लगातार तेजी के बाद मुनाफावसूली हावी, बुलियन बाजार में दिखा उतार-चढ़ाव

नई दिल्ली। मंगलवार, 30 दिसंबर को घरेलू सर्राफा बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई। बीते कई दिनों से लगातार चढ़ रहे दामों के बाद आज बाजार में मुनाफावसूली का दबाव साफ तौर पर देखने को मिला। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन यानी इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के ताजा आंकड़ों के अनुसार 24 कैरेट सोने और चांदी दोनों के भाव में एक साथ बड़ी नरमी आई है, जिससे निवेशकों और खरीदारों की नजरें फिर से बाजार की चाल पर टिक गई हैं।

सोने के दाम में एक दिन में दो हजार से ज्यादा की गिरावट

आज 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत में 2,119 रुपए की भारी गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही सोना 1,36,481 रुपए प्रति 10 ग्राम से फिसलकर 1,34,362 रुपए पर आ गया। बीते सत्रों में सोने ने लगातार मजबूती दिखाई थी और रिकॉर्ड स्तरों के आसपास कारोबार कर रहा था। ऐसे में आज आई गिरावट को विशेषज्ञ मुनाफावसूली का नतीजा मान रहे हैं। बाजार जानकारों का कहना है कि ऊंचे स्तरों पर पहुंचने के बाद निवेशकों ने लाभ सुरक्षित करना शुरू किया, जिससे कीमतों पर दबाव बना।

पांच दिन की तेजी के बाद चांदी में तेज फिसलन

चांदी के बाजार में आज और भी ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिला। लगातार पांच कारोबारी दिनों तक चढ़ने के बाद चांदी की कीमत में एक ही दिन में 3,973 रुपए की गिरावट आई और यह 2,31,467 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई। सोमवार को चांदी में जबरदस्त अस्थिरता रही थी। शुरुआती कारोबार में यह 2,43,483 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी, लेकिन बाद में बिकवाली बढ़ने से दाम फिसल गए और बाजार बंद होते समय चांदी 7,333 रुपए टूटकर 2,35,440 रुपए प्रति किलो पर बंद हुई थी। आज गिरावट का सिलसिला और गहराया, जिससे बाजार में हलचल बनी रही।

पूरे साल में सोना और चांदी ने दिए जबरदस्त रिटर्न

हालांकि आज की गिरावट के बावजूद साल 2025 सोना और चांदी दोनों के लिए ऐतिहासिक तेजी वाला साल साबित हुआ है। साल की शुरुआत यानी 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपए थी, जो अब बढ़कर 1,34,362 रुपए हो गई है। इस तरह पूरे साल में सोना करीब 58,200 रुपए यानी लगभग 76 प्रतिशत महंगा हुआ है। चांदी ने तो इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी 86,017 रुपए में मिल रही थी, जो अब 2,31,467 रुपए प्रति किलो पर पहुंच चुकी है। यानी चांदी की कीमत में करीब 1,45,450 रुपए या लगभग 169 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

शहरों में सोने-चांदी के दाम अलग क्यों होते हैं

अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि अलग-अलग शहरों में सोने और चांदी के रेट अलग क्यों होते हैं। दरअसल, इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा जारी किए गए रेट्स में 3 प्रतिशत जीएसटी, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता। यही वजह है कि स्थानीय टैक्स, परिवहन लागत और दुकानदारों के मार्जिन के कारण शहरों के हिसाब से कीमतों में फर्क दिखाई देता है। इन आधिकारिक रेट्स का इस्तेमाल भारतीय रिजर्व बैंक सोवरेन गोल्ड बॉन्ड के दाम तय करने में करता है, जबकि कई बैंक इन्हीं आधार कीमतों के आधार पर गोल्ड लोन की दरें निर्धारित करते हैं।

सोने में तेजी के पीछे क्या रहे बड़े कारण

विशेषज्ञों के अनुसार इस साल सोने में आई जबरदस्त तेजी के पीछे कई वैश्विक और आर्थिक कारण रहे हैं। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के संकेतों से डॉलर कमजोर हुआ, जिससे सोने की होल्डिंग लागत घटी और निवेशकों का रुझान पीली धातु की ओर बढ़ा। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने सोने को सुरक्षित निवेश के रूप में और मजबूत किया। कई देशों के केंद्रीय बैंकों, खासकर चीन जैसे देशों द्वारा बड़े पैमाने पर सोने की खरीदारी ने भी कीमतों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

चांदी क्यों बनी निवेशकों की पहली पसंद

चांदी में आई रिकॉर्ड तेजी की वजहें सोने से कुछ अलग रहीं। औद्योगिक मांग में जबरदस्त उछाल ने चांदी को सिर्फ आभूषण की धातु नहीं, बल्कि एक अहम कच्चा माल बना दिया है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के चलते इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही अमेरिका में संभावित टैरिफ को लेकर बनी आशंकाओं के कारण वहां की कंपनियों ने चांदी का भारी स्टॉक जमा करना शुरू किया, जिससे वैश्विक सप्लाई पर दबाव पड़ा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी उत्पादन रुकने के डर से पहले से खरीदारी की होड़ लगी रही, जिसने कीमतों को और ऊपर धकेला।

आगे क्या कहते हैं बाजार के जानकार

कमोडिटी बाजार के जानकार और केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का मानना है कि चांदी की मांग में फिलहाल कोई बड़ी कमजोरी नजर नहीं आ रही है। उनके अनुसार यदि यही रुझान बना रहा तो अगले एक साल में चांदी 2.75 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है, जबकि इस साल के अंत तक इसके 2.10 लाख रुपए प्रति किलो के स्तर पर बने रहने की संभावना है। वहीं सोने की बात करें तो इसकी मांग भी मजबूत बनी हुई है और अगले साल तक इसके 1.50 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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