राजश्री बुआ बनकर परंपरा की मशाल थामेंगी, आधुनिक सोच से होगा सीधा टकराव

ठाकुर परिवार की दुनिया में एक बार फिर परंपराओं की गूंज सुनाई देने लगी है। प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी में अब एक सशक्त और प्रभावशाली किरदार की एंट्री हो चुकी है। जानी-मानी वरिष्ठ अभिनेत्री अपरा मेहता शो में राजश्री बुआ की भूमिका निभाती नजर आएंगी। उनकी मौजूदगी के साथ ही कहानी में परंपरा और आधुनिक सोच के बीच टकराव और गहराने वाला है।

हाल ही में जारी प्रोमो में राजश्री बुआ को पूजा-पाठ में लीन दिखाया गया है। सिर पर सलीके से ओढ़ी गई चुनरी केवल परिधान नहीं, बल्कि घर की इज्जत, मर्यादा और बड़ों के मान-सम्मान का प्रतीक बनकर उभरती है। उनके लिए परंपराएं और संस्कार किसी भी आधुनिक विचार या शिक्षा से ऊपर हैं। यही सोच ठाकुर परिवार की पहचान को परिभाषित करती है और आगे चलकर परिवार के हर निर्णय पर इसका असर दिखने वाला है।

शो से जुड़ने पर अपरा मेहता की खुली बात

शो से जुड़ने के अपने फैसले पर अपरा मेहता बताती हैं कि उन्होंने अपने करियर में करीब पैंतीस डेली शोज़ में काम किया है और शायद ही कोई टीवी चैनल बचा हो, जहां उन्होंने अभिनय न किया हो। उनके अनुसार सन नियो एकमात्र ऐसा चैनल था, जिसके साथ उन्होंने पहले कभी काम नहीं किया था। उसी दौरान उन्हें कई डेली शोज़ के ऑफर्स मिल रहे थे, लेकिन ‘प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी’ की कहानी और अपने किरदार के बारे में सुनते ही उन्हें एहसास हुआ कि यही वह शो है, जिसे वह करना चाहती हैं। वे बताती हैं कि छह महीने के ब्रेक के बाद उन्होंने फिर से डेली शो में वापसी की है और इस वापसी को खास बनाता है उनका राजस्थानी परिधान। पहली बार राजस्थानी वेशभूषा पहनने का अनुभव उनके लिए बेहद खास और खुशी से भरा रहा।

राजश्री बुआ: परंपरा की संरक्षक

अपने किरदार के बारे में बात करते हुए अपरा मेहता कहती हैं कि राजश्री बुआ ठाकुर परिवार की सबसे वरिष्ठ सदस्य और मुखिया हैं। उनका व्यक्तित्व ऐसा है कि लोग अपने आप ही उनका सम्मान करते हैं। वे परंपराओं, रीति-रिवाजों और संस्कारों में गहरा विश्वास रखती हैं और आधुनिक सोच को सहजता से स्वीकार नहीं कर पातीं। उनका मानना है कि परिवार को जोड़े रखने का एकमात्र रास्ता सदियों पुरानी परंपराओं का पालन है। हालांकि वे यह भी स्पष्ट करती हैं कि यह किरदार किसी भी तरह से नकारात्मक नहीं है। राजश्री बुआ का विश्वास है कि जो हमेशा से चलता आया है, वही सही है। बदलाव और नई सोच को अपनाना उनके लिए आसान नहीं, लेकिन उनका उद्देश्य परिवार की एकता और पहचान को बनाए रखना है।

निजी सोच में पूरी तरह आधुनिक

अपने निजी विचार साझा करते हुए अपरा मेहता कहती हैं कि उनकी व्यक्तिगत सोच पूरी तरह आधुनिक है। उनके अनुसार हम 21वीं सदी के 25 साल पूरे कर चुके हैं और अब समय आ गया है कि पुरानी और बेकार हो चुकी व्यवस्थाओं को पीछे छोड़ दिया जाए। वे मानती हैं कि महिलाओं को स्वतंत्रता, शिक्षा, हुनर और आत्मनिर्भरता मिलनी चाहिए और उन्हें अपने पैरों पर मजबूती से खड़े होने के हर अवसर मिलने चाहिए।

कहानी में बढ़ेगा टकराव

प्रोमो के अंत में जब राजश्री बुआ परिवार की ओर देखकर मुस्कुराते हुए कहती हैं कि ठाकुर परिवार की पहचान और सम्मान परंपराओं से ही जुड़ा है, तो साफ हो जाता है कि आगे हर रस्म और रीति निभाने पर उनका जोर रहेगा। उनकी एंट्री के साथ ही शो में परंपरा और आधुनिक सोच के बीच एक दिलचस्प और भावनात्मक टकराव देखने को मिलेगा, जो कहानी को नई दिशा देने वाला है।

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