दंतेवाड़ा/रायपुर, 5 अप्रैल —छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में आयोजित ‘बस्तर पंडुम’ महोत्सव के समापन समारोह में पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने मां दंतेश्वरी के मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद लेने के बाद कहा कि, “मैं मां दंतेश्वरी से यह प्रार्थना करके आया हूं कि अगली चैत्र नवरात्रि तक बस्तर से लाल आतंक का पूरी तरह सफाया हो जाए और यह धरती फिर से खुशहाल और शांतिपूर्ण हो जाए।”
गृहमंत्री शाह ने अपने संबोधन में बस्तर महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव को भी याद किया और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, “भंजदेव की हत्या कांग्रेस की साजिश थी।” उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अन्याय था जिसे भुलाया नहीं जा सकता।

नक्सलवाद के खिलाफ सख्त संदेश
शाह ने बस्तर क्षेत्र में अब तक की सुरक्षा और विकास की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील की। उन्होंने कहा, “नक्सली आत्मसमर्पण करें, गांवों को नक्सलमुक्त करें। हर गांव को विकास के लिए एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही छत्तीसगढ़ पूरी तरह इससे मुक्त होगा।
रामनवमी पर विशेष संदेश
कार्यक्रम के दौरान शाह ने देशवासियों को रामनवमी और अष्टमी की बधाई दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल बताते हुए कहा, “आज के दिन मां दंतेश्वरी और रामलला दोनों का आशीर्वाद मिला है। इससे बड़ा शुभ अवसर कोई नहीं हो सकता।”
‘बस्तर पंडुम’ को मिलेगा अंतर्राष्ट्रीय मंच
बस्तर की जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में भी केंद्र सरकार ने कदम बढ़ाया है।
शाह ने घोषणा की कि अगले साल बस्तर पंडुम को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया जाएगा और देश-विदेश के राजदूतों को आमंत्रित कर बस्तर की कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “मोदी जी का संदेश लेकर आया हूं कि अगली बार बस्तर पंडुम में देश के सभी आदिवासी जिलों के कलाकार हिस्सा लेंगे। हमारी सरकार बस्तर की परंपराओं, कला और संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
मां दंतेश्वरी की पूजा से की शुरुआत
अमित शाह ने अपने दौरे की शुरुआत दंतेवाड़ा की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में पूजा-अर्चना से की।
समारोह के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री ने शाह का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। उन्हें बस्तर की ध्रुवा जनजाति द्वारा सिहाड़ी बीज से बनी माला पहनाई गई, गौर मुकुट और कोण्डागांव की प्रसिद्ध डोकरा कला की भेंट दी गई।
शाह ने यह भी कहा कि बस्तर पंडुम अब केवल एक उत्सव नहीं रहेगा, बल्कि यह बस्तर की अस्मिता और विकास का प्रतीक बनेगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आदिवासी जनता, स्थानीय कलाकार और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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