भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्कूटी योजना के तहत 7,900 मेधावी विद्यार्थियों को मुफ्त स्कूटी वितरित की गई। बुधवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 12 विद्यार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से स्कूटी की चाबियां सौंपी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने छात्रों से बातचीत की और उन्हें सफलता के साथ नैतिकता का महत्व समझाया।
छात्रों से संवाद: आईएएस, जज, वैज्ञानिक बनने की इच्छा, पर नेता बनने में रुचि नहीं
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने जिन 12 छात्रों से बात की, उनमें से किसी ने भी नेता, शिक्षक या उद्योगपति बनने की इच्छा नहीं जताई। उन्होंने बताया कि कुछ विद्यार्थी आईएएस, जज, इनकम टैक्स अधिकारी, वैज्ञानिक और सैनिक बनने की बात कर रहे थे, लेकिन राजनीति को किसी ने प्राथमिकता नहीं दी।
प्रधानमंत्री पर टिप्पणी: “चायवाले ने जीरो बैलेंस पर खाता खोलकर दिखाई ताकत”
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि वे दो बार प्रधानमंत्री रहे और अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ थे, फिर भी उन्हें यह समझ नहीं आया कि जीरो बैलेंस पर खाता खोलकर बहुत कुछ किया जा सकता है। वहीं, “चायवाले प्रधानमंत्री” ने यह कर दिखाया और साबित कर दिया कि सब कुछ संभव है।
छात्र जीवन का प्रसंग: पेट्रोल महंगा था, सोच-समझकर चलाते थे गाड़ी
मुख्यमंत्री ने अपने छात्र जीवन का अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब वे मेडिकल की पढ़ाई के लिए इंदौर गए, तो पार्टी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा। उन्होंने मेडिकल छोड़कर बीएससी की और तीन बार लगातार चुनाव जीते। उन्होंने कहा, “पांच रुपये लीटर पेट्रोल था, फिर भी उसे खरीदना मुश्किल था, इसलिए सोच-समझकर गाड़ी चलाते थे। आज आप स्कूटी को बिजली से चार्ज करें और निश्चिंत होकर दौड़ाएं, लेकिन अपने लक्ष्य को न भूलें।”
प्रतिभा के साथ नैतिकता भी जरूरी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल प्रतिभा से कुछ नहीं होगा, बल्कि नैतिकता भी उतनी ही आवश्यक है। उन्होंने रावण का उदाहरण देते हुए कहा कि उसके पास धन, संपत्ति और ज्ञान था, लेकिन नैतिकता नहीं थी, इसलिए वह अपयश का भागी बना। उन्होंने छात्रों को देश सेवा के प्रति प्रेरित करते हुए पन्नाधाय और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का उदाहरण दिया और कहा कि “प्रतिभा के साथ-साथ हमें यह भी देखना होगा कि हम अपने ज्ञान और क्षमता का उपयोग केवल स्वयं के लिए कर रहे हैं या समाज और देश के लिए भी।”
सरकारी स्कूलों के छात्रों को मिला लाभ
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस योजना के अधिकतर लाभार्थी सरकारी स्कूलों के छात्र हैं। उन्होंने कहा कि “यह हमारे लोकतंत्र और शिक्षा व्यवस्था की सफलता को दर्शाता है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भी मेधावी हैं और आगे बढ़ सकते हैं।”
मुख्यमंत्री ने छात्रों को देश सेवा और समाज कल्याण को प्राथमिकता देने का संदेश दिया और स्कूटी योजना को उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया।