30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो रही है। इस बार यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। 50 लाख से ज्यादा तीर्थयात्रियों के उत्तराखंड आने की संभावना जताई गई है। अगर आप भी इस पावन यात्रा में शामिल होने का मन बना रहे हैं, तो यह गाइड आपके लिए है।
चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
चारधाम यात्रा के लिए सबसे पहला कदम है – रजिस्ट्रेशन।
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वेबसाइट: registrationandtouristcare.uk.gov.in
- ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन: 28 अप्रैल से हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के 50+ सेंटरों पर
रजिस्ट्रेशन के समय मेडिकल डिटेल्स भी देनी होंगी और रजिस्ट्रेशन को आधार से लिंक किया गया है।
यात्रा के पैकेज और खर्च
हरिद्वार से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के टूर पैकेज 4 हजार से 2.5 लाख रुपये तक उपलब्ध हैं।
- बस किराया:
- हरिद्वार से जोशीमठ (बद्रीनाथ) – ₹800
- हरिद्वार से सोनप्रयाग (केदारनाथ) – ₹600-700
- हरिद्वार से हर्षिल (गंगोत्री) – ₹600
- हरिद्वार से धरासू (यमुनोत्री) – ₹400-500
- हेलिकॉप्टर सेवा:
- गुप्तकाशी से केदारनाथ राउंड ट्रिप – ₹8,100
- फाटा से – ₹6,400
- सिरसी से – ₹6,000
(हेलिकॉप्टर बुकिंग केवल GMVN और IRCTC की वेबसाइट से करें।)
चारों धाम तक कैसे पहुंचे?
यमुनोत्री
- हरिद्वार/ऋषिकेश से बड़कोट के रास्ते पहुंचें।
- जानकी चट्टी से 5-6 किमी ट्रेक करना होता है।
- बुजुर्गों के लिए खच्चर और पालकी की सुविधा उपलब्ध।
गंगोत्री
- हरिद्वार/ऋषिकेश/देहरादून से उत्तरकाशी होते हुए गंगोत्री तक सीधी गाड़ी।
- कोई ट्रेकिंग नहीं, गाड़ी मंदिर के पास तक जाती है।
- गंगोत्री में 29 अप्रैल को मां गंगा की डोली यात्रा भी आयोजित होगी।
केदारनाथ
- हरिद्वार/ऋषिकेश से सोनप्रयाग तक बस सेवा।
- सोनप्रयाग से गौरीकुंड (8 किमी) टैक्सी से और फिर गौरीकुंड से केदारनाथ धाम (20 किमी) पैदल ट्रेक।
- 2 मई सुबह 7 बजे कपाट खुलेंगे।
बद्रीनाथ
- हरिद्वार से जोशीमठ तक बस यात्रा, फिर जोशीमठ से बद्रीनाथ तक 40 किमी सड़क मार्ग।
- यहां गाड़ी से उतरने के बाद मंदिर तक कुछ ही मिनटों में पहुंच सकते हैं।
- 4 मई सुबह 6 बजे कपाट खुलेंगे।
- माणा गांव और चीन सीमा भी नजदीक हैं।
बिलकुल! यहाँ आपके आर्टिकल के लिए एक शानदार चारधाम यात्रा रूट मैप तैयार किया है, टेक्स्ट फॉर्मेट में, ताकि आप इसे कहीं भी आसानी से इस्तेमाल कर सकें।
चारधाम यात्रा रूट मैप (2025)
स्टार्टिंग प्वाइंट:
हरिद्वार या देहरादून
पहला धाम: यमुनोत्री
- हरिद्वार ➔ ऋषिकेश ➔ नरेंद्र नगर ➔ चंबा ➔ ब्रह्मखाल ➔ डामटा ➔ नवगांव ➔ बड़कोट ➔ जानकीचट्टी ➔ यमुनोत्री
- (230 किमी ड्राइव + 6 किमी ट्रैकिंग)
दूसरा धाम: गंगोत्री
- यमुनोत्री ➔ बड़कोट ➔ उत्तरकाशी ➔ भटवाड़ी ➔ हर्षिल ➔ गंगोत्री
- (210 किमी ड्राइव, सीधे मंदिर के पास तक गाड़ी जाती है)
तीसरा धाम: केदारनाथ
- गंगोत्री ➔ उत्तरकाशी ➔ टेहरी ➔ धरासू ➔ घनसाली ➔ त्रियुगीनारायण ➔ सोनप्रयाग ➔ गौरीकुंड ➔ केदारनाथ
- (275 किमी ड्राइव + 20 किमी ट्रैकिंग या हेलिकॉप्टर)
चौथा धाम: बद्रीनाथ
- केदारनाथ ➔ सोनप्रयाग ➔ रुद्रप्रयाग ➔ कर्णप्रयाग ➔ नंदप्रयाग ➔ जोशीमठ ➔ बद्रीनाथ
- (230 किमी ड्राइव)
वापसी:
- बद्रीनाथ ➔ जोशीमठ ➔ चमोली ➔ श्रीनगर ➔ ऋषिकेश ➔ हरिद्वार
चारधाम यात्रा का पूरा सरलीकृत रूट चार्ट
हरिद्वार/ऋषिकेश → यमुनोत्री → गंगोत्री → केदारनाथ → बद्रीनाथ → हरिद्वार/ऋषिकेश

सुरक्षा और सुविधाएं
- यात्रा मार्ग को 137 सेक्टर, 57 जोन और 37 सुपरजोन में बांटा गया है।
- हर रूट पर नि:शुल्क भोजन और रुकने की व्यवस्था।
- ओवरचार्जिंग रोकने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम।
- 100 से ज्यादा हिमालयन ट्रेंड ड्राइवर और गाइड यात्रियों के साथ।
यात्रा के लिए जरूरी बातें
- मेडिकल चेकअप कराना जरूरी।
- पहाड़ों के लिए ट्रैकिंग शूज, गर्म कपड़े, दस्ताने और टोपी साथ रखें।
- पहचान पत्र (आधार) हमेशा अपने पास रखें।
- अपनी गाड़ी से यात्रा करने पर RTO ऑफिस में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी।
यात्रा में क्या न करें
- जल्दबाजी में शरीर पर अतिरिक्त प्रेशर न डालें।
- निर्धारित रूट से न भटकें।
- अनधिकृत ट्रैवल एजेंट्स से हेलिकॉप्टर या पैकेज बुकिंग न कराएं।
- प्लास्टिक का अत्यधिक प्रयोग न करें।
यात्रा का रूट कैसे प्लान करें?
चारधाम यात्रा आमतौर पर हरिद्वार या ऋषिकेश से शुरू होती है। यात्रा का परंपरागत क्रम इस प्रकार है:
- गंगोत्री धाम (गंगा नदी का उद्गम स्थल)
- यमुनोत्री धाम (यमुना नदी का उद्गम स्थल)
- केदारनाथ धाम (भगवान शिव का प्रमुख तीर्थ)
- बद्रीनाथ धाम (भगवान विष्णु का प्रसिद्ध धाम)
हरिद्वार से टैक्सी, बस या प्राइवेट गाड़ी से चारधाम यात्रा की जा सकती है। कई टूर ऑपरेटर चारधाम यात्रा पैकेज भी ऑफर करते हैं।
ठहरने की व्यवस्था कैसी रहेगी?
- गंगोत्री और यमुनोत्री: यहाँ धर्मशालाओं, गेस्ट हाउस और छोटे होटलों में रुकने की सुविधा है। अग्रिम बुकिंग कराना बेहतर रहेगा।
- केदारनाथ: सोनप्रयाग या गौरीकुंड में होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ तक 16 किमी की पैदल यात्रा करनी होती है। केदारनाथ में भी बेसिक लॉज और टेंट सुविधा मिलती है।
- बद्रीनाथ: बद्रीनाथ में अच्छे होटल, धर्मशाला और सरकारी गेस्ट हाउस की पर्याप्त सुविधा है।
खर्च का अनुमान
- यात्रा खर्च: अगर आप टैक्सी से जा रहे हैं तो चारों धाम घूमने में करीब 50,000 से 70,000 रुपए का खर्च आ सकता है (परिवार के हिसाब से)। बस से जाने पर यह खर्च 25,000 से 35,000 रुपए तक सीमित हो सकता है।
- होटल और भोजन: प्रतिदिन का खर्च 1500-3000 रुपए के बीच हो सकता है, होटल की कैटेगरी पर निर्भर करता है।
- हेलीकॉप्टर सेवा: अगर आप केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का उपयोग करना चाहते हैं, तो प्रति व्यक्ति किराया करीब 6000-9000 रुपए लगेगा।
कुछ जरूरी टिप्स
- यात्रा से पहले फिटनेस पर ध्यान दें, क्योंकि कई जगह पैदल ट्रैक करना पड़ता है।
- गर्म कपड़े, जरूरी दवाइयां और टॉर्च साथ लेकर चलें।
- चारधाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन या ऑफलाइन अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा करना संभव नहीं है।
चारधाम यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ कठिनाई और रोमांच से भरी होती है। सही योजना और तैयारी से यह यात्रा यादगार बन सकती है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!