देहरादून। उत्तराखंड की पंचकेदार यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे श्रद्धालुओं के लिए शुभ समाचार है। भगवान शिव के पंच रूपों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 21 मई को और तृतीय केदार बाबा तुंगनाथ मंदिर के कपाट 2 मई को विधिपूर्वक शुभ मुहूर्त में खोले जाएंगे। मंदिर समिति और वेदपाठियों द्वारा पंचांग गणना के बाद यह तिथियां तय की गई हैं।
श्री मद्महेश्वर मंदिर – 21 मई को होंगे कपाट खुलने के भव्य दर्शन
पौराणिक गाथाओं में वर्णित पंचकेदारों में दूसरा स्थान रखने वाले मद्महेश्वर मंदिर के कपाट इस वर्ष 21 मई को बुधवार के दिन कर्क लग्न में, पूर्वाह्न 11:30 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे।
इससे पहले, 18 मई को ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली मंदिर परिसर में विशेष पूजा के बाद निकलेगी।
- 19 मई को डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी में रात्रि विश्राम करेगी।
- 20 मई को डोली गौंडार गांव में रुकेगी।
- 21 मई सुबह डोली मद्महेश्वर धाम पहुंचेगी और विधिविधान के साथ कपाट खोले जाएंगे।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि कपाट खुलने की तिथि तय होने के बाद रावल निवास सभागार में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई।
बाबा तुंगनाथ मंदिर – 2 मई को खुलेंगे कपाट
पंचकेदारों में तीसरे स्थान पर प्रतिष्ठित बाबा तुंगनाथ मंदिर के कपाट 2 मई को मिथुन लग्न में, पूर्वाह्न 10:15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
तुंगनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल मर्करेटेश्वर मंदिर, मक्कूमठ में आचार्य विजय भारत मैठाणी ने पूजा और पंचांग गणना के उपरांत यह तिथि घोषित की।
- 30 अप्रैल को डोली भूतनाथ मंदिर पहुंचेगी।
- 1 मई को यह डोली चोपता पहुंचेगी।
- 2 मई की सुबह, चोपता से बाबा तुंगनाथ की डोली तुंगनाथ मंदिर पहुंचेगी और विधिविधान से कपाट खोले जाएंगे।
तीर्थाटन और परंपरा की पुनः वापसी
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि दोनों धामों की डोली यात्रा पारंपरिक शैली में स्थानीय ग्रामीणों और भक्तों की सहभागिता से पूरी की जाएगी। यह केवल एक धार्मिक अवसर नहीं बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी है, जिसमें श्रद्धा, आस्था और परंपरा का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
पंचकेदार की यह यात्रा हर साल हजारों भक्तों को हिमालय की गोद में स्थित इन मंदिरों की ओर आकर्षित करती है। कपाट खुलने की तिथियों की घोषणा के साथ ही क्षेत्र में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की तैयारी भी तेज हो गई है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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