January 12, 2025 5:53 AM

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मेरी जोखिम लेने की क्षमता का अभी पूरी तरह उपयोग नहीं हुआ है”

Prime Minister Narendra Modi podcast on leadership or Modi discussing his vision for India.

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अपने जीवन में हमेशा जोखिम उठाने की क्षमता का पूरी तरह उपयोग नहीं किया है। मोदी ने यह बयान जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ एक पॉडकास्ट में भाग लेते हुए दिया। यह प्रधानमंत्री मोदी का पहला पॉडकास्ट था, जिसमें उन्होंने अपने जीवन के कई पहलुओं पर चर्चा की। इस बातचीत में प्रधानमंत्री ने अपने बचपन, गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल, और उनके दृष्टिकोण को साझा किया।

कम्फर्ट जोन से बाहर रहे हैं मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे हमेशा अपने “कम्फर्ट जोन” से बाहर रहे हैं, और इसी कारण से उनकी जोखिम लेने की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हुआ। मोदी ने कहा, “मैंने कभी अपने बारे में नहीं सोचा, और जो अपने बारे में नहीं सोचता, उसके पास जोखिम उठाने की क्षमता बेहिसाब होती है।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी भी आरामदायक स्थिति को स्वीकार नहीं किया, बल्कि हमेशा चुनौतियों का सामना किया।

आदर्शवाद और विचारधारा पर बात करते हुए

प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी और वीर सावरकर का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी विचारधाराएं अलग-अलग थीं, लेकिन उनकी एक समान विचारधारा थी – “स्वतंत्रता”। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक जीवन में महात्मा गांधी का सबसे बड़ा गुण उनका संवाद कौशल था, न कि उनका अच्छा वक्ता होना। गांधी ने कभी सत्ता की तलाश नहीं की, लेकिन उनका प्रभाव बहुत बड़ा था।

राष्ट्र पहले की विचारधारा

प्रधानमंत्री ने अपने विचारों को लेकर कहा, “मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो अपनी सुविधा के अनुसार रुख नहीं बदलता।” उन्होंने बताया कि वे केवल एक विचारधारा में विश्वास रखते हैं और वह है “राष्ट्र पहले”। उन्होंने इस विचारधारा को अपने जीवन का मंत्र बताया और कहा कि यह उन्हें नई चीजों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

गोधरा कांड और प्रधानमंत्री बनने की यात्रा

प्रधानमंत्री मोदी ने 2002 में गोधरा कांड का जिक्र करते हुए बताया कि जब वे पहली बार विधायक बने, तो गोधरा में हुई घटना ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि इस समय उन्हें एक जिम्मेदार नेता की तरह खुद को संभालना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह स्थिति बहुत दर्दनाक थी, लेकिन उन्हें अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की आवश्यकता थी।

युवाओं को कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने की सलाह

प्रधानमंत्री ने विशेषकर युवाओं को यह सलाह दी कि वे कभी भी कम्फर्ट जोन में न रहें। उनका कहना था कि, “कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने से ही जीवन में सफलता मिलती है।” उन्होंने बताया कि उनका जीवन कभी भी आरामदायक नहीं रहा और यही कारण है कि उन्हें संतुष्टि और संतुलन प्राप्त हुआ है।

अपने लिए तीन प्रतिबद्धताएं

जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने अपने लिए तीन प्रतिबद्धताएं तय की थीं: “मैं अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा, मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा और मैं इंसान हूं- मैं गलतियां कर सकता हूं, लेकिन बुरे इरादे से नहीं करूंगा।” ये सिद्धांत उनके जीवन का मार्गदर्शन करते हैं।

2005 में वीजा रद्द होने से लेकर भारत की बढ़ती शक्ति तक

प्रधानमंत्री ने 2005 में अमेरिका द्वारा उनका वीजा रद्द किए जाने की घटना को याद करते हुए कहा कि उस समय उन्होंने यह कहा था कि एक दिन भारत ऐसा होगा जब दुनिया भारत के वीजा के लिए कतार में खड़ी होगी। उन्होंने कहा, “आज भारत को पूरी दुनिया का सम्मान मिल रहा है, और दुनिया भारत के वीजा के लिए कतार में खड़ी है।”

2014 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत

प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में अपने प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण के बाद की एक दिलचस्प घटना भी साझा की, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुजरात के साथ चीन के गहरे ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख किया था। शी जिनपिंग ने मोदी से कहा था कि प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग ने मोदी के जन्मस्थान वडनगर में अपना अधिकांश समय बिताया था।

राजनीति में सफलता के लिए समर्पण की आवश्यकता

प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति में सफलता को लेकर कहा कि राजनीति में सफलता पाने के लिए सिर्फ महत्वाकांक्षा ही नहीं, बल्कि समर्पण और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि युवा नेताओं को अपनी राजनीति में दूसरों को साथ लेकर चलना चाहिए और अपने कार्यों में समाज की भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए।

शांति की ओर प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण

जब निखिल कामथ ने पूछा कि क्या दुनिया युद्ध की दिशा में बढ़ रही है, तो प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह शांति के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा, “हम दुनिया में शांति चाहते हैं और इस दिशा में जो भी प्रयास किए जाएंगे, मैं उनका समर्थन करूंगा।”

इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री ने अपनी जीवन यात्रा, दृष्टिकोण और राजनीति में उनके विचारों को साझा किया, जो कई युवाओं के लिए प्रेरणा देने वाला साबित हो सकता है।

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