चीनी थिंक-टैंक का दावा: पहले हमला नहीं करेंगे, लेकिन दूसरा वार करने लायक नहीं छोड़ेंगे
बीजिंग/मास्को। ताइवान को लेकर बढ़ते तनाव के बीच चीन ने अमेरिका को बेहद सख्त और चेतावनी भरे लहजे में संदेश दिया है। चीन ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि अमेरिका यह सोचता है कि वह सैन्य दबाव, तकनीकी प्रतिबंधों या गठबंधन की राजनीति के जरिए चीन को झुका सकता है, तो यह उसकी गंभीर रणनीतिक भूल होगी। चीन की सरकारी मीडिया में यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब अमेरिका की ओर से ताइवान को सैन्य सहायता और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक गतिविधियां तेज की जा रही हैं। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े प्रमुख थिंक-टैंक सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के उपाध्यक्ष विक्टर गाओ के हवाले से सरकारी मीडिया ने कहा है कि चीन की संप्रभुता से जुड़े मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप का जवाब चीन अपनी शर्तों पर देगा। यह बयान न केवल अमेरिका के लिए, बल्कि उसके सहयोगी देशों के लिए भी एक स्पष्ट चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है।
परमाणु नीति का जिक्र, परोक्ष लेकिन सख्त संदेश
विक्टर गाओ का यह बयान अमेरिका द्वारा ताइवान को दी जा रही सैन्य मदद और क्षेत्रीय गठबंधनों के संदर्भ में आया है। चीन की सरकारी मीडिया आउटलेट्स जैसे ग्लोबल टाइम्स और सीजीटीएन ने इन बयानों को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। गाओ ने कहा कि चीन की नीति स्पष्ट है कि वह पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, लेकिन यदि कोई देश पहले हमला करने की हिमाकत करता है, तो चीन उसे दूसरा वार करने की स्थिति में नहीं छोड़ेगा।
गाओ के अनुसार चीन के पास अत्याधुनिक मिसाइल क्षमताएं हैं, जो बेहद कम समय में दुनिया के किसी भी हिस्से में भारी तबाही मचाने की क्षमता रखती हैं। उन्होंने दावा किया कि ऐसी स्थिति में चीन की मिसाइलों को रोक पाना किसी भी देश के लिए आसान नहीं होगा। इन बयानों को अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक चीन की ओर से मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं।
कथित सामरिक हथियारों का दावा, विशेषज्ञों में बहस
विक्टर गाओ ने अपने बयान में चीन के कथित सामरिक हथियारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि चीन के पास एम-61 नामक एक ऐसी मिसाइल प्रणाली है, जो एक साथ 60 परमाणु वारहेड और एक हाइड्रोजन बम ले जाने में सक्षम है। उनके अनुसार, सितंबर 2025 में विक्ट्री डे परेड के दौरान दुनिया ने चीन की सैन्य ताकत की झलक देखी थी।
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय सामरिक विशेषज्ञ इन दावों को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान वास्तविक सैन्य क्षमता से अधिक रणनीतिक संदेश और डर पैदा करने की कोशिश हो सकते हैं।
ताइवान पर युद्ध की स्थिति में रूस का संकेत
इसी बीच रूस की ओर से भी एक अहम संकेत सामने आया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि यदि ताइवान को लेकर युद्ध होता है और चीन के खिलाफ कोई तीसरा देश सीधे हस्तक्षेप करता है, तो रूस चीन की प्रत्यक्ष मदद करेगा। हालांकि रूस ने इसे औपचारिक सैन्य गठबंधन या कानूनी प्रतिबद्धता के रूप में परिभाषित नहीं किया है, लेकिन पश्चिमी देशों के विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान चीन-रूस रणनीतिक साझेदारी को मजबूत राजनीतिक समर्थन देने का संकेत है।
रूस के इस रुख को अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के लिए एक अतिरिक्त चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि इससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किसी भी संभावित संघर्ष के वैश्विक रूप लेने की आशंका बढ़ जाती है।
अंतरराष्ट्रीय सामरिक संस्थाओं की प्रतिक्रिया
वैश्विक सामरिक संस्थाएं इन बयानों को राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक दबाव की रणनीति के रूप में देख रही हैं। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट और इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज का कहना है कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध और विश्वसनीय आंकड़ों में एम-61 नामक किसी चीनी मिसाइल प्रणाली की स्वतंत्र पुष्टि नहीं होती है। इन संस्थाओं के अनुसार, चीन इस तरह के बयानों के जरिए अमेरिका और उसके सहयोगियों को रणनीतिक संदेश देना चाहता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ताइवान मुद्दे पर चीन, अमेरिका और उसके सहयोगियों के बीच बयानबाजी और सैन्य संकेतों का यह दौर आने वाले समय में और तेज हो सकता है। ऐसे में किसी भी तरह की चूक या गलत आकलन वैश्विक स्तर पर गंभीर संकट को जन्म दे सकता है।
बढ़ता तनाव, दुनिया की नजरें एशिया-प्रशांत पर
ताइवान को लेकर चीन की यह सख्त चेतावनी ऐसे समय आई है, जब एशिया-प्रशांत क्षेत्र पहले से ही सामरिक तनाव से गुजर रहा है। अमेरिका, चीन और रूस जैसे बड़े शक्ति केंद्रों के बयानों ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति को और अधिक संवेदनशील बना दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि कूटनीतिक स्तर पर तनाव कम करने की कोशिशें तेज होती हैं या बयानबाजी और सैन्य दबाव का यह दौर और गहराता है।
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071157234z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-56.png)
/swadeshjyoti/media/agency_attachments/2025/11/09/2025-11-09t071151025z-logo-640-swadesh-jyoti-1-2025-11-09-12-41-50.png)
/swadeshjyoti/media/media_files/2025/12/30/china-warns-us-2025-12-30-13-06-17.jpg)