दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। इस बार मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (INC) के बीच त्रिकोणीय बन गया है। राजधानी की सभी 70 विधानसभा सीटों पर राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है, और हर पार्टी अपने एजेंडे के साथ मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है।
AAP बनाम कांग्रेस: गठबंधन के बाद सीधा मुकाबला
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस इस बार आमने-सामने हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और AAP ने गठबंधन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग-अलग मैदान में हैं। इससे कई सीटों पर सीधा मुकाबला AAP और कांग्रेस के बीच हो गया है, जिससे भाजपा को फायदा हो सकता है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की रणनीति
भाजपा ने इस चुनाव में 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि 2 सीटें सहयोगी दलों को दी हैं:
- जनता दल यूनाइटेड (JDU) – बुराड़ी सीट से चुनाव लड़ रही है।
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) – LJP (R) – देवली सीट से प्रत्याशी उतारा गया है।
भाजपा इस बार AAP सरकार के खिलाफ कुशासन, भ्रष्टाचार, खराब बुनियादी सुविधाओं और पानी की समस्या जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठा रही है।
आम आदमी पार्टी (AAP) की रणनीति
AAP ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को पूरी तरह भाजपा बनाम AAP बना दिया है। पार्टी इस चुनाव में अपने 10 साल के कामकाज, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार को मुख्य मुद्दा बना रही है। मुख्यमंत्री आतिशी समेत पार्टी के सभी बड़े नेता दिल्ली के मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि AAP की सरकार ने दिल्ली में ऐतिहासिक काम किया है।
कांग्रेस (INC) की चुनावी रणनीति
कांग्रेस दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनावों में पूरी तरह हाशिये पर रही है, लेकिन इस बार पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और महंगाई, बेरोजगारी और केंद्र सरकार की नीतियों को मुद्दा बना रही है।
अन्य दलों की स्थिति
दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिर्फ तीन प्रमुख दल ही नहीं, बल्कि अन्य क्षेत्रीय और वामपंथी पार्टियां भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) – 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
- मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और CPI-ML – 2-2 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।
- बहुजन समाज पार्टी (BSP) – इस बार 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करके पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है।
- AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) – असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
महाराष्ट्र की पार्टियां भी दिल्ली चुनाव में
दिल्ली चुनाव में महाराष्ट्र की दो प्रमुख पार्टियां भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं:
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) – शरद पवार की पार्टी 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
- शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) – दिल्ली में भाजपा को समर्थन दे रही है और अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं।
क्या कहता है चुनावी गणित?
इस बार दिल्ली का चुनावी गणित पूरी तरह बदलता दिख रहा है। कांग्रेस और AAP के अलग-अलग लड़ने से मतों का विभाजन होने की संभावना है, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है।
- अगर कांग्रेस के मतदाता AAP की तरफ शिफ्ट होते हैं, तो केजरीवाल की पार्टी को फायदा हो सकता है।
- अगर AAP और कांग्रेस के वोट बैंक बंट जाते हैं, तो भाजपा को 2013 की तरह जीतने का मौका मिल सकता है।
- BSP और AIMIM जैसी पार्टियां भी कुछ सीटों पर असर डाल सकती हैं, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
8 फरवरी को आएंगे नतीजे
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद 8 फरवरी 2025 को मतगणना होगी और नतीजे घोषित किए जाएंगे।
क्या आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी?
क्या भाजपा 25 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करेगी?
या कांग्रेस कोई चौंकाने वाला प्रदर्शन करेगी?
इन सभी सवालों का जवाब 8 फरवरी को मिलने वाला है।