लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन, श्री एस.एन. सुब्रह्मण्यन ने हाल ही में एक ऑनलाइन सत्र के दौरान कंपनी के कर्मचारियों से बातचीत करते हुए एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कर्मचारियों को सलाह दी कि वे एक हफ्ते में 90 घंटे काम करें और कहा कि अगर संभव हुआ तो कंपनी रविवार को भी काम लेने के लिए तैयार है। सुब्रह्मण्यन ने इस दौरान वर्क-लाइफ बैलेंस पर भी अपनी राय दी, जो अब एक बड़े विवाद का कारण बन गई है।
90 घंटे काम करने की सलाह:
सुब्रह्मण्यन ने अपने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें पूरी तरह से समर्पित रहकर काम करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर आपको रविवार को काम करने का मौका मिले, तो इससे मुझे खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को भी काम करता हूं।” इस बयान ने उनके कर्मचारियों को चौंका दिया और वर्क-लाइफ बैलेंस पर चल रही बहस को फिर से तेज कर दिया।
“पत्नी को कितनी देर निहारोगे?”
इसके साथ ही सुब्रह्मण्यन ने एक सवाल किया, “पत्नी को कितनी देर निहारोगे?” इस सवाल का उद्देश्य था कि कर्मचारी काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखते हुए काम में पूरी तरह से व्यस्त रहें। उनका यह बयान उनके अनुशासन और समर्पण की बात करने के रूप में देखा जा रहा था, हालांकि यह कर्मचारियों के बीच विवाद का कारण बन गया।
आनंद महिंद्रा का नजरिया
महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस विचार को थोड़ा अलग तरीके से प्रस्तुत किया। महिंद्रा ने कहा, “मुझे लगता है कि कर्मचारियों से ज्यादा काम लेने के बजाय, हमे उनके काम करने के तरीके को स्मार्ट और प्रभावी बनाना चाहिए। इसके अलावा, हर व्यक्ति को अपने परिवार और व्यक्तिगत जीवन के लिए समय मिलना चाहिए, क्योंकि यही समय उन्हें और अधिक प्रेरित और उत्पादक बनाता है।”
महिंद्रा ने सुब्रह्मण्यन के बयान का खंडन करते हुए कहा, “काम के घंटे को बढ़ाना जरूरी नहीं है, बल्कि काम करने के तरीके को सुधारा जा सकता है। लम्बे काम के घंटे केवल थकान और तनाव बढ़ाते हैं, न कि उत्पादकता।”
नारायण मूर्ति के बयान के बाद चर्चा में आया वर्क-लाइफ बैलेंस:
सुब्रह्मण्यन का यह बयान उस समय आया है जब वर्क-लाइफ बैलेंस पर एक बड़ी चर्चा हो रही है। इससे पहले इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने भी कर्मचारियों को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। इन दोनों के बयानों ने नौकरी और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा को जन्म दिया है।
दीपिका पादुकोण की प्रतिक्रिया:
इस बयान के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान आश्चर्यचकित करने वाले होते हैं और कार्यस्थल पर कर्मचारियों के भलाई की बात करते हुए अधिक समझदारी और संवेदनशीलता की आवश्यकता है। दीपिका ने यह भी कहा कि काम के घंटों को सीमित करना और कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय देना आवश्यक है।