत हो गई। यह विस्फोट मॉस्को के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित रियाजान्स्की एवेन्यू पर एक आवासीय भवन के प्रवेश द्वार के पास हुआ। विस्फोटक उपकरण के फटने से इस हमले में किरिलोव और उनके सहयोगी की मौके पर ही मृत्यु हो गई। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने इस घटना की पुष्टि की है।
विस्फोट की प्रकृति और जांच:
रूस के जांच समिति के मॉस्को विभाग की प्रवक्ता, स्वेतलाना पेट्रेंको ने इस विस्फोट की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक शक्तिशाली हमला था, जिसमें एक स्कूटर पर रखा गया विस्फोटक उपकरण फटा था। विस्फोट के समय, इगोर किरिलोव और उनके सहयोगी उस स्थान पर मौजूद थे। घटना के बाद, रूस की जांच समिति ने इसे एक हमले के रूप में लिया है और आपराधिक जांच शुरू कर दी है। फिलहाल जांचकर्ताओं ने घटना की परिस्थितियों की गहराई से जांच शुरू कर दी है।
यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस का दावा:
इस विस्फोट की जिम्मेदारी लेने का दावा यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस ने किया है। यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि उसने इस विस्फोट को अंजाम दिया है। हालांकि, रूस की जांच समिति ने इस दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। स्वेतलाना पेट्रेंको ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है और घटनास्थल पर जांच अधिकारी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ और संबंधित सेवाएं सक्रिय हैं।
इगोर किरिलोव की भूमिका और विवाद:
लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव रूस के विकिरण, रासायनिक और जैविक सुरक्षा सैनिकों के प्रमुख थे। वे उन शीर्ष अधिकारियों में से एक थे, जिन पर रूस के सैन्य अभियान के दौरान विवादित और प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के आरोप लगे थे। रूस के सैन्य अभियान के दौरान, फरवरी 2022 में यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद, किरिलोव पर रासायनिक हथियारों के उपयोग का आरोप लगा था। यूक्रेन की एक अदालत ने 16 दिसंबर को किरिलोव को इन आरोपों के तहत सजा सुनाई थी, हालांकि वह अदालत में मौजूद नहीं थे।
यूक्रेन और रूस के बीच तनाव:
यह घटना रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव और संघर्ष के बीच हुई है। 2022 में रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने व्यापक रूप से निंदा की थी। इस संघर्ष में दोनों देशों के बीच हिंसा, सैन्य हमलों और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है। इगोर किरिलोव का नाम रासायनिक हथियारों के आरोपों में भी शामिल है, जिससे यह विस्फोट और भी ज्यादा संवेदनशील हो गया है।
रूस की प्रतिक्रिया और भविष्य की जांच:
रूस ने इस घटना को एक हमले के रूप में लिया है और इसकी पूरी जांच करने की योजना बनाई है। रूस के उच्च अधिकारियों ने इस हमले को सीधे तौर पर विदेशी हस्तक्षेप और यूक्रेनी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए एक नियोजित हमले के रूप में देखा है। रूस का यह मानना है कि यह हमला उनके अधिकारियों को निशाना बनाने और उनके सुरक्षा तंत्र को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया है।
यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस के दावे के बावजूद, रूस ने इस घटना पर सीधे तौर पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी है। रूस और यूक्रेन के बीच यह घटना एक नई कड़ी का संकेत हो सकती है, जिसमें दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच छुपे युद्ध की स्थितियां बन सकती हैं।
इस विस्फोट की घटना ने यूक्रेन और रूस के रिश्तों में और अधिक तनाव उत्पन्न कर दिया है, और इसे एक नई दिशा में बढ़ता हुआ संघर्ष माना जा सकता है।